hi_tn/psa/042/011.md

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2021-08-16 21:23:19 +00:00
# हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है?
“मुझे गिरना नही चाहीए, मुझे चिंता नही करनी चाहीए ”
# गिरा जाता है
“निराश होना”
# परमेश्‍वर पर भरोसा रख
लेखक अपने प्राणो को परमेश्‍वर पर भरोसा रखने को लगातार कहता और हुक्म देता रहता है।