\v 5 बाको नाँउके ताहिँ सबए जातिठिन विश्वासके आज्ञाकारिताके तँहि हम बासे अनुग्रह और आगुवको काम पाए हँए|
\v 6 जे जातिन मैसे तुम फिर येशू ख्रीष्टको होन बुलाए भए हौ।
\v 7 जा पत्र रोममे भए सबएके तँहि हए, आथव परमेश्वर प्रिय, जो पवित्र जाति होन बोलाएभए हँए ।हमर परमेश्वर और प्रभु येशू ख्रीष्टको अनुग्रहऔर शान्ति तुममे रहबए।
\v 10 परमेश्वरको इच्छासे जैसे फिर मए तुमरठिन आनके सफल होन सकौं कहिके मए साद मिर प्रार्थनामे अनुरोध करत हौँ ।
\v 11 मए तुमके भेटन गजब इच्छा करत हौँ, ताकि तुमके तगडो बनानके ताँहि मए तुमके कुछ वरदान दै पामउँ ।
\v 12 अइसी तुमर और मिर एक-दुस्रेको विश्वाससे मए आपसि रुपमे उत्साहित होन गजब इच्छा करत हौँ ।
\v 13 मए बिषेस ः तुमर ठिन आन इच्छा करो कहि बातमे तुम अन्जन होबओ कहिके मए ना चाहँत हौँ, पर मोके अभेसम्म रोकोगव हए। मए बाँकी गैरयहूदीनके बिचमे जैसो तुमर बिचमे फिर कुछ फल पानके ताँहि जा चाहो हौँ।
\v 14 मए यहूदीन् और विदेशीन्, बुद्धिमनिन् और मूर्खन दुनैको ऋणी हौँ ।
\v 15 जहेमारे मिर हकमे मए तुम रोममे होन बारेनके फिर सुसमाचार प्रचार करन तयार हौं।
\p
\v 16 मए सुसमाचारके ताँहि ना शर्मात हौँ, काहेकि जा विश्वास करन बारे सबय के ताँहि परमेश्वारको मुक्तिको शक्ति हए, पहिले यहुदी और जकपिच्छु ग्रिकनके ताँहि ।
\v 19 जा परमेश्वरके बारेमे अनजान भइ बात बिनके दृश्य होनके करनसे है काहेकि परमेश्वर बिनके प्रकाश दै हए ।
\v 20 काहेकि संसारकी उत्पत्तिसे बाक अदृश्य पक्ष स्पष्ट रुपमे दृश्य भए हँए । बे सृजेभए चिजनके द्वारा बुझेगए हँए। जे पक्ष बाको अनन्त शक्ति और ईश्वरीय स्वभाव हँए। परिणामस्वरुप जे आदमीनके कोई बहाना ना हए।
\v 21 जा बे परमेश्वरके चिनके फिर बे बाके परमेश्वरके रुपमे महिमा नदेन के करनसे भौ हए । बरु बे अपनी बिचारमे मुर्ख भए, और बिनको अचेत हृदय अँध्यारो भव।
\v 27 अइसी पुरुष फिर स्त्रीसंगको स्वभाविक कामके छोडीँ, और एक -दुस्रेघेन स्वभविक व्यवहार छोड के एक दुसरे घेन शरम लागन बारो कामके जलनमे लगो और लोग लोगसे निर्लज्ज काम करि, औ अपनी शरीरमे अपन कसुरके उचित दण्ड भोगी|
\v 29 बे अधार्मिकता, दुष्टता, लोभ, हिर्ससे भरे हँए | बे दिक्क, हत्या, लडाई झगडा, छल बिजरोसे भरे होत हँए, और बे औरेक बात काटनो,
\v 30 और बदनाम कारन बारो परमेश्वरके घृणा करन बारो, हेँकड, अहंकारी, अभिमानी, दुष्ट बात रचके नेगन बारो, अइया दौवाक आज्ञा पालन ना करन बालो
\v 31 मुर्ख, विश्वास घाती, निर्दयी, और झन्नी होत हए ।
\v 32 अइसो करन बारे मरन योग्य होत हँए कहिके परमेश्वरको नियमके बे जानत हँए । पर बे जा थोक करन इकल्लो ना हए, बे आइसो करनबारेन संग सहमत फिर होतहँए ।
\c 2
\cl Chapter 2
\p
\v 1 जहेमारे तुमके कोइ बहाना नैयाँ । ए आदमी, ताय जौन न्याय करत हौ औ ताय दुस्रेके जोके ताँहि दोष लगात हौ तुम अपनै फिर बहेमे दोषी ठरैगे । काहेकी ताय न्याय करन बारो फिर बेही बात करतहौ ।
\v 2 पर आइसो बात बारेनके उपर परमेश्वरको न्याय होत सत्यताके जैसो हुइ हए कहिके हम जानत हँए ।
\v 3 पर ए आदमी, जाकेताए अइसो काम करन बालेके दोष लगात हए, और अपना फिर बहे काम करत हौ, का परमेश्वरको न्यायसे वाचङगे कहिके तए सोचत हौ?
\v 4 या परमेश्वरको कृपासे तोके पश्चताप घेन लैजात हए कहिके पत्ता नपाइके का तय बक दया, सहनशिलता और धैर्यको प्रशस्तताके खराब मानत हौ?
\v 5 तव परमेश्वरको धार्मिकताको न्याय प्रकट होन बारो दिक्कके दिन ताहि अपनो कठोर और अपश्चात्तापी हृदय करके तुम अपने ताहि दिक्कको जमा लगात हौ ।
\p
\v 6 काहेकि बो हरेक मानैनको उनको काम अनुसार देमंगे ।
\v 7 धैर्यसे अच्छो काम करके महिमा, इज्जत और अमरत्तो ढुड्नबारेनके चाँही बो अनन्त जीवन देबैगो ।
\v 8 पर झगडालु, सत्यको पालन ना करनबारो, और दुष्टतामे नेगन बारेन के उपर ता क्रोध और दिक्क पडइगो|
\v 9 खराब काम करन बारे सबयआदमी के उपर सङ्कट और आफत आए पडइगो, पहिले यहूदी उपर और अन्यजातिके उपर फिर|
\v 10 और अच्छे काम करन बारे सबयके पहिले यहूदीनके उपर और अन्यजातिके फिर गौरव, इज्जत और शान्ति प्राप्त होबइगो
\v 11 काहेकी परमेश्वर पक्षपात ना करत हए|
\v 12 सबए जौन व्यवस्थाविना पाप करी हँए, बे व्यवस्था विनासे नष्ट फिर होमंगे, और व्यवस्थाके तरे रहीके फिर पाप करनबारेनके न्याय व्यवस्थाद्वारए सेहोबाइगो |
\v 13 काहेकी व्यवस्था सुनन बारे परमेश्वरके अग्गु धर्मी ना ठहरङगे, पर व्यवस्था पालन करन बारे धर्मी ठहरङगे|
\v 14 काहेकी व्यवस्था नहोनबारे अन्यजातीको स्वभावएसे व्यवस्था अनुसार काम करत हए, कहिकेबिनके व्यवस्था नहुइसे फिर बे अपन ताँहि अपनए व्यवस्था होमाङगे|
\v 15 व्यवस्थासेचाँहन बालि बात अपन हृदयमे लिखो भव बे दिखात हएँ, और बिनकी अपनी दिमाकसे फिर गवाही देत हए, और बिनको विचार कभी विनके दोष लागत हए, और कभी समर्थन करत हए |
\v 16 औ परमेश्वरप्रति फिर जहे बात लागु हुइहए । जा बा दिन हुइ हए जब परमेश्वर मोके प्रचार करो भव सुसमाचार-अनुसार येशू ख्रीष्टसे आदमीको गोप्य बातके न्याय करइगो ।
\p
\v 17 और अगर तुम यहूदी हौ कहेसे व्यवस्थामे भरोसा पडके परमेश्वरसँगको सम्बन्धमे घमण्ड करत हौ,
\v 18 और बाकी इच्छा जानत हौ, और व्यवस्थासे सिकाइ भइ अच्छी बातके मानत हौ,
\v 19 और तुमके जा पक्का हए कि तुम अन्धाको अगुवा हौ, और अन्धकारमे होनबारेके ताहिं ज्योति हौ,
\v 20 मुर्खके सुधारत हौ, अपरिपक्कके शिक्षा देत हौ, काहेकी व्यवस्थामे सबै बुध्दि और सत्यता प्राप्त करे हौ
\v 21 - जब तुम दुसरेन्के सिखात हओ, तव का आपनएके ना सिखात हओ? जब तुम चोरिके विरुद्धमे प्रचार करत हओ, का तुम अपनाए चोरी करत हओ?
\v 22 तुम, जौन व्यभिचार ना करौ कहिके कहत हओ, का तुम अपनाए व्यभिचार करत हौ? तुम जौन मुर्तिके घृणा करत हौ, का तुम अपनाए मन्दिरके लुटत हौ?
\v 23 तुम जौन परमेश्वरको व्यवस्थामे गर्वके साथ रमात हौ, का तुम व्यवस्था भङग करके परमेश्वरको अनादर करत हौ?
\v 25 यदि तुम व्यवस्था पालन करत हौ कहेसे वास्तवमे खतनासे निहत्तै तुमके फाइदा हए, पर व्यवस्था भङग करनबारे हौ कहेसे तुमर खतना बेखतना होत हए|
\v 26 अगर शरीरमे बेखतना भव व्यवस्थाके धार्मिक-विधान पालन करत हौ कहेसे, का बिनको बेखतना खतनामे ना गिनैगो का?
\v 27 तव शरीरमे खतना ना भव फिर व्यवस्था चाँही पालन करन बाले लिखित व्यवस्था भए और खतना फिर भए तुम व्यवस्था भङग करन बारेके दोषी ठहरात हौ|
\v 28 काहेकि बा यहूदी ना हए जो बाहिरी रुपसे इकल्लो यहूदी हए, उइसीयए निहत्तै खतना फिर बाहिरी और शारीरिक बात नैयाँ|
\v 29 यहूदी बो हए, जो भित्री रुपसे यहूदी हए, और निहत्तै खतना त हृदयकि बात हए, जा आत्मिक बात हए, लिखित व्यवस्थाकि बात नैयाँ ।अइसो आदमी को प्रशंसा आदमी से नाए, पर परमेश्वरसे होत हए ।
\c 3
\cl आध्याय
\p
\v 1 अब यहूदीके का फाइदा हए त? अथाव खतनाको का मोल?
\v 2 हरतरहासे जा मे गजब फाइदा हए| सबसे अग्गु त परमेश्वरको वाणी यहूदीके सौँपदै हए|
\v 3 अगर बिनमैसे कोइ कोइ विश्वास नाकरी कहेसे, का हुइहए ता? का बिनकी अविश्वास परमेश्वरको विश्वासयोग्यताके रद्ध करत हए का?
\v 4 उइसो ना होबाए, परमेश्वर सत्य और सब आदमी झुठे ठहरे। जैसो लिखो हए, “तुम अपन वचनमे ठिक ठहरओ, और न्याय होतए तुमविजय होबाओ|”
\v 5 और हमर अधार्मिकतामे परमेश्वरको धार्मिकताके प्रकाशमे लातहए, तव हम का कहँए? का परमेश्वरको दिक्क हमरउपर आएपाडो तव बो अन्याय करत हए? (मए मानवीय जैसितर्क करतहौ|)
\v 7 पर अगर मिर झुटसे परमेश्वरको सत्यता बक महिमाके ताहिँ प्रशस्त प्रशंसा प्रदान करत हए कहेसे मोके अभेफिर काहे पापीके रुपमे न्याय करत हँए?
\v 8 काहे नकाहँएं, जइसी हमके झुठे रुपमे आरोप लागत हएँ, और कोइ ता पुष्टि करत हँएँ, कि हम काहत हँए, “दुष्ट काम कारएँ, ताकि असल आबए ।" बिनको न्याय उचित हए ।
\p
\v 9 अइसो हए तौ का? का हम अपनए आपनो सफाइ देत हँए? आइसो नाहोबए! काहेकी यहूदीन् और ग्रिक सबए पापके अधीनमे रहँए कहिके हम पहिलियए दोष लगाएडरे हँए ।
\v 10 जइसो लिखो हए, “धर्मी कोइ नैयाँ, एक जनै फिर नैयाँ, ।
\v 19 अब हम जानत हएँ, जो-जित्तो व्यवस्था कहत हए, व्यवस्थाके तरे होन बारेसे कहत हए, कि हरेक मुहू चूप लागौ, और सारा संसार परमेश्वरके अग्गु जवाफ देन बारो होबए|
\v 9 तव का जा आशिर्वाद खतनाबालेनके ताँहि मात्र हए? कि बेखतनाबालेनके ताँहि फिर हए? काहेकी हम कहत हँएं, अब्राहामके ताँहि त उनको विश्वाससे धार्मिकताके रुपमे गिनो ।
\v 10 अैसो हए कहेसे, जा कैसे गिनीगौ तौ? अब्राहाम को खतना होनसे अग्गु अथाव पच्छु? जा खतनामे होत ना भौ रहए, पर बेखतनामे भौ रहए।
\v 11 अब्राहाम खतनाको चिनहा पाइ।जा विश्वासको धार्मीकताकी छाप रहए, जो बा खतना होनसे पहिले पाइ गौ रहए । जा चिनहाको फल ता बे खतना होनसे पहिलियए बा विश्वास करन बारे सबएक पिता बनो । जक मतलब जा हएकी बो धार्मीकता बिनके ताँहि धार्मीकतामे गिनैगो ।
\v 12 जक मतलब जा हएकी अब्राहाम खतनासे आए भए बालेक ताँही इकल्लो नाए, पर हमर पिता अब्राहामके पिछुवान बालेनके ताँहि फिर पिता बनो । और बो खतना होनसे पहिलियए बक संग विश्बास रहए ।
\p
\v 13 काहेकी संसारके उत्तरधिकारी होनके ताँहि अब्राहाम और उनको वंशके दओ प्रतिज्ञा व्यवस्थासे ना दैरहए, पर जा विश्वासके धार्मिकतासे रहए ।
\v 14 काहेकि अगर बो व्यवस्था पालन करनबारे मात्र उत्तराधिकारि हँंएं कहेसे विश्वासके त खाली बानइ और प्रतिज्ञाके रद्द करीँ ।
\v 15 काहेकी व्यवस्था दिक्क लतहए, पर जहाँ व्यवस्था नैयाँ बोहुअँ अपराध फिर ना हुइहए ।
\v 16 जहेमारे जा विश्वासकेउपर होत हए, काहेकि बो अनुग्रहउपर हुइ पाबए ।फलके रुपमे, प्रतिज्ञा सबए सन्तानके ताँहि पाक्को हए। और जे सन्तान व्यवस्था इकल्लो जानन बरेनके ताँहि ना हए, पर बे अब्राहामकी विश्वाससे आएभएनके फिर समेटत हए ।काहेकी बो हम सबकी पिता हए।
\v 18 जे सबए बाहिरी परिस्थिती होतसोत फिर भविष्याके ताँहि अब्राहाम परमेश्वरमे दृढ भरोसा करी। तहिकमारे बा “तिर बाच्चा आइसी होमंगे" कहोजैसो गजब जातिनकि पिता बनो ।
\v 19 बो विश्वासमे कमजोर ना रहए। अब्राहाम जानिगौ की बक शरीरमे बाच्चा जलमन तागत ना रहए । (काहेकी बो करिब सौ वर्ष घेन पुगिगौ रहए) । साराकी कोख फिर बाच्चा जलमान ताँहि तागत ना रहए फिर बि बा स्वीकार करी ।
\v 20 पर परमेश्वरकी प्रतिज्ञाके कारण, अब्राहामके कुछु शङ्का (अविश्वास) ना रोकी । बरु, बाके विश्वासमे पाक्को बनाइ और बा परमेश्वरकी प्रशंसा करी ।
\v 21 परमेश्वर जो बात प्रतिज्ञा करी रहए, बो बा बात पुरा करन ताँहि होन्नरी रहए बा पूर्ण रुपमे विश्वस्त रहए ।
\v 22 “जहेमारे फिर बा को विश्वास ““बाके ताँहि धार्मिकता गिनी ।”
\p
\v 23 अब जा केवल बाको भलाईके ताँहि ना गिनो रहए ।
\v 24 जा हमर ताँहि फिर लिखो गौ रहए, जौनके ताँहि गिनन बारो हए, हम जौन हमर येशू प्रभुके मरके जिन्दा करन बारोमे विश्वास करत हँए ।
\v 1 हम विश्वाससे धर्मी ठहारानके करणसे हमर येशू ख्रीष्टसे हम परमेश्वरसंग शान्तिमे हँएं ।
\v 2 हम बोक उपरको विश्बवाससे जा अनुग्रहमे घूसन् पाए हँए । जा अनुग्रहमे हम ठडे हँए । हमर परमेश्वर हमके भविष्यके ताँहि मजबुती देन बारो मतलब परमेश्वरके महिमामे सहभागी हुइके हमर आशामे हम रमातहए ।
\v 3 यितकै इकल्लो नैयाँ, पर हम अपनो संकष्टमे फिर रमातहँए ।, हम जानत हँए कि संकष्ट सहनशीलता उत्पन्न करतहए,
\v 4 सहनशीलता मिलाप उत्पन्न करात हए और सहमति भविष्यके ताँहि भरोसा उत्पन्न करात हए ।
\v 5 आशा हमर निराशा ना करत हए, काहेकी हमके दौ भौ पवित्र आत्मासे परमेश्वरको प्रेम हमर हृदयमे अखानए दैहए ।
\p
\v 6 काहेकी हम दुर्वल रहएँ ख्रीष्ट अधर्मीके ताँहि ठीक समयमे मरीगौ ।
\v 7 कोई मुस्किलसे मरैगौ एक जानै धर्मी आदमीके ताँहि, आथव एक जानै असल आदमीके ताँहि सायद कोई मारनको साहस करतो ।
\v 8 पर परमेश्वर हमर ताँहि बाको प्रेम जहेमे दिखातहए, कि हम पापी होतए ख्रीष्ट हमर ताँहि मरो हए ।
\v 9 जहेमारे बाको रगतसे औ जद्धा धर्मी ठहारे हँएं, पर हम बा को क्रोधसे बच्ङगे।
\v 10 काहेकी हम शत्रु होतए बाको लौडाके मृत्युसे परमेश्वरसँग हमर मिलाप भव रहए, ताबहि झन् जाद्धा अब उनहिसँग मिलाप हुइके ख्रीष्टको जीवनसे हम बचामङगे ।
\v 11 यितकै इकल्लो नए, पर हमर प्रभु येशू ख्रीष्टसे परमेश्वरमे हम रमात फिर हँंए, बासे अब हमके परमेश्वरसँग मिलाप प्राप्त भौ हए ।
\p
\v 12 एक जनै आदमीसे संसारमे पाप आओ, और पापसे मृत्यु आओ । आइसी सब आदमीमे मृत्यु फैलिगौ, काहेकी सब पाप करीं ।
\v 13 व्यवस्थासे अग्गु फिर संसारमे पाप रहए, पर जहाँ व्यवस्था नैयाँ, बोहुना पापको लेखा फिर नाहोतहए ।
\v 14 आदमसे लैके मोशा तक और आदमीकी जैसो पाप नकरन बारेके उपर फिर मृत्यु राज्य करी, जो आनबारो रहए बक प्रतिरुप रहए ।
\v 15 सेँतको वरदान और बो अपराधमे कोइ समानता नैयाँ । काहेकी एक जनै आदमीको, अपराधसे तामान आदमी मरे और एक जनै आदमी आथब येशू ख्रीष्टको अनुग्रहसे अनबारो वरदन गजबके ताँहि प्रशस्त होबए ।
\v 16 सेँतको वरदान त एक जनै आदमीको पापको नतिजाजैसो ना हए । एकघेन, एक जनै आदमीको अपराधसे दण्डको न्यो आओ ।दुस्रो घेन सेँतको वरदान गजब अपराध पिच्छु निर्दोषीकरणको नतिजामे आओ ।
\v 17 अगर एक आदमीको अपराधसे बा आदमीसे मृत्यु राज्य करी, कहेसे झन जाधा प्रशस्त अनुग्रह और धार्मिकताके सेँतको वरदान पनबारो एक आदमी येशू ख्रीष्टसे जीवनमे राज्य करैगो ।
\p
\v 18 आइसी जा एक आदमी अपराधसे सब आदमी दण्डको भागीदार बने, आइसीयए एक आदमीकी धार्मिकताको कामसे सब आदमीके ताँहि धर्मीकरण आओ ।
\v 19 जैसी एकआदमीके अनाज्ञाकारितासे गजब जनैके पापी बनाई, आइसी करके एक जनै आज्ञाकारीसे गजब जनै धर्मी बनङ्गे ।
\v 20 पर व्यवस्था आओ काहेकी अपराध बढए । पर जहाँ पाप बढेहए अनुग्रह झन जाद्धा बढेहए,
\v 21 जहेमारे कि जैसी पाप मृत्युमे राज्य करी, आइसी करके येशू ख्रीष्ट हमर प्रभुद्वारा अनुग्रहसे धर्मी ठहरएके अनन्त जीवनतक राज्य करए ।
\c 6
\cl आध्याय ६
\p
\v 1 अब हम का कहँए? का अनुग्रह प्रशस्त होबाए कहिके हम पापमे लगेरहमए?
\v 2 आइसो कबहु नहोबाए! हम जो पापके ताहिं मरे, तव हम कैसे बा पापमे जिमएँ?
\v 3 जितनोके ख्रीष्ट येशूमे बप्तिस्मा दैहए, उनके बाको मृत्यूमे बप्तिस्मा दैहए का तुम नजानत हौ?
\v 4 जहेमारे बप्तिस्मामे हम मृत्युमे बाकेसँग गाडे गए, ताकि जैसी पिताके महिमामे ख्रीष्ट मरेभएसे जिन्दा भौ, अइसी हम फिर नयाँ जीवनको डगरमे नेगैं ।|
\v 5 अगर बाको मृत्युमे हम बाकेसँग एक भए हएँ कहेसे, बाके पुनरुत्थानमे फिर पक्कए हम बाकेसँग एक होमंगे ।
\v 6 हम जानत हएँ, कि हमर पूरानो मनुष्यत्व बाकेसँग क्रुसमे टाँगिगओ, ताकि हमर पापमय शरीर नाश होबए, और अब उइसो हम पापको कमैया नहोमएँ ।
\v 7 काहेकी जो मरो हए बो पापसे मुक्त भौ हए ।
\v 8 पर हम ख्रीष्टसँग मरे हएँ कहेसे बाकेसँग जिमङ्गे काहिके विश्वास करत हएँ ।
\v 9 हम जानत हएँ कि ख्रीष्ट मरेभए मैसे जिन्दा हुइके फिर न मरैगो । अब बाकेउपर मृत्युको राज्य नाहुइहए ।
\v 10 जौन मृत्युमे बो मरो बो पाप के ताँहीं सदिमान के ताहिं एक दौँ मरो । पर जौन जीवनमे बो जितहए, बो परमेश्वरके ताहिं जितहए ।
\v 11 अइसी करके तुम फिर अपन- अपन पापके ताहीं मरे, पर ख्रीष्ट येशूमे परमेश्वरके ताहिं जिन्दा भौ मानन पड्त हए ।
\v 12 जहेमारे शरीरको अभिलाषा अनुसार चलन नपडै कहिके तुमके मरणशील शरीरमे पापके राज्य करन मत देव ।
\v 13 अपन शरीरके अङ्गके दुष्टताके साधनके रुपमे पाप करन समर्पण मतकरौ । पर मृत्युसे जीवनमे लाए भए आदमी जैसो अपनैके परमेश्वरठीन दैदेओ, और शरीरके अङ्गनके धार्मिकताके साधन जैसो परमेश्वरठीन समर्पण करौ ।
\v 14 काहेकी पापके तुमरउपर राज्य करन नदेव, काहेकितुम व्यवस्थाके अधिनमे नाहौ, पर अनुग्रहके अधिनमे हौ ।
\p
\v 15 अब का तौ? का हम व्यवस्थाके अधिनमे नैयाँ, पर अनुग्रहके अधिनमे हएँ कहिके पाप करैं का? कबहु अईसो ना होबए ।
\v 16 का तुम नजानत हौ, आज्ञाकारी कमैयाको रुपमे अपनएके जौन ठिन समर्पण करत हौ, बक उपर तुमके आज्ञाकरीहोन पड्हए? जा सत्य हए की तुम मृत्युघेन जानबारो पापको कमैया हौ या धार्मिकताघेन लैजानबारो आज्ञाकारीके सेबक हौ।
\v 17 पर परमेश्वरके धन्यवाद होबए, कि तुम जो एक बार पापकी कमैया रहौ, पर तुमअपनएके दौ भौ शिक्षाको ढाँचाके अपन हृदयसे पालन करौ।
\v 18 तुमके पापसे मुक्त करि हए और तुमके धार्मिकताको कमैया बनाओ गौ हए ।
\v 19 तुमर मे रहोभौ मानवीय कमजोरीके कारण से मए तुमके समकनबारो भाषामे मसकत हौ । काहेकी जैसी तुम एक चोटी अपन अङगनके अशुद्धता और औरजाध्धा अपराधके ताहिं समर्पण करे । अब उइसिए पवित्रकरनके ताहिं अपन अङगनके धार्मिकताके ताहिं समर्पण करौ ।
\v 20 तुम पापके कमैया भए बेरामे धार्मिकताके ताहीं स्वतन्त्र रहौ ।
\v 21 अब जौन बातमे तुम हबे शर्मात हओ, बो बातमैसे तुमसंग प्रतिफल रहएँ? बे बातनकि अन्त मृत्यु हए ।
\v 22 पर अब तुम पापसे मुक्त हुइके परमेश्वरके कमैया भए हओ, तव तुमर पानबारो प्रतिफल पवित्रकरण हए, और बाको अन्तमे, अनन्त जीवन ।
\v 23 काहेकी पापको ज्याला मृत्यु हए, पर परमेश्वरको सेंतको वरदान ख्रीष्ट येशू हमर प्रभुमे अनन्त जीवन हए ।
\c 7
\cl अध्याय ७
\p
\v 1 भइया रेओ, का तुम ना जनत हओ-मए व्यवस्था जानन बालेनसे मसक रहो हौं कि आदमीनको जीवनकाल तक इकल्लो रहन तक नियन्त्रण करतहए ।
\v 2 उदाहरणके ताहिं, एक व्यहा भइ बैयर बाको लोगा जिन्दाहोन तक अपन लोगा सँग कानुनि रुपमे बँधी रहत हए, अगर बक लोगा मरिगव तव लोगाको नाता कानुनसे बो मुक्त हुइ जात हए ।
\v 3 अगर लोगा जिन्दा होतमे फिर बो दुस्रो लोगा करके बक सँग रहएगी तओ बो व्यभिचारी कहिलाइगी। पर लोगा मरजए हए तौ बो जा कानुनसे मुक्त हुइ जए है, और दुसरो लोगासे व्यहा करे से फिर बो व्यभिचारी ना हुइ हए ।
\v 4 अइसी मिर भइया रेओ, तुम फिर ख्रीष्टको शरीरसे व्यवस्थक ताहिं मरे हौ, काहेकी तुम औरोआदमी, अर्थात् मौतसे जिन्दा भओ ख्रीष्टसँग एक होबौ, और हम परमेश्वरके ताहिं फल फलामै।
\v 5 जब हम पापी स्वभावमे अपन जीवन बितात रहएँ, तव मृत्युको फल फलान ताहिं व्यवस्थासे उत्तोजित करो भव हमर पापमय खराब अभिलाषा हमर अंगमे काम करत रहए ।
\v 6 पर अब हमके वन्धनमे करन व्यवस्थाके ताहिं मरके हम अब बोसे मुक्त भए हैं, और हम पुरानो लिखो विधानके अधिनमे नाए पर पवित्र आत्माके नयाँ जीवनमे सेवा करएँ कहिके अैसो भौ हए ।
\p
\v 7 अैसो हए कहेसे"हम का कहैँ तौ? का व्यवस्था पाप हए? आईसो कबहु ना होए । अगर व्यवस्था नहुइतोत मै पाप पता नाए पैतो, काहेकी अगर व्यवस्था “तए लोभ मत कर" कहिके व्यवस्था ना कहितो त लोभ करन का हए बो पता ना पैतो ।"
\v 8 पर पाप आज्ञामे मौका पाईके मिरमे सबए मेलको लोभ उत्पन्न कराई । व्यवस्था बिना त पाप मुर्दा जैसो हए ।
\v 9 व्यवस्था बिना रहत एक दओंमए जिन्दा भौ, पर आज्ञा आओ तव पाप जाग उठो, और मै मरी गौ ।
\v 10 जीवनको प्रतिज्ञा देनबालो बहे आज्ञा मिर ताहिं मौत लाई ।
\v 25 येशू ख्रीष्ट हमर प्रभुद्वारासे परमेश्वरके धन्यवाद होबए । तभैमारे मए स्वयम अपने मनसे परमेश्वरको व्यवस्थाको सेवा करत हौं, पर मिर पापमय स्वभावसे मए पापको व्यवस्थाको सेवा करत हौं ।
\c 8
\cl आध्याय ८
\p
\v 1 जहेकमारे अब ख्रीष्ट येशूमे होनबारेनके डण्डको कोई आज्ञा ना हए ।
\v 2 पाप और मृत्युको व्यवस्ठासे मोके जीवनको आत्मक व्यवस्था त ख्रीष्ट येशूमे मुक्त करी हए ।
\v 3 पापी स्वभावसे कमजोर हुइके व्यवस्था जो न कर पाई बो परमेश्वर करी, अर्थात् बो अपन पुत्रके पापी शरीरके स्वरूपमे पापबली जैसो पठाई । अइसिए वह पापके शरिरैमे दण्ड दै,
\v 4 जहेमारे व्यवस्थाके उचित जरुरत हममे पुरो होबै, हम जो पापमय स्वभाव अनुसार नाए, पर पवित्र आत्माअनुसार चल सकएँ ।
\v 5 काहेकी पाप स्वभाव अनुसार चलन बारे शरीरक बातमे मन लगात हएँ, पर आत्मा अनुसार चलन बारे आत्माकी बातमे मन लगात हएँ ।
\v 6 काहेकी पापमय स्वभावमे मन लगान त मृत्यु हए, पर पवित्र आत्मामे मन लगान जीवन और शान्ति हए ।
\v 7 काहेकी पाप स्वभावके शरीर घेन लागो मन त परमेश्वरके ताहीं शत्रु है । बो परमेश्वरको व्यवस्थक अधिनमे ना होत हए । न बा कबहु हुइ पै है ।
\v 8 पाप स्वभावके बशमे होनबारे परमेश्वरके खुसी ना कर पएँ हएँ ।
\v 9 अगर सचमे परमेश्वरको आत्मा तुमरमे वास करत हए तौ, तुम पाप स्वभावमे नाय, पर पवित्र आत्मामे हुइ हौ। पर कोइ आदमीमे ख्रीष्टको आत्मा ना हए कहेसे बो परमेश्वरको ना हए ।
\v 10 अगर ख्रीष्ट तुमरमे हए कहेसे, पापके कारणसे तुमर शरीर मरके फिर तुमर आत्मा धार्मिकताके कारनसे जिन्दा हुइ हए।
\v 11 पर यदि येशूके मरो मैसे जिन्दा करन बारेक आत्मा तुमरमे बास करत हए कहेसे ख्रीष्ट येशूके मरोभौ मैसे जिन्दा करन बारो तुमरमे बास करन बालो बाको आत्मासे तुमर मरनबारी शरीरके फिर जीवन देबइगो ।
\p
\v 12 जहेमारे भैया रेओ, पापी स्वभाव अनुसार जियन ताहिं हम पापी स्वभाव कता मजबुर ना हएँ ।
\v 13 काहेकी पापी स्वभाव जैसो जिथओ कहेसे, तुम मरैगे, पर पवित्र आत्मासे शरीरके कामनके तुम निर्मुल बनाए हौ तौतुम जिबैगे ।
\p
\v 14 काहेकी, बे सब जो परमेश्वरको आत्मा से चलत हैं, बेही परमेश्वरके सन्तानहएँ ।
\v 15 “काहेकी फिर डरमे पडन ताहिं दासत्वको आत्मा तुम ना पाए हौ । पर तुम धर्मपुत्र होनको आत्मा पाए हौ। जहेकमारे हम परमेश्वरके“ “अब्बा, पिता" कहिके बुलात हएँ,"
\v 16 ब त हम परमेश्वरके सन्तान हएँ, कहिके पवित्र आत्मा हमर आत्मासँग गवाही दै है ।
\v 17 और सन्तान हएँ कहेसे त उत्तराधिकारी फिर हएँ, परमेश्वरको उत्तराधिकारी और ख्रीष्टसँग साझे-उत्तराधिकारी बाके सँग् दु: ख भोगत हएँ कहे से ता हम बहेक सँग महिमित फिर होमङ्गे ।
\p
\v 18 मै विचार करत हौं, कि हममे जो महिमा प्रकट होबैगो, बाके सँग वर्तमान समयके कष्टन के तुलना करन योग्य ना हए ।
\v 19 सृष्टि बड़ो आशा से परमेश्वरको पुत्रके प्रकट होन बातके प्रतिक्षा करत है ।
\v 21 कि सृष्टि बाको अपनो विनाशके वन्धनसे मुक्त कराबइगो, और बक फिर परमेश्वरके सन्तानके महिमित स्वतन्त्रता पाबइगो ।
\v 22 हम जानत हँए, सारा सृष्टि अभेतक एक सँग प्रसववेदनामे तणप रही हए ।
\v 23 सृष्टि इकल्लो नाए, पर हम अपना फिर, जामे पवित्र आत्माको पहिलो फल है, सन्तान को रुपमे ग्रहण करन ताहिं, या हमर देहको उद्धारके ताहिं प्रतिक्षा करके हम अपनैफिर भितरै-भितर तड्पत हएँ ।
\v 24 काहेकी जहे आशामे हम मुक्ति पाए रहएँ । अब देखानबारो आशा त आशा ना हए । काहेकी देखि भइ बातको आशा कौन करत हए?
\v 25 पर यदि हम अपनै नादेखी भइ बातकि आशा करत हैं कहेसे धीरज साथ हम बाको प्रतिक्षा करत हएँ ।
\p
\v 26 अइसीय करके पवित्र आत्मा फिर हमर कमजोरीमे सहायता करत हए । कैसे प्रार्थना करन पणैगो हम ना जानत हँए, पर शब्दमे ना कहन सकन बारी बातमे पवित्र आत्मा हमर ताहिँ मध्यस्थता करत हए।
\v 27 और आदमीनको हृदयके ढुँणन बारो पवित्र आत्माक विचार का हए सो जानत हय, काहेके परमेश्वरके इच्छा अनुसार पवित्र आत्मा त सन्तनके ताहिं मध्यस्थता करत हए।
\p
\v 28 हम जानत है, बोके प्रेम करन बारे और बक अभिप्राय अनुसार बुलाएभएक ताहिं सब बातमे परमेश्वर भलाइ करत हए ।
\v 29 जौन जौनके बो अग्गुसे चिन लै हए, बो उनके अपन पुत्र को रुप जैसो बनान ताहिं, तमान भइया मैसे बो बडो होए कहिके, अग्गुसे नियुक्त करडारि रहए ।
\v 30 जौन जौनके बो अग्गुसे नियुक्त करी रहए, उनके बो बुलाई फिर रहए, और जौन जौनके बो बुलाई रहए, उनके बो धर्मी फिर ठहराइ रहए, और जौन जौनके धर्मी ठहराई रहए उनके बो महिमित फिर कर दै ।
\p
\v 31 हम जामे का कहए त? अगर परमेश्वर हमर घेन हए त, हमर विरुद्ध कौन हुइ हए?
\v 32 जौन अपन सघो लौंडाके बाँकी ना रखाइ, पर हम सबकेताँहिं बोके दएदै, का बो हमके सबए चीज फिर बहेक सँग ना देहए का?
\v 33 परमेश्वरको चुने भएन के विरुद्धमे कौन अभियोग लगए है? धर्मी ठहरान बालो त परमेश्वर हए ।
\v 34 दण्डको आज्ञा देन बालो कौन हए? मरन बालो त ख्रीष्ट येशू है, जो मरके फिर जिन्दा हुइ गौ, और परमेश्वरको दहिना हात घेन है, और हमर ताँहिं मध्यस्त फिर हए ।
\v 35 कौन हमके ख्रीष्टको प्रेमसे अलग करैगो? का संकष्टसे या दु: खसे, या उपद्रब, या अनिकालसे, या गरीबीसे, या फिर खतरासे या तलवारसे?
\v 36 अइसो लिखो हए, “तुमर ताँहिं हम दिन भर मरत हैं, कटन बारो भेडा हानि हम गिन गए हएँ ।
\v 37 नाए, जे सब बातमे हमके प्रेम करन बारेक द्वारा हम जितन बारेनसे फिर औरजाधा हँए ।
\v 38 काहेकी मए जा अच्छेसे जानत हओ, कि मौतसे या जिन्दगीसे स्वर्गदुत और प्रधानतासे, वर्तमानको बातसे या पच्छुक बातसे या शक्तिसे,
\v 39 उचाईसे या गहिराइसे, या सारा सृष्टिमे भए कोइ फिर बातसे, ख्रीष्ट येशू हमर प्रभुमे भव परमेश्वरको प्रेमसे हमके अलग ना कर पाबैगो ।
\c 9
\cl आध्याय ९
\p
\v 1 मए ख्रीष्टमे सत्यबोलत हौं, मै ना ठगो हौं ।मिर बिवेक से पवित्र आत्मामे मोके गवाही देत हए।
\v 2 मिर हृदयमे गजब शोक और मनमे अटुट वेदना हए।
\v 3 मए त हियाँ तक फिर चाँहत हौं कि मिर भैया और मिर जातिको नातासे मिर कुटुम्बनके ताँहीं मएत श्रापित होमओ और ख्रीष्टसे अलग होमओ!
\v 4 बे इस्राएली है, औ पुत्र होनबारो अधिकार, महिमाक दर्शन, करार, व्यवस्थाको प्रदान, मन्दिरको अराधना और प्रतिज्ञा उनको अपनो हए।
\v 5 पूर्खा जिन्हिक त हए, और ख्रीष्ट फिर शरीर अनुसार बिनहिक वंशको त हए, सबसे उचो परमेश्वर, जौनके युगौंयुग स्तुति होबै । आमेन।
\p
\v 6 पर परमेश्वरको वचन बिफल ना भौ हए । काहेकी इस्राएलसे जन्मे सबए इस्राएल ना हँए,
\v 7 ना त अब्रहामको सन्तान हए कहेस का सब बक लौड़ा-लौड़िया हएँ ।पर धर्म शास्त्रमे कहो अनुसार इसाहकै से उनको सन्तान गिनैगो ।
\v 8 जाको अर्थ, शरीरसे जन्मे भए परमेश्वरको सन्तान ना हँए, पर करारसे उत्पन्न भए सबै अब्रहामके सन्तान हैं ।
\v 9 बो प्रतिज्ञा अइसो कहत हए, “कहो समयमे मए फिरके आमङगो, और साराको एक लौड़ा होबैगो ।”
\v 10 उइसो इकल्लो ना हए, जब रिबेका एकै पुरुष हमर पूर्खा इसहाकसे गर्भधारण करी,
\v 11 और जुडिया बालक जल्मानसे अग्गुसे, बे कोइ अच्छो या खराब करनसे अग्गु कर्मसे ना पर बाको बुलावट अनुसार परमेश्वरको चुनाउको उदेश्य ठहरए कहिके
\v 24 या हम, जौनके यहूदीसे इकल्लो नाए, पर अन्यजातिनके फिर बो बुलाई हए कहेसे का भौ त?
\v 25 जैसी होशे के किताबमे बो कहत हए, “जौन मिर आदमीना रहएँ, उनके मए, मिर प्रजा बनएँ हौं । और जौनके मए प्रेम ना करो रहौं, बाके मए 'मिर प्रिय' कहङ्गो ।”
\p
\v 26 और जहाँ तुम मिर प्रजा ना हओ । कहिके उनके कहि रहै, हुवाँ बो 'जीवित परमेश्वरको सन्तान कहिलामङ्गे ।”
\p
\v 27 इस्राएलके बारेमे यशैया कहत हए, “इस्राएलकेसन्तानको संख्या समुन्द्रको रेता बराबर है फिर बचे भएनके इकल्लो उद्धार होबैगो ।
\v 28 काहेकी प्रभु-पृथ्वीमे बाको डण्डको आज्ञा दृढता और शीघ्रता से पुरा करैगो|”
\v 29 यशैया जा भविष्यवाणी करी हए, “सेनन्को परमप्रभु हमर ताँहिं सन्तान ना छोड़तो तौ हम सदोम जैसी हुइते और गमोरासमान बनजैते ।”
\p
\v 30 अब हम का कहैं? धार्मिक्ताकेपिच्छु नलागनबारे अन्यजाती धर्मिकता पाईं हएँ, या विश्वाससे पान बारो धार्मिकता ।
\v 31 पर व्यवस्थाके उपर आधारित भव धार्मिकताको पच्छु लागनबारे बे इस्राएल बो व्यवस्था पुरा ना कर पाईं ।
\v 32 काहे ना कर पाई? काहेकी धार्मिकता कर्मके उपर आधारित हए। सोचके बो विश्वाससे धार्मिकता ना ढुड्त हए| बे ठेस लागन बारे पत्थरमे ठक्कर खाइके गिरे हएँ ।
\v 33 अइसो लिखो हए, “देखौ, मै सियोनमे एक पत्थर धरङ्गो, जा मे आदमीके ठेस लागत हए, एक चट्टान, जो तोके गिरात हए, पर बोके उपर भरोसा करन बाले कोइ शर्ममे ना पड़ैगो ।
\c 10
\cl आध्याय १०
\p
\v 1 भैया रेओ, मिर अपनी हृदयको इच्छा और बिनके ताँहि परमेश्वरमे मिर प्रार्थना जहे हए, कि बे उद्धार पामएँ ।
\v 2 मए जा गवाही देत हौं कि परमेश्वर प्रति बिनको जोश त हए, पर जा जोश ज्ञान अनुसार नैयाँ ।
\v 3 काहेकी परमेश्वरसे आनबारो धार्मिकतक बारेमे ना जानके बिनको अपनो धार्मिकता स्थापित करन ढुड्त बे परमेश्वरको धार्मिकताके अधिनमे ना हएँ ।
\v 4 काहेकी विश्वास करन बारे धर्मी ठहरए कहिके ख्रीष्ट व्यवस्थाको अन्त्य हए ।
\p
\v 5 मोशा लिखत हए, “व्यवस्थामे आधारित भव धार्मिकता पालन करन बारे आदमीबहेसे जीहए”।
\v 6 तव विश्वास उपर आधारित भौ धार्मिकता आइसो कहत हए, “मनए मनमे अइसो मत कहओ, 'स्वर्गमे कौन चढपए है?' (अर्थात् ख्रीष्टके तरे लान ताँही),
\v 7 वा अपने मनमे अइसो फिर मत कहओ, 'पातालमे कौन उतरैगो?” (अर्थात् मरे भएसे ख्रीष्टके उपर लानके ताहीं)”|
\v 8 “पर जा का कहात् हए? “वचन तुमर जौने हए, तुमर मुहुमे और तुमर हृदयमे" “अर्थात् विश्वासको वचन, जो हम प्रचार करत हएँ ।"
\v 9 काहेकी अगर तुम येशूके प्रभु हए करके अपन मुहुसे स्वीकार करे हौ, और परमेश्वर बोके मरेसे जिन्दा करी कहिके अपन हृदयसे विश्वास करत हौ तौ तुमर उद्धार हुइ हए ।
\v 10 काहेकी आदमी अपनो हृदयमे विश्वास करत हए और बा निर्दोष ठहरत हए, फिर बो अपन मुहुसे स्वीकार करत हए और उद्धार पात हए ।
\v 11 धर्मशास्त्र कहत हए, “बोके उपर भरोसा करन बारे कोइ लाजमे ना पणङ्गे ।”
\v 12 काहेकी यहूदी और अन्यजातीमे कोइ भेद नैयाँ । बो एकै प्रभु सबैको प्रभु हए, और बोके पुकारन बारे सबके अपनो गजबै आशिष देत हए ।
\v 13 “काहेकी ““प्रभुको नाँउ पुकारन बारे हरेक उद्धार पामङ्गे" ।
\p
\v 14 जौन विश्वास करत नैयाँ बोके आदमी कैसे पुकारैं? जौनके बारेमे सुनी नैयाँ बोके उपर बे कैसे विश्वास करैं? और प्रचारक विना बे कैसे सुनै?
\v 16 तव बे सब सुसमाचार पालन ना करी हएँ, काहेकी यशैया कहत हए, “हे प्रभु, हमसे सुनी बात कौन विश्वास करी हए?”
\v 17 जो सुनो गव हए, बोसे विश्वास आत हए और जो सुन्त हए बो ख्रीष्टको बचनसे आत हए ।
\p
\v 18 पर मए पुछ्त हौं, “का बे सुनी हैं? नेहत्तय बे सुनिहए, काहेकी विनको आवाज सारा पृथ्वी भर पुगो हए, और विनको वचन संसारको दुसरो छोर तक पुगो हए ।”
\p
\v 19 मए फिर पुछङ्गो, “का इस्राएल ना सम्झी?”सबसे पहिले मोशा कहात हए, “जो एक जाती ना है, मए तुमके बिनके प्रति दुश्मनाई करबाएदेहौं, एक मुर्ख जातिसे मए तुमके गुस्सा करबाएदेहौं ।”
\v 23 बे फिर अविश्वाससे ढिट हुइके ना बैठङ्गे कहे से त कलमी बँधङ्गे।काहेकी परमेश्वर बिनके फिर से कलमी बाँध सक्त है।
\v 24 काहेकी अगर तुम प्रकृतिक जङगली जैतुन हुइके फिर कटिगए और प्रकृतिके विरुद्ध एक अच्छो जैतुनको पेंडमे कलमी बाँधैगे कहे से त जे प्रकृतिक हाँगा आपनए निज जैतुनके रुखामे और कित्तो जाधा कलमी बँधङ्गे ।
\p
\v 25 भैया रेओ, अपन घमण्डमे तुम बुद्धिमान होन ढुड्त हओ काहेकी तुम जा रहस्य सम्झौ करके मए चाहत हौं, कि अन्यजातीको संख्या पूरो ना भव तक इस्राएलीनको एक अंशमे कठोरता आओ हए ।
\v 26 अइसिए सारा इस्राएलको उद्धार हुइहए, जैसे लिखो हए, “उद्धारक सियोनसे आबैगो बहे याकूबसे अधर्म हटाबैगो ।”
\p
\v 27 औ बिनके सँग मेरो करार जहे हुइहए, जब मै बिनके पाप हरण करङ्गो ।”
\p
\v 28 एकघेनबे सुसमाचारके हिसाबसे त बे तुमर ताहीं परमेश्वरके शत्रु हएँ, पर चुनेनके हिसाबसे त पुर्खनके ताहीं बे प्रिय हएँ ।
\v 29 काहेकी परमेश्वरको वरदान और बोलावट अटल हए ।
\v 30 काहेकी जैसी तुम फिर एक चोटी परमेश्वरको आज्ञा पालन ना करन बारे रहौ, पर अब तुमर अनाज्ञाकारीताके कारण तुम कृपा पाए हौ ।
\v 31 तुमके कृपा दिखानके कारण बे फिर कृपा पामए करके बे हबए अनाज्ञाकारी भए हएँ ।
\v 36 काहेकी सब चिज बासे, बहेक द्वारा और बहेक ताँहिं हए बहे के त सदासर्वदा महिमा होबै ।आमेन ।
\c 12
\cl आध्याय १२
\p
\v 1 जहेकमारे भैया रेऔ, परमेश्वरको कृपाके ध्यानमे धरके मए तुमसे अनुरोध करत हौं, कि तुमर आत्मिकी उपासनाको रुपमे अपन-अपन शरीरके पवित्र और परमेश्वरके ग्रहण योग्य होनके जिन्दा बलिके रुपमे अर्पण करओ ।जहे त तुमर उचित सेवा हए ।
\v 2 जा संसारके ढाँचामे मत चलओ पर अपन मनमे नयाँ हुइके पुरा रुपसे परिवर्तन होबओ, और परमेश्वरको अच्छो ग्रहण योग्य और सिद्ध इच्छा का हए, तुम जान सकौ ।
\p
\v 3 काहेकी मोके दओ अनुग्रहसे तुमर मैसे सबैके मए विन्ती करत हौं, जौन अपनोके जैसो सम्झन पडत हए बोसे जाधा मत सम्झओ पर परमेश्वर सबैके दओ भव विश्वासको नापबमोजिम सन्तुलित विचारसे सोचए ।
\v 4 काहेकी जैसी हमर एक शरीरमे गजब अङग होतहए, पर सब अङगको एकै काम ना होत हए ।
\v 5 जैसी हम जो गजब हएँ, हम फिर ख्रीष्टमे एकै शरीर हएँ, और सब एक-दुसरेको अङ्ग हएँ ।
\v 6 हमके दओ अनुग्रह अनुसार अलग अलग वरदान हम प्रयोग करएँ । अगमवाणीको हए तौ, विश्वासको परिमाण अनुसार,
\v 7 सेवा को हए तौ, सेवाको काममे, शिक्षा देनबारो शिक्षा देनबारोको काममे,
\v 8 अर्ती देनबारो अर्ती देबए, दान देनबारो उदारचित्त्से, शासन करनबारो उत्साह से, कृपाको काम करनबारो खुसीसाथ ।
\p
\v 9 प्रेम निष्कपट होबए। जौन बात खराब हए, बाके घृणा करौ ।जौन बात अच्छो हए, बोमे लागे रहबौ ।
\v 2 जहेमारे प्रशासकके विरुद्धमे खड़ो होन बारो परमेश्वरसे नियुक्त भएनके विरोध करत हए, और जौन-जौन विरोध करत हए, बे डण्डको आज्ञा पामङ्गे।
\v 3 काहेकी सुकर्मके ताँहि नाए, पर कुकर्मके ताँहि शासकको डर मानत हए।का तुम प्रशासकको डरमे रहन ना चाहत हौ? अइसो हए, अच्छो काम करओ, और तुमके बिनसे प्रशंसा मिलैगो।
\v 4 काहेकी तुमर भलाइके ताँहि बा परमेश्वरको सेवक हँए। पर अगर तुम खराबी करत हौ कहेसे डर मानओ, काहेकी बो तरवारके व्यर्थमे नालेत हए। खराब काम करनबारे के उपर परमेश्वरको डण्ड लानके बे परमेश्वरको सेवक हँए ।
\v 5 जहेमारे परमेश्वरको डण्डसे बचन इकल्लो नाए, पर विवेकके ताँहि फिर तुम बाके अधीनमे रहन पड़ेगो।
\v 6 जहेकारन से फिर तुम कर तिरत हौ। काहेकी प्रशासक जहे कामके ताँहि हर समय लगे भए परमेश्वरके सेवक हँए।
\v 7 तिरन बारी बात सबएके तिरओ-कर तिरनबारोके कर तिरओ, महसुल तिरनबारेनके महसुल, आदर करनबारेनके आदर, इज्जत करनबारेनके इज्जत करओ।
\p
\v 8 आपसमे प्रेम करन से अलावा कोइको कछु बातमे ऋणी मत होबओ।काहेकी अपन परोसीके प्रेम करनबारो व्यवस्था पुरो करत हए।
\v 9 “तय व्यभिचार मत करए, तय हत्य मत करए, तय चोरी मत करए, तय लोभ मत करए,” जे आज्ञा सेअलाबा, और कोइ जित्तो आज्ञा हए, बे सबको सारांश जहे आज्ञामे पात हए, अथवा ““तए अपन परोसीके अपनी जैसी प्रेम करीए।"
\v 10 प्रेम परोसीके खराब ना करहे । जहेकारन प्रेम करनो त व्यवस्था पूरा करन हए।
\p
\v 11 जाके अलावा जा वर्तमान समय कैसो हए, सो तुमके पता हए। अब निधसे उठन ठिक समय आइ गओ हए, काहेकी हम पहिले विश्वास करनसे अग्गु अभए हमर मुक्ति औ झौने हए ।
\v 12 रात कटगै, और दिन जौने आए गओ हए जाहे करनसेअन्धकारको काम छोड्के हम ज्योतिको हातहतियार धारण करएँ ।
\v 13 दिनजैसो हम ठिकसे चलएँ| मोजमजामे, मतवालिपनमे, व्यभिचारमे, भ्रष्टाचारमे, झगडामे और दिक्कमे नाए|
\v 14 पर प्रभु येशू ख्रीष्टके धारण करओ, और पाप-स्वभावको अभिलाषा पुरा करनबारी बातमे ध्यान मत देबओ ।
\c 14
\cl आध्याय १४
\p
\v 1 विश्वासमे कमजोर होन बारे आदमीनके ग्रहण कर, पर बक मतकी बारि बातमे वाद-विवाद करन ताँहि ना ।
\v 2 कोइ सब चिज खात हँए कहिके विश्वास करतहँए, पर विश्वासमे कमजोर होनबारो सागसब्जी इकल्लो खात हए ।
\v 3 खानबारो ना खानबरो आदमीके तुच्छ नसम्झए, और ना खानबारो खानबारोक दोष ना लगाबए । काहेकी परमेश्वर बाके ग्रहण करी हए ।
\v 23 तव अब जा क्षत्रमे मिर ताँहि काम करन और ठाँउ ना हुइके, और बाहुत वर्षसे तुमर ठिन आन ताँहि पाय्सो हौँ ।
\v 24 मए स्पेन जात तुमके भेटन आसा करत हौ, और तुमर सँग कुछ समय ताक सङगतिको आनन्द लैके पिच्छु तुम मोके मेरो बाँकी यात्रामे मद्दत देबैगे कहिके आशा करत हौँ ।
\v 25 पर अब सन्तनके सहायता देनताँहि मए यरुशलेम घेन जात हौँ ।
\v 26 काहेकी यरुशलेममे होनबारे सन्तनमे जो गरिब हए बिनके ताँहि माकेडोनिय और अखैयाके मण्डलीसे कुछ भेटी दै हँए ।
\v 27 जा भेटीबे खुसिसाथ जम्म करी रहँए, और नेहत्य त बे बिनके ऋणी फिर बानइँ| काहेकी अगर अन्यजाती बिनकी आत्मिक आशिषमे सहभागी भए हँए कहेस, बे फिर संसारिक आशिषसे बिनकी सेवा करन पड्त हए ।
\v 28 जहेमारे जा काम निभटाईके बिनके ताँहि उठो जा चन्दा सौपके पिच्छु मए तुमर ठिनसे हुइके स्पेन जामङगो ।
\v 29 और मए जानत हौँ, मए तुमर ठिन आत ख्रीष्टको आशिषसे परिपूर्णतामे आमङगो ।
\p
\v 30 भैया रे, हमर प्रभु येशू ख्रीष्ट और पवित्र आत्माके प्रेमसे मेरे ताँहि परमेश्वर सँग प्रार्थना करन मिर संग गजब प्रयत्न करी कहिके मए तुमके आग्रहपूर्वक बिन्ती करत हौँ,
\v 31 कि मए यहूदीयके अविश्वासीसे मुक्त होन सकौँ, और यरुशलेमके ताँहि मिर सेवा सन्तनके ताँहि ग्रहण योग्य होबए,
\v 32 और परमेश्वरको इच्छासे आनन्दसँग तुमर ठिन आएके तुमर सँगमे सङगतिसे मए फिर ताजा हुइ सकौ|
\v 2 मए तुमके निवेदन करत हौँ कि सन्तनके सोहान बारो किसिमसे बिनके प्रभुमे ग्रहण करओ, और बिनके चाहनबारो कोइ फिर सहयता बिनके देओ, काहेकी बे अपनए बाहुतनको और मिर फिर सहयता करी हए|
\v 13 प्रभुमे चुनेभए रुफस और बोकी अइया, जो मिर फिर अइयारहए, बिनके अभिवादन कहिदेओ ।
\v 14 असिंक्रितस, फ्लेगन, हर्मेस, पत्रोबास, हर्मास, और बिनके सँग भए भैयानके अभिवादन कहिदेओ ।
\v 15 फिलोलोगास, युलिया, नेरियस और बोकी बहिनिया, और ओलिम्पास और बिनकीसँग भए सब सन्तनके अभिवादन कहिदेओ ।
\v 16 एक दुसरेके पवित्र चुम्बनसे अभिवादन कराओ । ख्रीष्टके सबय मण्डलीनसे तुमके अभिवादन पाठइँ हँए ।
\p
\v 17 भैया रेओ, मए तुमके आग्रहपूर्वक बिन्ती करत हौँ, कि तुमके सिखाओ भव धर्म- सिध्दान्तके विरुध्दमे फुट और बाधा- विध्न सिर्जनबारो के नजर कारिओ, और बिनसे अलग बैठओ|
\v 18 काहेकी अइसे आदमी हमर ख्रीष्ट प्रभुके सेबा नाकरत हएँ, पर अपन पेटके ताँहि सेवा करत हँए, और बिनको मिठो मिठो बोली और बात सीधासाधेनके हृदयके धोखा देत हँएं ।
\v 19 काहेकि तुमर आज्ञाकारिता सब आदमीमे जाहेर हए, और तुमरे करन मए आनन्द करत हौँ| पर मए चहत हौ, कि जो असल हए बोके ताँहि तुम बुध्दिमान होबाओ, और जो खराब हए बोमे दोषरहित रहबाओ ।