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(11वें पद में इलिमास के साथ शुरू हुई बातचीत को पौलुस आगे बढाता है।)
प्रभु का हाथ तुझ पर लगा है
अर्थात परमेश्वर की सामर्थ्य तुझे दंड देने को तैयार है”। अनुवाद करते समय हम इसे “परमेश्वर तुझे दंड देगा” भी लिख सकते हैं।
तू..............अंधा रहेगा
“परमेश्वर तुझे अँधा बना देगा”
और सूर्य को न देखेगा
इलिमास पूरी तरह से अँधा हो जाएगा। यहाँ तक कि उसे सूर्य की रोशनी भी नहीं दिखेगी
कुछ समय तक
“कुछ अवधि के लिए” या फिर “परमेश्वर द्वारा नियत समय के लिए”
तब तुरंत अंधापन और अँधेरा छा गया
“तब इलिमास पर एक धुंध और अँधेरा छा गया” या फिर, “एक अंधियारी धुंध इलिमास की आँखों पर छा गयी” या फिर, “तब इलिमास की दृष्टि धुंधली हो गयी और फिर उनमे अँधियारा छा गया” या फिर, “इलिमास की दृष्टि धुंधली हो गयी और फिर उसे दिखना बंद हो गया”
और वह इधर-उधर टटोलने लगा
“इलिमास भटकने लगा” या फिर, “इलिमास इधर-उधर छू-छूकर चलने लगा”
हाकिम
रोमी प्रान्त का अधिकारी। अनुवाद करते समय इसे “अधिकारी” भी लिख सकते हैं।
विश्वास किया
“हाकिम ने विश्वास किया” या फिर, “हाकिम ने यीशु पर विश्वास किया”
उपदेश से चकित होकर
“हाकिम उपदेश से चकित हुआ और” या फिर, “हाकिम को बहुत आश्चर्य हुआ”