अर्थात “कुरनेलियुस को मिले दर्शन के समाप्त होने पर”
अर्थात कुरनेलियुस ने अपने दो सेवकों और सिपाही को अपने दर्शन बताया
अपने दो सेवकों और सिपाही को याफा भेजा।