From fbc1da193c6428a1075bbe695f0d7fc20650bcb8 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Sun, 23 Apr 2023 10:12:44 +0545 Subject: [PATCH] Sun Apr 23 2023 10:12:43 GMT+0545 (Nepal Time) --- 27/33.txt | 1 + 27/36.txt | 1 + 2 files changed, 2 insertions(+) create mode 100644 27/33.txt create mode 100644 27/36.txt diff --git a/27/33.txt b/27/33.txt new file mode 100644 index 0000000..fcc89ea --- /dev/null +++ b/27/33.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 33 \v 34 \v 35 33 भुकभुको उजियारो होन लागो रहए, पावल बिनके खानु खानके कहि रहए | बो कहि, “आजको चौध दिन हुइगओ हए, तुम अलमलमे पणके भुखे कछु नाए खाएके बैठे हौ 34 जहेमारे कछु खबओ करके मए तुमसे कहात हौँ | कुछ खाएहौँ तव तुम बल पाएहौँ, तुमरो मुडको एक बार फिर नष्ट नाए हुइहए |” 35 जा बात कहिके पिच्छु बे रोटी लैँ और सबके अग्गु परमेश्वरके धन्यबाद चढाई और तोडके खान लागे | \ No newline at end of file diff --git a/27/36.txt b/27/36.txt new file mode 100644 index 0000000..dfa852e --- /dev/null +++ b/27/36.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 36 \v 37 \v 38 36 तव बे फिर हौसला पाएके कुछ खानबारी चीज खाइँ | 37 [जहाजमे होनबारे हम जम्मा दुई सय छयहत्रर जनै रहए |] 38 बे अघाएके खाएके पिच्छु जहाज हलको करन ताहिँ समुन्द्रमे गेहुं फेक दैं | \ No newline at end of file