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यीशु यूहन्ना जनसमूह से बपतिस्मा देने वाले ही की चर्चा करता है।
उपमा किससे दूँ?
यह प्रश्न का आरंभ है। यीशु इससे अपने युग के मनुष्यों की तुलना करना आरंभ करता है और बाजार में बैठे हुए बालकों से करता है। वह प्रश्न पूछ कर आरंभ करता है (देखें )
वे उन बालकों के समान हैं जो बाजरों में बैठे हुए एक दूसरे से पुकार कर कहते हैं।
इस उपमा का अर्थ हो सकता है (1) यीशु ने बाँसुरी बजाई और यूहन्ना ने ”विलाप किया“ परन्तु ”इस पीढ़ी न तो नाची और न विलाप किया, आज्ञाकारिता की आलोचना की कि वे व्यवस्था का पालन नहीं करते। व्यवस्था में जोड़े गए उनके अपने नियम
इस समय के लोगों
"आज जो लोग हैं", या "ये लोग", या "इस पीढ़ी के तुम लोग" (देखें यू.डी.बी.)
बाजार
यह एक खुला मैदान होता या जहाँ व्यापारी अपना सामान बेचने आते थे।
हमने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाई।
"हमने" अर्थात बाजार में बैठे बालक "तुम्हारे" अर्थात वह पीढ़ी या वह जनसमूह जो संगीत सुनकर प्रतिक्रिया नहीं दिखाता है।
बाँसुरी
यह एक लम्बा खोखला वा़द्य यन्त्र है जिसे एक सिरे से फूंक कर बजाया जाता था।
पर तुम न नाचे
"परन्तु तुम संगीत के अनुसार नहीं नाचे"
तुमने छाती नहीं पीटी।
"तुम हमारे साथ रोए नहीं"