hi_tn/jhn/08/12.md

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# जगत की ज्योति मैं हूं।
देखें आपने "ज्योति" का अनुवाद यूह में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद, "मैं ही हूं जो जगत को ज्योति देता हूँ।"
# जगत
"संसार के मनुष्यों"
# जो मेरे पीछे हो लेगा
"वह हर एक जन जो मेरा अनुसरण करेगा" यह एक रूपक है जिसका अर्थ है, "वह हर एक जन जो मेरी शिक्षाओं पर चलता है“, या "मेरी आज्ञा मानने वाला हर एक जन"
# वह अन्धकार में न चलेगा
अन्धकार में न चलेगा, यह पाप के जीवन के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद, "उसका जीवन ऐसा नहीं रहेगा कि मानो वह अन्धकार में जी रहा है"
# तू अपनी गवाही आप देता है।
"तू तो अपनी ही प्रशंसा कर रहा है"।
# तेरी गवाही ठीक नहीं
"तेरी गवाही उचित नहीं है", "तू स्वयं अपना गवाह नहीं हो सकता" या "जो तू अपने बारे में कहता है वह हो सकता है कि सच न हो"।