Sun Apr 23 2023 10:12:43 GMT+0545 (Nepal Time)
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\v 33 \v 34 \v 35 33 भुकभुको उजियारो होन लागो रहए, पावल बिनके खानु खानके कहि रहए | बो कहि, “आजको चौध दिन हुइगओ हए, तुम अलमलमे पणके भुखे कछु नाए खाएके बैठे हौ 34 जहेमारे कछु खबओ करके मए तुमसे कहात हौँ | कुछ खाएहौँ तव तुम बल पाएहौँ, तुमरो मुडको एक बार फिर नष्ट नाए हुइहए |” 35 जा बात कहिके पिच्छु बे रोटी लैँ और सबके अग्गु परमेश्वरके धन्यबाद चढाई और तोडके खान लागे |
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