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सीनै पर्वत पर इस्राएलियों के अनुभव के साथ तुलना करके लेखक मसीह की मृत्यु के बाद विश्वासियों के अनुभव से निमित्त करता है। लेखक कहता है कि वही परमेश्वर आज भी हमें चेतावनी देता है।
पृथ्वी को हिला दिया.... हिला दूंगा।
आप पृथ्वी के कंपन और घरों के गिरने के लिए अपनी भाषा का शब्द जैसे भूकम्प काम में लें।
तुम
पाठकगण
वे लोग.... न बच सके
वैकल्पिक अनुवाद: “यदि इस्राएल से दण्ड से न बच पाए”
हम
लेखक एवं पाठक
चेतावनी देने वाले.... उसने फिर प्रतिज्ञा की है
“परमेश्वर जो चेतावनी देता है... परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है”।