hi_tn/dan/07/06.md

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बाद मैंने दृष्टि की और देखा कि चीते के समान एक और जन्तु है।

यह एक वास्तविक चीता नहीं था, बल्कि एक जन्तु का प्रतिक था जो चीते के समान था।

चार पंख ... चार सिर

चार पंख और चार सिर उसके अधिकार हैं, लेकिन उनका अर्थ स्पष्ट नहीं है।

उस जन्तु के चार सिर थे

"उस जन्तु के चार सिर थे"

उसको अधिकार दिया गया।

इस वाक्‍य में कहा जा सकता है कि उस जन्तु को अधिकार दिया गया।

एक चौथा जन्तु ... उसके दस सींग हैं।

यह भी असम में जन्तु नहीं है। यह एक जनवर का प्रतीक है।

उसे पैरों से रौंदता है।

वह जन्तु जो बच जाता है उसे पैरों से कुचल देता है।