Wed May 10 2023 17:06:25 GMT+0545 (Nepal Time)

This commit is contained in:
tsDesktop 2023-05-10 17:06:26 +05:45
parent 5d2267880b
commit ac0acaff2b
5 changed files with 5 additions and 5 deletions

View File

@ -1 +1 @@
\v 27 \v 28 27 तव जब चौथो रात भई, और एडियास समुन्द्रमे हम उतरत् रहए, तव आँधी रात घेन जहाज चलन बारे हम कोइ जमिनके ढिगैं पुगे हए करके अनुमान करीँ, 28 और गहेराई नापके देखि बे सैतिस मिटर पता लगाई थुरदुर जाएके फिर गाहेराई नपाके बे छब्बीस मिटर पता लगइँ \v 29 29 और कोइ चट्टान उपर ठ्क्कर खान पुगे हँए कि डरसे बे जहाजके पिच्छुसे चार लंगार गिरइ, और सुबेरे होबए करके प्रार्थना करत रहए |
\v 27 27 तव जब चौथो रात भई, और एडियास समुन्द्रमे हम उतरत् रहए, तव आँधी रात घेन जहाज चलन बारे हम कोइ जमिनके ढिगैं पुगे हए करके अनुमान करीँ, \v 28 28 और गहेराई नापके देखि बे सैतिस मिटर पता लगाई थुरदुर जाएके फिर गाहेराई नपाके बे छब्बीस मिटर पता लगइँ \v 29 29 और कोइ चट्टान उपर ठ्क्कर खान पुगे हँए कि डरसे बे जहाजके पिच्छुसे चार लंगार गिरइ, और सुबेरे होबए करके प्रार्थना करत रहए |

View File

@ -1 +1 @@
\v 30 \v 31 \v 32 30 जब नैया चलान बारे जहाजसे भाजन ढुडत रहए, और अग्गुसे लंगार गिर्नके बहानासे नैया समुन्द्रमे डरीरहए | 31 तव पावल कप्तान और सिपाहीसे कहि, “जे आदमी जहाजमे बैठहँए नाए कहेसे तुम वाँचनाए पाएहौ |” 32 तव सिपाही जहाजकी रस्सी काटदै, जहाजके जान दैं |
\v 30 30 जब नैया चलान बारे जहाजसे भाजन ढुडत रहए, और अग्गुसे लंगार गिर्नके बहानासे नैया समुन्द्रमे डरीरहए | \v 31 31 तव पावल कप्तान और सिपाहीसे कहि, “जे आदमी जहाजमे बैठहँए नाए कहेसे तुम वाँचनाए पाएहौ |” \v 32 32 तव सिपाही जहाजकी रस्सी काटदै, जहाजके जान दैं |

View File

@ -1 +1 @@
\v 33 \v 34 \v 35 33 भुकभुको उजियारो होन लागो रहए, पावल बिनके खानु खानके कहि रहए | बो कहि, “आजको चौध दिन हुइगओ हए, तुम अलमलमे पणके भुखे कछु नाए खाएके बैठे हौ 34 जहेमारे कछु खबओ करके मए तुमसे कहात हौँ | कुछ खाएहौँ तव तुम बल पाएहौँ, तुमरो मुडको एक बार फिर नष्ट नाए हुइहए |” 35 जा बात कहिके पिच्छु बे रोटी लैँ और सबके अग्गु परमेश्वरके धन्यबाद चढाई और तोडके खान लागे |
\v 33 33 भुकभुको उजियारो होन लागो रहए, पावल बिनके खानु खानके कहि रहए | बो कहि, “आजको चौध दिन हुइगओ हए, तुम अलमलमे पणके भुखे कछु नाए खाएके बैठे हौ \v 34 34 जहेमारे कछु खबओ करके मए तुमसे कहात हौँ | कुछ खाएहौँ तव तुम बल पाएहौँ, तुमरो मुडको एक बार फिर नष्ट नाए हुइहए |” \v 35 35 जा बात कहिके पिच्छु बे रोटी लैँ और सबके अग्गु परमेश्वरके धन्यबाद चढाई और तोडके खान लागे |

View File

@ -1 +1 @@
\v 36 \v 37 \v 38 36 तव बे फिर हौसला पाएके कुछ खानबारी चीज खाइँ | 37 [जहाजमे होनबारे हम जम्मा दुई सय छयहत्रर जनै रहए |] 38 बे अघाएके खाएके पिच्छु जहाज हलको करन ताहिँ समुन्द्रमे गेहुं फेक दैं |
\v 36 36 तव बे फिर हौसला पाएके कुछ खानबारी चीज खाइँ | \v 37 37 [जहाजमे होनबारे हम जम्मा दुई सय छयहत्रर जनै रहए |] \v 38 38 बे अघाएके खाएके पिच्छु जहाज हलको करन ताहिँ समुन्द्रमे गेहुं फेक दैं |

View File

@ -1 +1 @@
\v 39 \v 40 \v 41 39 उजियारो हुइके पिच्छु फिर बे बो ठाउँ चिन नाए पाइँ, पर बे एक ढाहो देखिँ | जाको बलौटे किनरे रहए | जहाजके हुवाँ किनारे लगनके योजना बे करीँ | 40 बे लंगार झारत्, और समुन्द्रमे रहन दैं | बहेबारे डबना बाधो भई रस्सी खोल्दै | अग्गु पाल उठाएके हव्वा घेन घुमाए दैं और जहाजके किनारेसे बढाइँ | 41 तव पानी तरे लुको रेताको रासमे जहाज ठुक्के हुवाँए धसिगै, अग्गुको भाग अट्क गव और चलाए नाए पाइँ, और पिच्छुको भाग त लाणुरसे झोका खाएके टुटान लागो |
\v 39 \v 40 39 उजियारो हुइके पिच्छु फिर बे बो ठाउँ चिन नाए पाइँ, पर बे एक ढाहो देखिँ | जाको बलौटे किनरे रहए | जहाजके हुवाँ किनारे लगनके योजना बे करीँ | 40 बे लंगार झारत्, और समुन्द्रमे रहन दैं | बहेबारे डबना बाधो भई रस्सी खोल्दै | अग्गु पाल उठाएके हव्वा घेन घुमाए दैं और जहाजके किनारेसे बढाइँ | \v 41 41 तव पानी तरे लुको रेताको रासमे जहाज ठुक्के हुवाँए धसिगै, अग्गुको भाग अट्क गव और चलाए नाए पाइँ, और पिच्छुको भाग त लाणुरसे झोका खाएके टुटान लागो |