हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है?
“मुझे गिरना नही चाहीए, मुझे चिंता नही करनी चाहीए ”
गिरा जाता है
“निराश होना”
परमेश्वर पर भरोसा रख
लेखक अपने प्राणो को परमेश्वर पर भरोसा रखने को लगातार कहता और हुक्म देता रहता है।