विवाह का अभिप्राय यीशु और उसके लोगों के हमेशा के लिए मिलन से है.
दण्डवत् करने का अर्थ अपने आप को ज़मीन पर मुँह के बल लेटाना, सम्मान और सेवा भाव दिखाने के लिए. 19:3 पर नोट देखें