\v 14 आजोर सादोकको पिता, सादोक आखिमको पिता, और आखिम एलिउदको पिता रहए ।
\v 15 एलिउद एलाजारको पिता, एलाजार मत्तानको पिता, और मत्तान याकूबको पिता रहए।
\v 16 याकूब बहे मरियमको लोगा योसेफको पिता रहए, जौनसे येशूको जनम भव, जो ख्रिष्ट कहलाइगो।
\p
\v 17 अब्राहामसे दाऊद तक चौध पुस्ता, दाऊदके समयसे बेबिलोनसे बन्दी बनान समयतक चौध पुस्ता, और बेबिलोनसे बन्दी बनानसे ख्रिष्टको समयतक चौध पुस्ता भए ।
\p
\v 18 येशू ख्रिष्टको जनम जा प्रकारसे भओ । बाकी अइया मरियमकी योसेफके संग विहाके ताहिँ मगनी भव रहए, पर बिनको एक-दुस्रेसे सम्बन्ध होनसे अग्गु मरियम पवित्र आत्मासे गर्भवति हुइगइ करके पता चलो।
\v 19 पर बकलोगा योसेफ धर्मी अदमि रहए और बा बक शर्ममे ना होन देनके चाहत रहए । जहे मारे बाके चुप्पेसे छोडनको इच्छा करी।
\v 20 पर जब बा जे बातनके सोंचत रहए, सपनेमै परमप्रभुको दुत दिखाएदै, और बासे जा कहि,’’योसेफ, दाऊदको लौड़ा, मरियामके अपनि बैयरके रुपमेअपनानके तांहि मत डराबै, काहेकि जौन बाके गर्भमे हैं, बा पवित्र आत्मासे हैं।
\v 21 बा एक लौड़ा जनमा बैगि और तुम बाको नाउ येशू धरैगे, काहेकि बा अपने अदमिनके बिनके पापसे बचाबैगो।
\v 1-3 अब्राहमको लौड़ा, दाउदको लौड़ा येशू ख्रिष्टको वंशावलीः २ अब्राहम इसाहकको पिता रहए। इसाहक याकूबके पिता रहए, याकूब यहुदा और बिनको ददा भैयनको पिता रहए, ३ यहूदा फारेस और जाहेरको पिता रहए। बिनकि अइया तामार रहए। फारेस हेस्रोनको पिता, हेस्रोन आरामको पिता
\v 6 और यहुदाको देशमे, ए बेथलेहम, यहुदाको शासकनके बिचमे कोइसे फिर निच (तुच्छ) नाहए, कहेकि तोसे एक शासक निकरके अबैगो जैन मिर आदमि इस्राएलको रेखदेख करैगो’।“
\p
\v 7 तब हेरोद बे ज्योतिषिनके चुप्पेसे बुलाएके तारा कौन समयमे देखानो है, सो बिनसे पता लगान बुलाई।
\v 8 बा बिनके अइसो कहिके बेथलेहेममै पठाइ “जाओ, और अच्छेसे बा बच्चाके ढुणिओ। बाके पाएके मोके खबर करिओ, और मै फिर बाके ढोक करङ्गो।
\p
\v 9 “बे राजाको बात सुनके बे अपने ढगर चलेगै जौन तारा अगारमे देखि रहैं, बा तारा उनके अग्गु-अग्गु गओ, और बच्चाभै जगाहामै पुगके बा तारा हुंए रुक्गऔ।
\v 10 जब बे बा तारा देखि, तब बे गजब आनन्दित हुइके खुशी भैं।
\v 11 और बे घर भितर घुसके और बे छोटो बच्चाके बाकि अइया मरियमके संग देखि और घुँटो टेकके बाके ढोक लागीं और फिर बे बाकी आराधना करीं ।बे अपनि बहु मुल्या चीज निकारके बाके सोनो, सुगन्धीत धुप और मुर्रकी भेटी चणाई।
\v 12 और हेरोदके झैने घुमके नाजान ताहिं परमेश्वरसे सपनामे चेताबनि पएके बे दुसरी डगर हुइके अपने देशमे चलेगैं।
\p
\v 13 बे जाएके पच्छु, सपनेमै परमप्रभुको एक दुत योसेफ ठिन दिखानोऔर बासे अइसो कहि “उठ छोटोसनो बच्चा और बाकि अइयाके संगै लैके मिस्र दोशमे भाजके जा, और मै तुमसे नाकहान तक हुंअए रहिइयो, काहेकि हेरोद छोटोसनो बच्चाके मारनताहिं ढुणरहो है।
\v 14 बा रात उठे और छोटोसनो बच्चाके और बाकि अइयाके संगै लैके औ मिस्र देशमे गइभए।
\v 16 तब ज्योतिषि बाके छक्काइ है कहेके हेरोद पतापाइ, और बा दिक्कसे चूर हुइगै ।बे ज्योतीषिसे पता पावओ भै समयमे बेथलेहम और बा ठांवओ भितरके दुइ वर्ष और बासे तरेके और बेथलेहेम मे सबै बच्चनके मारन लगाई।
\v 17 तब यरमिया अगमवक्ताको कहोभै बचन पुरो भव,
\v 18 रामामे एक शब्द सुनाइदै, दाहार छोण-छोणके रोइभए और विलखावभै बणो अबाज, राहेल अपन बच्चनके ताहि रोइ रहीहै, और सान्त्वना बा इनकार करि, काहेकि बिनके बच्चा अब ना रहे।“
\p
\v 19 तव हेरोद मरो देखौ, परमप्रभुको एक दुत सपनेमे योसोफके झैने मिस्रमे दिखानो और अइसो कहि,
\v 20 उठ बच्चा और बाकि अइयाके संगमे लैके इस्राएल दोशमे जा, काहेकि बच्चाके ज्यान लेन बारो मरगै है ।
\v 7 पर फरिसी और सदुकि मैसे बहुत जनी वप्तिस्मा लेन आत देखके बा उनसे कही,”ए संपके बच्चा, आन बारो क्रोद से भाजन कैन तुमके चेतावनि दई?
\v 8 पश्चातओ औेर सुहान बारो फल फरावओ!
\v 9 और अब्राहम हमरो पिता हए कहेके आपसमे मत काहाबओ।काहेकि मै तुमसे काहात हओं, परमेशवर जे पत्थरनसे फिर अब्राहमके ताहि सन्तान उत्पन्न कर सकत हए।
\v 10 ० अभए रुखाके जर मै कुणाहरी पणगइ हए।जा कारनसे अच्छो फल ना फरान बारो सबए रुखा काट्के गिराए जैहंए, और आगि मै फेक देहंए।
\p
\v 11 ”मै ता तुमके पश्चतापके ताहि पानीसे वप्तिस्मा देत हव, पर मिर पिच्छु आनबारो मोसे बहुत शक्ति-शालि हए, जैनको जुता बोकनको योग्य मै ना हओ।बा तुमके पवित्र आत्मा और आगिसे बप्तिस्मा देबएगो।
\v 12 बा को सुपो बहेके हात मै हए, और बा अपने आगनके पुरो सफा करएगो और अपनो गेहुं बखारी मै जमा करएगो, पर भुसाके त नाबुझनबारी आगीमे पजार देहए ।
\v 19 येशू बिनसे कहि,”मिर पिच्छु लागओ, और मै तुम के आदमी को मछुवारो बनामङ्गो।“
\v 20 तब बहे समयमे जार छोणके बे बाके पिच्छु लागे।
\p
\v 21 जब येशू हुवा से जातै-जात बा दुइ भइयानके देखी। जबदियाको लौणा याकुब और बक भइया युहन्ना बिनको दउव जबदिया संग नैंयामे अप्नो जार बिनत रहए ।, और बा बिन्के बुलाइ,
\v 22 तब बहे समय नैंया और अपने दउवाके छोणके बे बा के पिच्छु लग्गए।
\p
\v 23 और येशु बिनके सभाघर मे सिकातए, राज्य को सु-समाचार प्रचार करतए, और आदमिनमे बे सबए प्रकारके रोग और शरिरकी कमजोरी अच्छो करतय सबए गालील भर घुमी।
\v 24 बा को काम सबै सिरीया भर फैल गओ, और बिमारि और तमान प्रकारके रोग और दुःखसे सताय भए, भुत लागे, और मिर्गि लागे भए और अपङ् ग (पक्षघाति) भए सबए आदमि बक जौने लाई। बा बिनके अच्छो करी।
\v 25 और गालील, डेकापोलिस, यरुश्लेम, यहुदिया और यर्दन पारसे बहुत बणि भीण बाके पिच्छु लागी।
\c 5
\cl अध्याय 5
\p
\v 1 जब येशु भिड़ के देखके बा उचो डंगामे चड़गओ, और बा बैठनसे पिच्छु, चेला बाके जौनेआए।
\v 2 वा मुंहु खोलि और शिक्षा देन लागो।
\q
\v 3 ”धन्य आत्मामे दीन होनबारे, काहेकि स्वर्गको राज्य बिनही को हए।
\v 13 ”तुम पृथवीके नुन हओ, पर नुनको स्वद चलो जाएगो तओ बा कासे नुनान होबएगो? बा त बाहेर फेकन और अदमिनके टाङसे रौउदन बाहेक और कछु काम को ना राहाबइगो।
\v 14 ”तुम संसारकि ज्योति हओ। डंगामे बैठो भओ सहर कबहु ना लुक सकत् हए।
\v 15 आदमी दिआ पजारके छपरियसे नातोपत हए, पर सामदानि मे धरत हए, ताकि घरमे होन बारे सबै के ताहिं ऊज्यारो देबै।
\v 16 ऐसिए तुमर ज्योति आदमीनके अग्गु चम्कए, और बे तुमरो अच्छो काम देखऐं और तुमरो स्वर्ग मे होनबारो पिताकि महिमा करऐं।
\p
\v 17 ”व्यावस्ता औ आगमवक्तकनके मै रद्द करन आओ हओ, करके मत सम्जै।मै रद्द करन नाए, पर पुरो करन आओ हओ।
\v 18 काहेकि मै सचमुच तुमसे काहात हओ, जब तक स्वर्ग और पृथ्वी खतम नाहुइ हए तबतक सब बात पुरि नाहोनतक, कोइ किसमको एक बिन्दु फिर नाहटैगो।
\v 19 जहए कारनसे जैन जे आज्ञानके सबसे छोटोके उलङघन करहए, और आदमीनके ऐसिए सीकाबैगो, स्वर्गके राज्य मे बा सबसे छोटो कहेलाबैगो।पर जे आज्ञनके पालन करन सीकावैगो, स्वर्गके राज्य मे बा सबसे बड़ो कहलावैगो।
\v 20 काहेकि मै तुमसे काहात हओ, तुमरो धार्मीक्ता शास्त्री और फरिसीसे बड़ो नाहोबैगो तओ तु कोइभी तरिकासे परमेश्वरके राज्यमे प्रवेस ना कर पाबैगे।
\p
\v 21 तुम सुनेरओ, प्राचीन समयके अदमीनसे ऐसो काहि रहए ‘तुम हत्या मतकरिओ ‘और जो हत्या करएगो बा दण्डके योग्या होबैगो’।
\v 22 पर मै तुम से अऐसो काहात हओ, जैन कोइ अपने भाइया से क्रोध करइगो बा दण्ड के योग्या हएऔर जैन कोइ अपने भइया को अपमान करइगो, बा माहा शभा मै जवाफ देही होबइगो। पर जो अपने भइयाके ‘तए मुर्ख’ हए काहाबइगो, बा नर्कके आगीमे पड़नके खतरामे होबएगो।
\v 23 जहए करन से तुम बेदी मे अपनी भेटी चणान जानसे पहीले, तुमरे भइया के बिरुद्धमे कछु हए तओ, तुमके याद हुइगओ हए तव,
\v 24 अपनी भेटीके हुंए बेदी के अग्गु छोणके, और जा । पहीले अपने भइया से मेलमीलाप कर, और बाकेबाद आएके अपनि भेटी चढा।
\v 25 ”अपने बिपक्ष संग अदालत मे जात डगरएमै मिलाप करले, नत बादी (बिपक्ष) तुमके न्यायाधीश के हातमे संउप देहए और न्यायाधीश हाकीम के हातमे संउप देहए, और तुम झेलमे पणजैहओ।
\v 28 पर मै तुमसे काहात हओ, जो कोइ दुसरी स्त्रिरीके कूइच्छासे देखइगो, बा पहीलेसे अपने हृदय मे व्याभिचार कर लईहए।
\v 29 काहेकि तुमरी दहिनी आंखी तुमके पाप करन लगात हए तव बाके निकार के फेक देबओ, काहेकी तुमरो सबै शरीर नर्कमे फेकनसे अच्छो त तुमर शरीरको एक अंग गुमानो अच्छो होबईगो।
\v 30 तुमरो दहीना हात तुमके पाप करन लगात हए, त बा के काट् के फेक देओ।काहेकी तुमर सबए शरीर नर्क मे जानसे त शरीरको एक अंग गुमानो अच्छो हुईहए।
\p
\v 31 ३१ “ऐइसो फिर काहात हए, की जउन कोई अपनी बईयर के छोणन चाहत हए, बा बाके त्याग पत्र लीख्देबए"।
\v 32 पर मै तुमसे काहात हओ, जउन कोई अपनी बइयरके व्याभिचारके करनसे बाहेक औरकोइ कारनसे छोणएगो, बा बाके व्याभिचारी बना बईगो, और जो कोई अइसी छुटी भई बइयरनसे विहा करएगो बा व्याभिचार करइगो।
\p
\v 33 ”फिर तुम जहओ सुने हओ, की प्रचीन समयके अदमी से कही रहए,” तया झुटी कसम मत खाबए, पर परमप्रभुके ताहि खाइ भइ कसम तए पुरि कर ।
\v 34 “पर मै तुम से काहात हओ, कसम मत खाबओ। स्वर्ग के नाउँ मे कसम मत खा बओ, काहेकी बा परमेस्वरको सींहासन हए,
\v 35 ना पृथ्वीको, काहेकी बा परमेस्वरको पाउँ दान हए, ना यरुशलेमको काहेकी, बा माहाराजाको शहेर हए।
\p
\v 36 अपने मुणकी कसम मत खाओ, काहेकी तुम अपने बारके कारो की सेतो ना बना सकत् हओ।
\v 37 तुमरो कहो भओ बचन’ हं त हं ‘, ना त ना ‘इकल्लो होबए।जासे अलाबा दुस्ट से अत हए।
\p
\v 38 तुमसब सुने हओ, अइसो कहि रहए,’ अंखी को बदला अंखी, दंत को बदला दंत”।
\v 39 पर मै तुमसे काहत हओ, दुष्टको मुकाबला मत करओ।जउन तुमरे दहीना गलउवा मे मारत हए बाके ताही दुस्रो गलउवा रोक देबओ।
\v 40 जउन आदमी तुमर उपर मुद्दा चलाएके कपड़ा लेन दाबी करत हए तओ बा केअपने पिछउण फिर दइ देबओ।
\v 41 यदी कोइ तुमके एक कीलो मिटर दुर लइजान मजबुर करत हए, बा के संग दुई किलो मिटर जाएदेओ।
\v 42 तुम से मागन बारे के देओ और तुम से कर्जा लेन बारेके मिनाहा मत करओ।
\p
\v 43 ”तुम अइसो काहात सुने हओ, तुमरे पणोसी से प्रेम करओ, और दुस्मनसे घृरणा करओ।
\v 45 और तुम स्वर्गमे होन बारो अपने पिताके लउड़ा होबओ गे। बा खराब अच्छे दोनेन्के दीनको घामु देत हए, और धार्मी और पापी दोनेन्के बर्खा देत हए।
\v 46 काहेकी तुम प्रेम करन बारेनसे इकल्लो प्रेम करत हओ तव तुमके का इनाम हए? काहेकी महसुल उठान बारे फिर त अइसीए ना करत हए?
\v 47 तुम अपने ददा भइयनके इकल्लो अभीवादन करत हओ तव औरन से जद्धा का करे? का अन्य जातिफिर अइसो नाकरत हए का?
\v 48 जहे कारन से जैसो तुमरो स्वर्गमे होन बारो पिता सिद्ध हए, उइसिए तुम फिर सिद्ध हो बओ।“
\c 6
\cl अध्याय 6
\p
\v 1 “तुम अदमीनके दिखान तांही धर्म के काम मत करओ। नित स्वर्गमे होन बारो पिता से तुम कछु इनाम ना पाबइगे।
\v 2 ”जहे कारन से तुम दान देत हओ, तव अपने अग्गु तुरही मत बजाओ। जइसेकी पाखण्डी सभाघरमे और सडकमे आदमीसे प्रशंसा पान तांही करत हए। सचमुच मए तुम से कहत हओ की बे अपनो इनाम पाएडारी हए।
\v 3 पर जब तुम दान देत हओ, तव तुमरो दाहीना हात का करत हए, जा बात डीबरा हात पता न पाबए ।
\v 4 तुमरो दान गुप्तमे होबए, और गुप्पमे देखन बारो तुमरो पिता तुमके इनाम देबएगो।
\p
\v 5 ”जब तुम प्रार्थना करत हओ तव पखण्डीन के जइसो मत होबओ, काहेकी बे सभाघरमे और सणकके कुनइठेमे आदमी देखऐ कहीके प्रार्थना करन मन पणात हए। सचसच मए तुम से काहत बे अपनो इनाम पए लइ हऐ।
\v 6 पर जब तुम प्रार्थना करत हओ तव अपने भितरके कोने मए जाइके और फाटक बन्द करके गुप्त मए देन बारो तुमरो पिता से प्रार्थना करओ, और गुप्त मए देखन बारो तुमरो पिता तुमके इनाम देबइगो।
\v 7 और प्रार्थना करत अन्या जातिनके जइसे मत बरबराओ। काहेकी गजब शब्द मए बोलङ्गे तव हमरी सुनवाइ होबएगी कहीके बे बिचार करत हए।
\v 8 जाकमारे बिनके जइसे मत होबओ ।काहेकी तुमके मागन से पहीले तुमके का-का चीजकी अबस्सेक्ता हए, जा सब तुमरो पिता जानत हए।
\v 9 ”पर तुम जा परकार से प्रार्थना करओः हे हमरो पिता, तए जे स्वर्ग मे हए, तेरो नवउ पवित्र होबए,
\v 10 तेरो राज्य आबए, तेरि इच्छा स्वर्ग मए जइसे पुरि होत हऐ। बइसेइ जा पृथ्वी मए पुरि होबऐ
\v 11 हम के आज हमरी दीन भरकी रोटी दे।
\q2
\v 12 हमरे अपराद के क्षमा कर, जइसे की हम अपने अपराधीन के क्षमा करे हए।
\q2
\v 13 हमके परीक्षा मए पणन मत दे, और दुष्ट से बचा। काहेकी राज्य, पराक्रम और महीमा सदासर्वदा तेरी होबए।
\p
\v 14 काहेकी तुम आदमीन के अपराध क्षमा करइगे तव तुमर स्वर्गमे होन बारो पिता तुमके क्षमा करएगो।
\v 15 पर तुम आदमीनको अपराध के क्षमा ना करइगे तव तुमर पिता तुमर अपराध क्षमा ना करइगो।
\p
\v 16 “जब तुम उपवास बइठत हओ, तव पखण्डीन के जइसे उदासी चेहेरा मत दीखाओ। काहेकी आदमीन के अग्गु उपवास उदास बइठो हओ दीखान तांही वे अपनो मोहोके अँध्यारो बनात हए। सचमुच मए तुम से काहात हओ, वे अपनो इनाम पएलइ हए।
\v 17 पर तुम उपवास बइठे हओ, तव अपने मुणमे तेल लगाओ, और अपने मुहुके धोबओ।
\v 18 और तुमरो उपवास आदमी ना पर गुप्त मे बइठन बारो तुमरो पिता देखऐ, और गुप्तमए बइठन बारो तुमरो पिता तुम के इनाम देबएगो
\v 19 ‘अपने ताही पृथ्वीमे धन सम्पति मत इघट्टा करओ, जहँ कीरा और काई लागके खतम होत हए और जहँ चुट्टा घर काट के बा चुरात हए।
\v 20 पर अपने ताहँ स्वर्ग मए धन, सम्पति धरओ, जाहँ किरा और काई खतम ना करत हए, और चुट्टा फिर ना चुरात हए।
\v 24 “कोइ भी दुई मालीकको सेवा ना कर पए हए।काहेकी बा एक के खराब मानएगो, और दुसरे के प्रेम करइगो। अथवा बा एकके भक्तीदीखा बइगो, और दुसरेके तुच्छ मानएगो। तुम परमेश्वर और धनकी सेवा ना कर पाबइगे।
\p
\v 25 “जहे कारन से मए तुमसे काहात हओ, का खामङ्गे, का पिमङ्गे कहीके अपने प्राणके ताही और का लगामङ्गे’ कहीके अपने शरीरके ताही चिन्ता मत करओ। का जीवन खानबारी चिज से और शरीर लत्ताकपणा से उत्तम नाहए?
\v 26 अकाशके चिरइ चुरगनीन के देखओ। बे नत बिज बोत हऐ, नात अन्न कटनी करत हऐ, ना भकारी मए धरत हए, पर स्वर्गको पिता बिनके खबात हए। का तुम बिनसे बहुत मुल्याबान नाहओ?
\v 27 तुम मैसे कौन फिक्री करके अपन आयुमे एक घणी फिर थप सकत हए का?
\p
\v 28 “और लत्त कपडा के ताहिँ तुम काहे फिक्री करत् हौ? मैदानके लिली फुलाके देखौ, बे कैसे बढत् हए| बे ना परिश्रम करत् हए, ना डोरा बटत् हए|"
\v 29 पर मए तुमसे कहत् हौ, सोलोमन राजा फिर अपने साबै गौरबमे इनहीके जैसो एक सम्पन्न रहए
\v 30 आज होनबारो और कल आगीमे फ्याकन बारो घाँसके परमेश्वर अइसे पैधात् हए तव, ए अल्पबिस्वासी हो, का तुमके औरजद्धा बा ना पैधाबैए गो?
\v 31 जहेमारे का खाएहौ?' कि 'का पिहौ?' करके चिन्ता मतकरौ|
\v 32 काहेकि जे सब बात अन्याजाती ढुणत हए और जे बात तुमके जरुरत हए कहेन बारि बात तुमर स्वर्गिया पिता जानत हए |
\v 33 पर पहिले बाको दार्मिक्ता और बाको राज्यके डुणओ औ जे सब चिज तुमके दौजाएगो ।
\v 34 जहेक मारे कलके ताहि चिन्ता मत करओ, काहेकिकल्लकि चीन्ता बा अपनए करएगो ।प्रतेक दिनको अपनिए बहुत चीन्ता हए।
\c 7
\cl अध्याय 7
\p
\v 1 औरनके दोषी मत ठहरओ, और तुम फिर दोषीनए ठहरैगे,
\v 2 कहेकी जैसी तुम औरके दोषीबनात हओ, उइसिए, तुमके फिर दोषी बने जएहओ | जौन नापसे तुम नापत हओ, बाहे नापसे क तुमर ताही फिर नपेजए हए ।
\v 3 और कहे तुम अपन भैयाके आँखीमे भव पैराको कुराके देखतहौ, पर तुम अपनी आँखीमे भव बुँटा फिर पत्ता ना पातहौ?
\v 4 तुमर अपनी आँखीमे बुँटा हए, तव कैसे तुम अपन भैयासे कहए, 'मोके तुमर आँखीसे कुरा निकारन् देओ|'
\v 5 ए ढोगी, पहिले अपने आँखीमे भव बुँटाके निकर, और तुम अपन भैयाके आँखीमे भव कुराके निकारन ताही तुम सफासे देख पैहौ|
\v 6 “जो पवित्र हए बा कुत्तानके मत देओ| अपन मोती सोराके अग्गु मतफेकौ, नत बे अपन टाँगसे बाके कुचलडारङ्गे और घुमके तुमके अफत करेहए|"
\v 7 “मागौ और तुमके दव जाएगो, ढुणओ और तुम पाबएगे, ढकढक्बओ और तुमरे ताहिँ फाटक खुलोजाबइगो |"
\v 8 कहेकी मागन बारे सबए, पामङ्गे ।, और ढुणन बारे सबए पए हए । और खटखटान बारेनके ताहिँ खुलोजाबएगो ।
\v 17 ऐइसीए करके हरेक अच्छो रुखा अच्छो फरा फलाबैगो| और खराब रुखा खराब फरा फलए हए|
\v 18 अच्छो रुखा खराब फरा नए फर सकत हए, न ता खराब रुखा अच्छो फरा फारए सकत हए।
\v 19 अच्छो फरा ना फरानबारो हरेक रुखा काटके उजाणो जएहए, और आगीमे फेको जएहए ।
\v 20 अइसीय बिनके फरासे हि तुम बिनके चिनैगे|
\v 21 “मोके 'प्रभु, प्रभु' कहान बारे सब स्वर्गके राजमे प्रवेश नएकर पए ह ।| स्वर्गमे होनबारो मिर पिताको इच्छा पालन करन् बारे आदमी इकल्लो स्वर्गके राजमे प्रवेश करन पए हए ।"
\v 22 बा दिन बहुत आदमी मोसे कए हए, 'हे प्रभु, हे प्रभु, का हम तुमरे नाउँमे अगमवाणी बोले ना हए का? तुमरे नाउँमे भुत भजए ना हए का? और तुमरे नाउँमे अनेक शाक्तिशाली काम करे ना हए का?”
\v 23 और मए बिनसे सफासे काहमङ्गो, मए तुमके कब्हु ना चिनत हओ| ए खराब काम करन् बारे मोसे दुर हुइजाओ ।
\p
\v 24 “जहेमारे कि जौन मिर जा बचन सुन्तहए और पालन करत् हए, मए एक बुध्दिमान आदमीसे बाको तुलना करत् हौ, जौन अपन घर चट्टान उपर बनाइ ।"
\v 25 और पानी पणो, और बैहिया अई, और आँधी चली और बा घर उपर ठुको, ताहु फिर बा घर ना उज्णो| कहेकी बा चट्टान के ऊपर बनाइँ रहए ।
\v 26 पर जौन मिर जा वचन सुनके फिर पालन ना करत हए, बाको तुलना एक मुर्ख आदमीसे करत् हओ, जौन अपन घर रेता उपर बनाई ।
\v 27 पानी पणो, और बहिया अई, और आँधी चली और बा घर उपर ठुकी, और बा घर उजाड गओ, और बाको बणो बिनास भव।”
\p
\v 28 जब येशु जा बचन कहे डारी पिछु भीड बाकि शिक्षा सुनके बहुत अचम्मो पणिगए ।
\v 29 कहेकी बा बिनके शास्त्रीन के जइसो ना कि, बल्कि अधिकार पाव भव आदमी जैसो सिकत रहए ।
\c 8
\cl अध्याय ८
\p
\v 1 जब येशु बा डाँगासे उतरके पिछु बणी भीड बाके पिछु लाग् गई ।
\v 2 एक कोढी बाके ठिन अओ, और बाके अग्गु घुँटो टेकके कही, “हे प्रभु, तुमर इच्छा हए कहेसे मोके अच्छो करसक्त हौओ”।
\p
\v 3 बा अपन हात पसारके बाके छूई और कहि, “मए इच्छा करत् हौ, तुम अच्छे हुइजाओ|” तुरन्त बाको कोढरोग अच्छो हुइगओ।
\v 4 तव येशू बासे कहि, “कोइके मत बताबए ।तए जा और अपनएके पुजाहाके ठिन दिखा, और मोशा आज्ञा करी जैसो भेटी चढा, और आदमीके तही गबाही होबए ।”
\v 27 “जा त कैसो आदमी हए, कहेकी आँधी और समुन्द्र फिर जाकि कहिना मन्तहए" कहिके बे आदमी छक्क पणीगए ।
\p
\v 28 जब येशु बापारसे गदरिनीके मुलुकमे आए रहए, तव भुत लागे दुई आदमी गड्डासे निकारके बाके भेटि| बे इत्तो डरौने रहए, कि कोइ फिर हुँवासे आन-जान ना कर पात रहए ।
\v 29 देखओ बे अइसे कहत चिल्लाई, हे परमेश्वरको पुत्र, तुमसे हमर का मतलब हए? का कहोभओ समयसे पहीले हि तुम हमर ठिन दुःख देन आए हओ?
\v 5 का कहन सजिलो हए, तुम्रो पाप क्षमा भव' कि 'उठा और नेग' काहन?
\v 6 पर आदमीक पुत्रके पृथ्बीमे पाप क्षमा करनको अधिकार हए कहिके तुम जान सकओ ।” तव बा पक्षाघातीसे कहि, “उठ, अपनी खटिया बोक, और घरए जा ।”
\v 7 तव बा आदमी उठो, और अपने घरघेन गव| ।
\v 8 जब भीड जा देखि बे अचम्मो मानी आदमीनके ऐसो अदिकार देनबारो परमेश्वरको प्रशंसा करी ।
\p
\v 9 येशू हुवाँसे जातपेती मत्ती कहन बारो एक आदमीके कर उठन बारो अड्डामे बैठो देखि, और बिनसे कहि, “मिर पिछु लाग ।” तव बा उठो और बाके पिछु लागो ।
\v 10 जब खानु खान बैठो देखओ, बहुत जनी कर उठनबारे और पापी आए येशू और बाके चेलासंग खान बैठे|
\v 11 जब फरिसी जा देखी, तव बाके चेलानसे कहिँ, “कहे तुमरो गुरु कर उठानबारे और पापीसंग खातहए?”
\p
\v 12 जब येशु जा सुनी बा कहि, “निरोगीँके बैदाको जरुरत ना होतहए, पर रोगीनके होतहए ।
\v 13 तव जाएके जाको अर्थ का हए तुम सिकौ: मए बलिदान नए, दया चाहतहौ ।” कहेकी मए धार्मिनके नए, पर पापीनके बुलान अओ ।”
\p
\v 14 तव बप्तिस्मादेन बारो यूहन्नाके चेला बाके ठिन आए, और बासे पुछी, “काहे हम और फरिसी उपवास बैठतहए, और तुमरे चेला उपवास नए बैठतहए?”
\p
\v 15 येशू बिनसे कहि, “जब दुलहा संग अएभए बरैतियासंग शोक मनातहए? पर बे दिन आमंगे जब दुलहा बिनसे अलग होबएगो । और बे उपवास बैठंगे,
\v 16 “कोइ फिर पुरानो लत्तामे नयाँ कपणाको थिग्रा नए लगात हए । कहेकी नयाँ थिग्रा पुरानो लत्ताके फारदेतहए, लत्ता और जाद्धा फटजातहए ।"
\v 17 “कोइ पुरानो खालको मशकमे नयाँ दाखमध ना, धरतहए नित मशक फुटजाबैगो, और दाखमध गिरजएहए, और मशक नष्ट हुइजएहए । कहेकी नयाँ दाखमध नयाँ खालको मशकमे धरत हए और दोनो बच जएहए ।”
\p
\v 18 जब येशु बिनसे जा बात कहत रहए, देखओ त एक जनी शासक अओ, और येशुके दण्डवत करके कहि, मिर लौणीया भर्खर मरीहए, और आएके बाके मुण उपर तुम हात धरदेओ, और बा जीन्दा हुइजएहए ।”
\v 19 येशू उठो और अपन बिनके पिछु लागो चेलानके फिर बिनके पिछु गए ।
\v 20 देखओ बाहृ वर्षासे बहुत रगत बहनबारी एक बैयए येशुके पिछुसे आएके बाको कुर्ताको कुन्छ छुई ।
\v 37 “जौन मोसे जद्धा अपन दौवा और अइयाके प्रेम करेहए, बा मेरो योग्यको नए हुइहए। जौन मोसे जद्धा अपन लौणा और लौणियाके प्रेम करेहए, बा मिर योग्यको नए हुइ हए।"
\v 38 जौन अपन क्रुस उठाएके मिर पिछु नए लगेहए, बा मिर योग्यको न हुइहए।
\v 39 जौन अपन प्राण बचाए हए, बा बाके खोबैगो, और जोअपन प्राण मिर ताहिं खोबैगो बा जीवन पाबैगो।
\p
\v 40 “तुमके ग्रहण करन् बारो मोके ग्रहण करत् हए, और मोके ग्रहण करन् बारो मोके पठान बारेके ग्रहण करत् हए।"
\v 41 अगमवक्ताके अगमवक्ताए मानके ग्रहण करन् बारो अगमवक्ताको इनाम पएहए।धर्मी जनके धर्मी जन मानके ग्रहण करन् बारो धर्मी जनको इनाम पएहए।
\v 42 जौन जे छोटे मैसे एकके मिर चेला मानके एक गिलास पानी पिन देहए, नेहत्य मए तुमसे कहत् हऔं, बो अपन इनाम कबहु न खोबैगो।”
\c 11
\cl अध्याय 11
\p
\v 1 अपन बाह्र चेलनके आदेश दैके पिछु येशू हुवाँसे बिनके सहेरमे सिखान और सुसमाचार प्रचार करन गओ।
\p
\v 2 यूहन्ना ख्रीष्टक कामको चर्चा जेलमे सुनी, और अपन चेलनके बाके ठिन जा बात पुछ्न पठाई,
\v 3 “आनबारे त, तुमही हौ, कि हम और कोइकी प्रतिक्षा करयें?”
\v 11 “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हऔं, बैयरसे जन्मो मैसे बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नासे महान और कोइ नैयाँ। ताहुँ फिर स्वर्गके राजमे जो सबसे छोटो हए, बा इनसे महान हए।"
\v 12 बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नाके समयसे हबए तक स्वर्गको राज जोडसे अग्गु बढरहो हए, और शाक्तिशाली आदमी जबरजस्तिसे जाके पाक्णत् हएँ।
\v 13 काहेकी यूहन्नाके समय तक सबय अगमवक्ता व्यवस्थासे अगमवाणी करिरहएँ।
\v 14 तुम ग्रहण करन् राजी हुइहौ तव, आन बारे एलिया जेही हएँ।
\v 15 जौनको सुनन कान हए, बा सुनए।
\p
\v 16 “अब जा पुस्ताको तुलना मए कासे करौं? जा ता बजारमे खेलन बारे छोटे-छोटे लौणा-लौणिया हानि हएँ, जौन अपन संगीनके बुलातहए और कहतहए,"
\v 17 “हम तुमरे ताहिं बसुली बजाए, तव तुम न नाचे। हम बिलाप करे, और तुम न रोए ।'
\v 18 काहेकि यूहन्ना खात और पित न आओ, और बे बोके भुत लागोहए कहिके कहत् हएँ ।
\v 19 आदमीक पुत्र खात और पित अओ, और बे कहत् हए, “देखओ, घिचुवा, दारोहा, कर उठानबारे, और पापीनको संगी!'पर बुध्दि त ठीक हए तव बाके कामसे प्रमाणित हुइहए।"
\p
\v 20 तव येशू जौन-जौन सहेरमे बहुत शाक्तिशाली काम करिरहए, बा बिनके डाँटन लागो, काहेकी बे पश्चाताप न करीँ रहयँ।
\v 21 “धिक्कार तोके, ए खोराजीन! धिक्कार तोके, ए बेथसेदा! काहेकी तुमरे मे करेभओ शाक्तिशाली काम टुरोस और सीदोनमे करेभओ होते बे पहिलीए से बोरा लगाएके और भुवा लगाएके पश्चाताप कर डरते ।"
\v 22 पर मए तुमसे कहत् हऔं, न्यायके दिनमे तुमसे जद्धा ता टुरोस और सीदोनको हालत तुमसे बहुत सहरानो हुइहए ।
\v 23 ए कफर्नहुम, का तए बादरसे उचोहुइहए का? तय पातालमे गिरैइगो । कहेकी तिरमे करेभए शाक्तिशाली काम सदोममे करेहोते तव बे आजके दिन तक रही रहतो ।
\v 25 ब बेरा येशू कहि, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्बीक प्रभु, मए तुमके धन्यबाद चणत् हौ, कहेकी तुम जा बात बुध्दीमान और समझदारसे गुप्तमे धरे, पर बालकके बे प्रगट करे ।
\v 26 हे, पिता, कहेकी तुमके जहे अच्छो लगो ।
\p
\v 27 “मिर पिता सब चिज मोके सौप दै हए । पिता बाहेक पुत्रके कोइ चिनत नाहए, और पुत्र बाहेक पिताके कोइ चिनत नाहए, और बे फिर चिनत हए जौनके पुत्र पिता प्रकट करन् इच्छा करत् हए ।
\v 28 “हे सब थके भए और बोझसे दबे भए, मिर ठिन अओ, मए तुमके बिश्राम देहऔं"
\v 29 मिर जुवा अपने उपर लेओ, और मोसे सिखओ, कहेकी मए नम्र और कोमल ह्रदयको हऔं, और तुम अपन आत्मामे बिश्राम पाबैगे।
\v 30 कहेकी मिर जुवा सहज हए, और मिर बोझ हलुको हए।”
\c 12
\cl अध्याय 12
\p
\v 1 बा समय येशू शाबाथमे* अन्नके खेत हुइके जात रहए। बाके चेला भुखाने रहएँ और अन्नके बाली तोरके खान लागे।
\v 2 पर जब फरिसी जा देखके बासे कहिं, देखओ, तुमरे चेला शबाथमे जो करन् उचित न हए, बहे करत् हएँ।”
\p
\v 3 तव बा बिनसे कहि, “दाउद, और उनके संग होनबारे भुखाने रहएँ तव बे करी रहएँ, का तुम पढे नैयाँ?
\v 4 कैसे बे परमेश्वर भवनमे घुसके चढाओ भव रोटी खाई रहएँ, जौन बा और उनके सँग रहनबारेनके खान त न रहय, पर बा पुजाहारीनके ताहीं इकल्लो उचित रहए।
\v 5 और का तुम व्यवस्था पढे नैयाँ, कैसे शबाथमे पुजारी मन्दिरमे शबाथके अपवित्र बनात हएँ, और फिर निर्दोष ठहिरत् हँए?
\v 6 पर मए तुमसे कहत् हऔं, मन्दिरसे महान एक जनी हिँया हए।
\v 7 पर मए बलिदान नए, दया चाहत् हौ' जाको अर्थ का हए सो तुम जनते तव तुम निर्दोषके दोष न लगइते।
\v 8 काहेकी आदमीको पुत्र शबाथको प्रभु हए।”
\p
\v 9 हुँवासे निकरके बा बिनको सभाघरमे गओ।
\v 10 देखऔ हुँवा पर एक हात सुखो भव आदमी रहए। बे येशूके दोष लगान ताहिँ बोसे पुछीं, “का शबाथमे कोइके अच्छो करनके ठीक हए?”
\p
\v 11 येशू उनसे कहि, “तुम मैसे कोइको एक भेडा हए, और शबाथमे बो गड्डामे घुसिगव तव, का तुम बोके पकणके बाहिर न निकारैगे?
\v 29 “पहिले बलि आदमीके न बाँधके बक घर भितरको धन सम्पति कैसे लैजए पएँहएँ? बा बलि आदमीके बाँधके बक घर लुट पएँहएँ।"
\p
\v 30 “जौन मिर संग नैयाँ, बा मिर बिरुध्दमे हए, और जौन मिरसंग बटोरत नैयाँ, बा बिग्दाबैगो।"
\p
\v 31 बहेमारे मए तुमसे कहत् हौं आदमीनके करो पाप और ईश्वरको-निन्दा क्षमा हुइहए, पर पवित्र आत्माके बिरुध्दमे करो निन्दा क्षमा ना हुइहए।
\v 32 और कोइ परमेश्वरको पुत्रके बिरुध्दमे कुछ कहि तव बो क्षमा हुइहए, पर कोइ पवित्र आत्माके बिरुध्दमे बोलैगो तव बोके ना जा युगमे और आनबारो युगमे फिर क्षमा ना हुइहए।
\p
\v 33 “कि रुखाके अच्छो बनाओ, और बाको फरा अच्छो हुइहए। कि रुखाके खराब बनाओ और बाको फरा फिर खराब हुइहए। काहेकी फरासे रुखा चिनत हँए।"
\v 34 ए साँपके बच्चाओ! तुम अपनए दुष्ट हौ, अच्छी बात कैसे बोल पैहौ? काहेकी ह्रदयमे जो भरी बात बहि मुँहुसे निकरत हए।
\v 38 तव शास्त्री और फरिसी मैसे कोइ-कोइ बोसे कहिँ, “गुरुज्यु, हम तुमसे एक चिन्ह देखन चाहतहँए |”
\v 39 बो बिनके जबाफ दै, “दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिन्ह ढुणत् हए। पर जा पुस्ताके योना अगमवक्ताक चिन्ह बाहेक और कोइ चिन्ह ना देहए।
\v 40 काहेकी जैसी योना बहुत बणी मछ्रीके पेट भितर तीन दिन और तीन रात रहो, उइसी ना आदमीको पुत्र फिर पृथ्बीके गर्भमे तीन दिन और तीन रात रएहए।
\v 41 निनबेके आदमी न्यायके दिनमे जा पुस्ता संग ठाडहएँ।, और जाके दोषी ठहेरयहएँ, काहेकी बे योनाके प्रचार सुनके बे परमेश्वर करीरहँए, पर देखओ, योनासे महान कोइ हियाँ हए।
\v 42 दक्खिनकी महारानी न्यायके दिनमे जा पुस्ताके संग ठाडैगी, काहेकी बे पृथ्वीके छोरसे सोलोमनकी बुध्दीक् बात सुनन् आई पर देखौ, सोलोमनसे महान कोई हिंयाँ हए।
\p
\v 43 जब कोइ दुष्ट आत्मा आदमीसे निकरके जात् हए, बा विश्राम ढुणत् सुखो ठाउँ घेन घुमत् हए, पर कहु ना पात हए।
\v 45 तव बा जात् हए और अपनसे जद्धा दुष्ट और सात भुतात्मा ल्यातहए, और भितर घुसके बे हुवाँ बैठतहए, और बा आदमीको पिछुको दशा अग्गुसे और खराब होतहए। जा दुष्ट पुस्ताके फिर अईसी हुइहए।”
\p
\v 46 जब येशू भिडसंग बोलत रहए बहेबेरा बक अइया और भैया बाहिर ठाणे रहँए, और बोसे बात करन् चाहत रहँए।
\v 47 “तव एक जनै येशूसे कहि,” “देखओ, तुमरी अइया और तुमर भैया बाहिर ठाणे हँए, तुमसे बात करन् चाहतहएँ।"
\v 11 येशू बिनसे जबाफ दैके कहि, तुमके ता स्वर्ग-राजको रहस्यको ज्ञान दओ गव हए, पर बिनके ना दै हए।
\v 12 काहेकी जौन के संग हए, बिनके और दओ जए हए, और बाकेसंग बहुत हुइहए। पर जौनसंग नैयाँ, बाकेसंग भव फिर बासे छिनजए हए।
\v 13 जहेमारे मए बिनसे कहानीमे बोलत् हौं: काहेकी बे देखन त् देखत् हँए, पर देख ना पातहँए, सुनन् ता सुन्तहँए, तव सुनके समझ ना पातहएँ।
\v 14 बिनके ताँहि यशैया अगमवक्ताको अगमवाणी बिनमे पुरा हुइ हए: 'सुनन् त बे सुन्तहए, पर कबहू समझत नैयाँ, देखन त देखतहए, पर कबहू देख न पातहएँ।
\p
\v 15 काहेकी जे आदमीके ह्रदय कमजोर हुइगव हए, और बिनके कान बहिरा हुइगए हँए, और बे अपनी आँखी बन्द करेहँए, नत बे दिखते, और कानसे सुनते, ह्रदयसे समझते, और घुमते, और बे अच्छे हुइते।”
\v 17 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, तुम देखिबात बहुत अगमवक्ता और धर्मी जनी देखन उत्कट इच्छा करत् रहएँ, पर देखना पँई, और बे सुनि बात सुनन् उत्कट इच्छा करत् रहँए, पर सुन ना पँई।
\p
\v 18 “बिज बोनकी कहानी सुनओ।"
\v 19 जब कोइ राज्यको बचन सुन्तहए, और सो समझत नैयाँ, तव दुष्ट अतहए और बक ह्रदयमे जो बुओ रहए सो छिनके लैजातहए। डगर घेन बुए बीज त बेहि हएँ।
\v 31 जाके पिच्छु येशू बिनसे दुसरी कहानी कहि, “स्वर्गको राज भादीक् दाना जैसो हए, जो एक आदमी लैजाएके अपन बारीमे लगाई।
\v 32 बा सब बीजमे सबसे छोटो हए, पर जब बढत् हए, तव बा सब सागसे बणो होतहए । बा एक रुखा हुइजातहए। आकाशके चिरैचुरगूनी आएके बाके हाँगामे ठाँठ बनात् हँए।”
\p
\v 33 येशू बिनके दुसरी कहानी कहि, “स्वर्गको राज सोडा जैसो हए, जो एक बैयर पच्चीस किलोग्राम चुनमे मिलाइ, और बा जम्मा सोडासे फुलके ठीक ना होन तक बाके एक ठाउँमे धरेरही।”
\p
\v 34 येशू जा सब बात आदमीनके कहानीमे कहि। बिना कहानीसे बिनके कुछ फिर ना कहि।
\v 44 “स्वर्गको राज कोइ जमिनमे लुकाव भौ धन जैसो हए। जो एक आदमी पाएके लुकाए रहातहए, और आनन्दित हुइके बा जात् हए और अपने ठिन भव सब बेचतहए और बा खेत किनत् हए।"
\p
\v 45 “फिर स्वर्गको राज अच्छो मोती ढुणन बारो एक जनी व्यापारी जैसो हए।"
\v 52 और बा बिनसे कहि, “जहेमारे स्वर्गको राज्यको शिक्षा पाव भव हरेक शास्त्री एक घरको मालिक जैसो हए, जौन अपन बक्खारीसे नयाँ और पुरानो मुल्यवान सामान बाहिर निकारत् हएँ”
\v 53 जा कहानी बताएके पिच्छु येशू हुवाँसे गैभव।
\v 54 तव येशू अपन सहेरमे अइगव बा उनके सभाघरमे बिनके अइसो शिक्षा दै, कि छक्क पणके बे कहिं, “इनके जा बुध्दी और अचम्मो काम करन् शाक्ति कहाँ से पाई हँए?
\v 55 का बा मिस्तरिक लौणा का नैयाँ? का इनकी अइयाको नाउँ मरियम, और यिनको भैया याकुब, योसेफ, सिमोन और यहूदा का नैयाँ?
\v 56 जक बहिनीया सब हमर संगसंगए नैयाँ का? तव जा जे सब बात कहाँसे पात हए?”
\p
\v 57 और बे बासे चिरक पणे, “पर येशू बिनसे कहि अगमवक्ता को आदर ना होनबारो ठाऊँ काहोको अपनी परिवार और अपनी देशमे ईकल्लो हए ।”
\v 58 और बिनको अविश्वासके कारन बा हुवाँ शाक्तिके बहुत काम ना करी।
\v 32 तव येशू अपन चेलनके अपने घेन बुलाएके कहि, “मए जा भीडके देखके डहा लागत हए, काहेकी जे मिरसंग रहे आज तीन दिन हुइगव, और यिनके संग खानबारो चिज कुछु नैयाँ। जिनके भुखो पठान मए ना चाहत् हौं। नत जे डगरमे अएपन् हुइजएहएँ।”
\p
\v 33 चेला बासे कहिँ, “यित्तो भारी भीडके जा निर्जल ठाउँमे खानु खबान हम कहाँसे यित्तो रोटी पैहएँ?
\v 34 येशू बिनसे कहि, “तुमरे ठिन कए रोटी हँए?” बे कहिँ, “सात रोटी और कुछ छोटी-छोटी मछ्री हँए |”
\v 35 बा भीडके भुइँमे बैठनके आज्ञा दै।
\v 36 बा बे सात रोटी और मछ्री लैके धन्यवाद चढाएके तोरी और चेलनके दै। और चेला आदमीनके दैं।
\v 37 बे सब खाई और अघाए गए। और उबरे खुद्रा बे सात डलैया उठाइँ।
\v 38 बैयर और लौणा लौणिया बाहेक खानबारे चार हजार लोग रहँए।
\p
\v 39 तव भीडके बिदा करके पिछु बा नैयाँमे चढो, और मगादानको इलाका घेन गओ।
\c 16
\cl अध्याय 16
\p
\v 1 फरिसी और सदुकी आए, और बाको जाँच करन् स्वर्गके एक चिन्ह दिखाएदे करके बासे माग धरीँ ।
\v 3 और सुबेरे कहत् हौ, 'बादर लाल और तोपे हए, आज आँधी आनबारी हए।” तुम बादरको अवस्था देखके दिन कैसो हुइहए अर्थ लगान जानत् हौ, तव समयको चिन्हको अर्थ खोलन ना जानत् हौ।
\v 4 दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिनह मागत् हए, पर योनाको चिन्ह बाहेक और चिन्ह बिनके ना दओ जाबएगो” और बिनके छोडके बा दुर चलो गओ ।
\p
\v 5 चेला बापार जाएके बे अपने संग रोटी लान भुलगए ।
\v 6 येशू बिनसे कहि, “ध्यान देबओ, “फरिसी और सदुकीको खमीर से होसियार रहिओ ।”
\p
\v 7 चेला एक दुसरेसे बात करतय अइसो काहान लागे, “हम रोटी ना लानके कारन बा अइसो कहत हए ।”
\p
\v 8 येशू जा बात पता पाएके कहि, “ए अविश्वासीऔ! तुमरे संग रोटी ना हए काहेके आपसमे बहस काहे करत् हऔ?
\v 9 का तुम ह्बाए ना समझे हओ? पाँच हजारके तहीँ पाँच रोटीकी बात तुमके ह्बाए याद ना हए? तुम कित्नो डलैया बटोरे रहऔ?
\v 10 और चार हजारके तहीँ सात रोटी रहए तव कित्तो डलैया तुम बटोरे रहऔ?
\v 11 मए तुमके रोटीके बारेमे कहो नैयाँ करके तुम काहे ना सम्झत हऔ?” ध्यान देओ फरिसी और सदुकीनके खमिरसे होसियार रहिओ ।”
\v 12 तव बे सम्झी, कि बे रोटीको खमिरसे नए पर फरिसी और सदुकीको शिक्षासे होसियार रहान् कहिहए ।
\v 16 सिमोन पत्रुस जबाफ दै, तुम ख्रीष्ट हऔ, जीवित परमेश्वरके पुत्र ।”
\p
\v 17 येशू बिनसे कहि, “योनाको लौड़ा सिमोन, तुम धन्य हऔ । कहेकी आदमीसे तुमके जा प्रघट नए भव हए, पर स्वर्गमे होनबारो मिर पितासे प्रघट भव हए ।
\v 18 मए तुमसे कहत् हौ, कि तुम पत्रुस हऔ । मए मिर मण्डली जा चट्टान उपर स्थापित करेहऔ, और नरकके फट्क बा उपर बिजय ना हुइहए ।
\v 19 मए तुमके स्वर्गको राजको चाभी देमँगो । जो तुम पृथ्बीमे बाँधैगे, सो स्वर्गमे बाँधजएगो, और जो तुम पृथ्बीमे खोलैगे, सो स्वर्गमे खुलजए हए ।”
\v 20 बा ख्रीष्ट हए करके कोइके मत कहिओ करके येशू चेलनके आज्ञा दै ।
\p
\v 21 बा कैसे यरुशलेममे जान पणैगो, और धर्म-गुरु और मुखिया पुजारी और शास्त्रीसे बहुत कष्ट भोगन पणैगो, मरन् पणैगो और तीन दिनमे जिन्दा होबैगो करके बा समयसे अपन चेलनके बतान लागो ।
\v 22 पत्रुस बाके एक घेन लैजाएके ह्पकान लागो, “परमेश्वर अइसे ना करए, प्रभु, तुमर उपर अइसो कबहु नए हुइहए ।”
\p
\v 23 तव घुमके बा पत्रुससे कहि, “ए शैतान, मिर समनेसे हटीजा तए मिर तही बाधा होतहए, काहेकि तए परमेश्वरकि बातमे ध्यान ना देत हए पर आदमीक बातमे ध्यान देत् हए ।”
\p
\v 24 तव येशू अपन चेलनसे कहि, “कोइ मिर पिछु आनके इच्छा करत् हए तव, बा अपने के इन्कार करए और अपन क्रुस उठाएके मिर पिच्छु लागए ।
\v 25 काहेकी जौन अपन प्राण बचान चाहत हए, बा बाके गुमाबैगो, और जौन अपन प्राण मिर तही गुमाबैगो, बा बाके पाबैगो ।
\v 26 काहेकी सारा जगत् प्राप्त करके फिर अपन प्राण गुमाबैगो तव, आदमीके का फाईदा हुइहए? अथबा आदमी अपन प्राणके सट्टामे का दएपए हए?
\v 27 कहेकी आदमीक पुत्र अपन पिताके महिमामे अपन स्वर्गदुतसंग अएहए, और बा बेरा बा हरेक आदमीनके बाके काम अनुसार प्रतिफल देबैगो ।
\v 28 नेहत्व, मए तुमसे कहत् हऔ, हियाँ ठाडे भए मैसे कित्तो आदमी पुत्रके अपन राजमे आत नादेखनतक मृत्यु ना चाखंगे ।”
\c 17
\cl अध्याय 17
\p
\v 1 जाको छय दिन पिछु येशू पत्रुस, याकुब और बिनको भैया यूहन्नाके अपने संग एक उचे पहाड उपर अलग लै गओं।
\v 2 बिनके अग्गु बाको रुप बदलिगव। बाको चेहेरा दिन हानी चम्किलो भव, और बाको कुरता ज्योति कता उजियारो भव।
\v 3 देखऔ मोशा और एलिया बाके संग बातचित करत् दिखाने।
\v 4 पत्रुस येशूसे कहि, “हे प्रभु, हम हियाँ रहन अच्छो हए। तुमर इच्छा हुइहए तव हियाँ तीन वासस्थान बनामंगे, एक तुमरे ताहीँ, एक मोशाके ताहीँ और एक एलियाके ताहिँ।”
\p
\v 5 बा मस्कतपेति, चम्किलो बादर बिनके तोपदै, और बादरसे एक आवाज आओ, “जा मिर प्रिय पुत्र हए, जासे मए बहुत खुशी हौ, जिन्की बात सुनौ।”
\v 6 जब चेला जा सुनी, तव बे बहुत डराएके घुप्टा पणिगए।
\p
\v 7 तव येशू आएके बिनके छुएके कहि, “उठओ, मतडराओ।”
\v 8 जब बे अपनी आँखी उठाएके, येशू बाहेक बे और कोइके न देखिं।
\p
\v 9 जब बा पहाडसे उतरत् रहए, येशू बिनसे कहि, जब तक आदमीको पुत्र मरके जिन्दा हुइके न उठेहए, तव तक जा दर्शनकी बात कोइके मतबतैओ।”
\p
\v 10 और चेला बासे अइसे करके पुछीं, “तव काहे शास्त्री पहिले एलिया आन पडैगो करके कहत् हएँ?”
\p
\v 11 येशू बिनसे कहि, “एलिया नेहत्य आबैगो, और सब बातके फिर सच्याए हए।
\v 12 पर मए तुमसे कहत् हौं, 'एलिया अग्गुए अईगव हए, और आदमी बाके न चिनी, तव बाके बे मनमानी करीं। उइसीए आदमीको पुत्र फिर बिनके हातसे कष्ट भोगैगो।”
\v 16 मए तुमरे चेलाके ठिन लाओ, पर बे बाके अच्छो न करपाइँ।”
\p
\v 17 तव येशू कहि, “ए अविश्बासी और भ्रष्ट पुस्ता, कहाँ तक मए तुमरे संग रएँहौं? कहाँ तक मए तुमके सहामौ? बाके मेरे ठिन लाओ।”
\v 18 येशू बाके डाँटी, और भुतात्मा बासे निकरिगव। बा लौणा बहे समय अच्छो हुइगव।
\p
\v 19 तव चेला येशूके ठिन चुप्पय से आएके कहिँ, “हम बाके काहे न निकार पाए?”
\p
\v 20 येशू बिनसे कहि, “तुमरो कमजोर विश्वास के कारण । नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, कि तुमर एक भादिको दाना बरोबार बिश्वास हए तव जा पहाड 'हियाँसे हटीजा' कएहौ तव बा हटीजाए हए। और तुमरे ताहि कोइ असम्भव नए हुइहए।
\v 21 पर जा किसिमको भुत त प्रार्थना और उपवास बिना न निकरत् हए।”
\p
\v 22 बा गालीलमे इकठ्ठा होत येशू बिनसे कहि, “आदमीको पुत्र आदमीनके हातमे सौंपो जएहए।
\v 23 और बे बाके मारंगे, और बा तिसरे दिनमे जिन्दा हुइ हुईजएहए। और चेला गजब दु: खित भए।
\p
\v 24 जब बा कफर्नहममे आओ, मन्दिरको कर उठान बारे पत्रुसके ठिन आएके कहिं, “का तुमर गुरु कर न तिरत् हए?”
\v 25 बे कहिँ, “हाँ तिरत् हए।” पत्रुस घर भितर गव, येशू बासे पहिले कहि, “सिमोन, तुमर बिचार का हए? पृथ्बीके राजा महसुल और कर कासे उठातहएँ? अपन प्रजन से कि परदेशिनसे?”
\p
\v 26 “परदेशीनसे,” कहिके पत्रुस जबाफ दै। येशू बिनसे कहि, “तव त प्रजा कर तिरनसे छुट पइँ हए।"
\v 27 पर बे हमसे न दिक्कामए करके समुन्द्रमे जाएके बन्सी लगाबओ, और पहिली पडी मछ्री लाओ। बाको मुहू खुलेहौ तुम एक चाँदीक सिक्का रुपैया पएहौ। बा लैजाएके तुमर और मिर ताहिं कर उठान बारेनके देओ।"
\c 18
\cl अध्याय 18
\p
\v 1 बहे समय चेला येशूके ठिन आएके पुछीं, “स्वर्गके राजमे सबसे महान कौन हए?”
\p
\v 2 बा एक बालकाके नजिक बुलाएके बिनके बीचमे ठणबाइ,
\v 3 और कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, मन बदलके तुम छोटो बालका कता न हुइहौ तव कबहू स्वर्गके राजमे न जान पएहऔ ।
\v 4 जौन जा छोटो बालक जैसो अपनाएके नम्र बनाए हए, बहे स्वर्ग राजमे सबसे महान हुइहए।
\v 5 जौन मिर नाउँमे एक अइसी बालकाके ग्रहण करेहए, बा मोके ग्रहण करेहए।
\v 7 “पाप करन् लगान बारो परीक्षाके ताहिँ जा संसारके धिक्कार! पाप करबान बारो परीक्षा त आतहए, पर धिक्कार, बा आदमीके जौनसे पाप करबान बारो परीक्षा आतहए!”
\v 8 तुमरो हात और टाँग तुमके पाप करन् लगातहए तव बाके काटके फेंक देओ। दोनाए हात और टाँगके संग आगीमे पणनेसे त बलुक लुलो और लंगणा हुइके जीवनमे घुसनो तुमरे ताहिँ अच्छो हुइहए ।
\v 10 होसियार रहौ, तुम जे छोटे मैसे एक जनीके फिर हेला मत करौ। काहेकी मए तुमसे कहत् हौं, स्वर्गमे बिनके दुत स्वर्गमे मिर पिताके दर्शन सब दिन करत् रहत हएँ"
\v 26 येशू बिनके उपर नजर लगाएके कहि, “आदमीक ताहिँ जो असम्भव हए, तव परमेश्वर ताहिँ सब बात सम्भव हए।”
\p
\v 27 तव पत्रुस बासे कहि, “देखौ त हम सब चीज छोड्के तुमर पिच्छु लागे हएँ। तव हम का पए हएँ?”
\p
\v 28 येशू बिनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, तुम जो मिर पिच्छु लागेहौ, नयाँ सृष्टिमे जब आदमीको पुत्र अपन महिमाके सिंहासनमे बैठैगो, तव तुम फिर बाह्र सिंहासनमे बैठैगे, और इस्राएलके बाह्र कुल उपर न्याय करेहौ।
\v 29 हरेक जौन मिर नाउँके कारनसे घर, ददा- भैया और दिदी-बहिनिया औ दौवा और अइया और लौणा-लौणिया और जग्गा जमिन छुणेहए, बा सव गुना पएहए, और अनन्त जीवनको अधिकार पाबैगो।
\p
\v 30 तव बहुत जनी जो शुरुके हयँ, बे पिछु हुई जयहयँ, और बहुत जनी जो पिछु होनबारे बे अग्गु हुइ जयहएँ।
\c 20
\cl अध्याय 20
\p
\v 1 “स्वर्गको राज जमिनको एक मालिक जैसो हए, जो भुकभुको सुबेरे अपन दाखबारीमे खितहरानके देहणीमे काम लगान बाहिर निकरो।
\v 21 बा बिनसे पुँछी, “तुम का चहत् हौ?” बे बासे कहिँ, “आज्ञा करओ और तुमरे राजमे मिर जे दुई लौणा मैसे एक जनी तुमरे दहिना हातघेन, और दुसरो तुमरे दिबरा हातघेन बैठन पामएँ।”
\p
\v 22 तव येशू बिनसे कहि, “तुम का मगत् हौ सो न जानत् हओ, जौन कटोरा मए पिनलागो हौ, का बा तुम पि पएहौ।”
\p
\v 23 बा कहि, “मिर कटोरा तुम पिहौ, पर मिर दहिना और दिबरा बैठन देनबारी बात मिर हातमे नैयाँ। जा ठाउँ बिनके ताहीँ हए, जौनके ताहीँ मिर पिता तयार करडरी हए।”
\p
\v 24 जा सुनके दसओं जनी बे दुई भैयासे दिक्काए गए।
\v 25 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कहि, “तुमके पता हए, कि अन्यजातिके शासक बिनके अधीनमे रखातहएँ, और बणेबणे बिनके उपर अधिकार जमाएहँए।
\v 26 तुमरे बीचमे अइसो नएहुइहए, पर जौन तुमर बीचमे बणो होनके इच्छा करत् हए, बा तुमरो सेवक होनपणैगो।
\v 27 जौन तुमर मैसे पहिलो होन इच्छा करत् हए, बा तुमरो कमैया होनपणैगो,
\v 28 जैसी आदमीक पुत्र फिर सेवा पानके नाए पर सेवा करन् और बहुतनको छुटकाराको मोल स्वरूप अपन प्राण देन अओ।”
\p
\v 29 बा यरिहोसे जातपेती, एक बहुत भारी भीड बोके पिछु लागी।
\v 30 डगरके किनारे दुई जनी अन्धरा बैठें रहयँ। येशू बा डगरसे जात बे जा बात सुनके अइसे करके चिल्लान लागे, “हे प्रभु, दाउदको पुत्र, हमरे उपर दया करओ।”
\v 31 भीड बिनके चुप लागएँ करके डाटीं, तव बे अइसे करके और जोणके चिल्लाइँ, “हे प्रभु, दाउदको पुत्र, हमरे उपर दया करओ।
\p
\v 32 तव येशू रुकिगव और बिनके बुलाएके कहि, “तुम का चाँहत् हौ? मए तुमरे तहीँ का करदेओं?”
\v 33 बे बासे कहिँ, “हे प्रभु, हमर आँखी खोलदेओ?”
\v 34 येशू डहा करके बिनकी आँखी छुइदै और तुरन्त बे देखन लागे और बे बाके पिच्छु लाग गय।
\c 21
\cl अध्याय 21
\p
\v 1 जब येशू और बाके चेला यरुशलेमके ढिंगई जैतुन डाँगाको बेथफागेमे आए पुगे, तव येशू दुई चेलनके अइसे करके पठाई,
\v 12 येशू मन्दिरमे घुसो। और बा मन्दिरमे किनबेच करन् बारेक सबके भजाएदै, और पैसा बद्लन बारेक टेबुल, और परेबा बेचन बारेक आसन पल्टाएदै।
\v 13 बा बिनसे कहि, “अइसो लिखोहए, 'मिर घर प्रार्थनाको घर होबैगो।' पर तुम जाके डाँकुको अड्डा बनाएहौ।'
\p
\v 14 अन्धरा और लंगणा मन्दिरमे बाके ठिन आए, और बा बिनके अच्छो करी।
\p
\v 15 “तव जब मुखिया पुजारी और शास्त्री बाको अचम्मो काम देखीँ और लौणा लौणिया मन्दिरमे" “दाउदको पुत्र होसन्ना" “करत् चिल्लात सुनी, तव बे क्रोधित भए,"
\v 16 और बे बासे कहिँ, “सुन्तहौ, जा का कहेरहो हए?” तव येशू बिनसे कहि, “हाँ, सुन्तहौं, का तुम पढे नैयाँ, शिशु और दुध-खानबारेनके ओठसे बा पुरा प्रशंसा लई हय'?”
\v 21 येशू जबाफ दैके बिनसे कहि, “नेहत्व, मए तुमसे कहत् हौं, तुमरेमे विश्वास हए और कबहू शंका न करेहौ तव, अन्जीरको रुखा जो करो यित्कए इकल्लो न हय, पर जा डाँगा फिर उखणके समुन्द्रमे गिर' कएहौ बहे हुइजए हए ।
\v 22 विश्वास करके प्रार्थनामे जो मगेहौ बा तुम पाबैगे ।”
\p
\v 23 बा मन्दिरमे घुसो, और बा शिक्षा देतपेती मुखिया पुजारी और जनताके धर्म-गुरु बाके ठिन आए, और कहिँ, “कौन अधिकारसे तुम जा काम कर रहेहौ, और कौन तुमके जा अधिकार दओ?”
\p
\v 24 येशू बिनके जबाफ दैके कहि, “मए फिर तुमसे एक प्रश्न पुछ्तहौं । मोके बाको उत्तर देहौ तव, मए कौन अधिकारसे जा काम करत् हौ, सो तुमके बातएहौं ।
\v 25 यूहन्नाको बाप्तिस्मा कहाँ से भव? स्वर्गसे कि आदमीसे?” बे आपसमे अइसो कहत बहास करन् लागे, “स्वर्गसे कएहँए तव, बे कएहँए तुम उनके काहे विश्वास न करे?' कए हँए।
\v 32 काहेकी यूहन्ना तुमरे ठिन धार्मिकताको डगर दिखानके आओ, पर तुम बाके उपर विश्वास न करे। पर कर उठानबारे और वेश्या बाके उपर विश्वास करीँ। तुम जा देखके फिर पश्चात्ताप न करे, और उनके उपर विश्वास न करे।”
\p
\v 33 “दुसरो कहानी सुनओ। कोइ एक जनी घरबारो रहए, जौन एक दाखबारी लगाई, और बाके आसपास बेढा लगाएके हुवाँ दाख पेरानके एक कोलु धरीँ, और एक मचान बनाई औेर किसाननके ठेंका दैके बा परदेश गव।"
\v 34 जब फसलको समय आओ, बा किसाननके ठिन अपन हिस्सा मागन नोकरनके पठाई।
\v 35 “तव किसान बाके नोकरके पकणके एकके पिटीँ, दुसरेक मारडारीं, और तीसरेक पत्थरसे मारीँ"
\v 36 फिरके बा अग्गुसे जद्धि नोकर पठाई, और बे यिनके संग फिर उइसीय व्यवहार करीँ
\v 37 मिर लौणाके त बे आदर करेहएँ करके सोचके अन्तमे बा अपन लौणाके बिनके ठिन पठाई|
\v 38 “तव किसान लौणाके देखके आपसमे कहिँ, जा त उत्तरधिकारी हए। आओ, बाके मराएँ, और बाको उत्तरधिकारके लेमै।'”
\v 39 तव बे बाके पकणके दाखबारीसे बाहिर लैजाएके और बाके मारडारीं।
\v 40 अगर जब दाखबारीक मालिक आएहए, तव बा बे किसानके का करेहए?”
\p
\v 41 बे बासे कहिँ, “बे दुष्टनके सर्वनाश करेहए, और दाखबारी दुसरे किसानके ठेकामे देहए, जौन बाके फलको हिस्सा समयमे बुझाए हएँँ।”
\p
\v 42 जौन पथराके भवन बनान बारे रद्द करि रहयँ बहे कुनैठोको मुलपत्थर बनो, जा परमप्रभुसे भव हए, और हमरे नजरमे जा अचम्मो हए। येशू बिनसे कहि, “का तुम कबहु धर्मशास्त्रमे पढे न हओ?'
\p
\v 43 “जहेमारे मए तुमसे कहत् हौं, परमेश्वरको राज तुमसे छिनो जएहए, और एक अइसो जातिके दओ जएहए, जौन बाको फरा फराबैगो।"
\v 44 जा पत्थर उपर गिरनबारो खुद्रा-खुद्रा हुइजएहए, पर जौन उपर बा पत्थर गिरैगो, बा बासे चिबदजयहय।”
\p
\v 45 जब मुखिया पुजारी और फरिसी बाकी कहानी सुनी, तव बे जा हमर बारेमे कहि हय करके समझीं।
\v 46 बे बाके पकणन ढुँडी, तव बे भीडसे डराईगए, काहेकी आदमी बाके एक अगमवक्ता हए करके मानत् रहएँ।
\c 22
\cl अध्याय 22
\p
\v 1 येशू फिर बिनसे कहानीमे कहि,
\v 2 “स्वर्गको राज एक आईसो राजा कता हए, जौन अपनो लौंड़ाको विहा-पाटी तयार करी"
\v 3 और पाटीमे निऊताहारनके बुलान अपन नोकरके पठाई, पर बे आन मन ना करीँ ।
\v 4 “फिर बा और नोकरनके अइसे कहिके पठाई, “निऊताहारनके आईसे कहिओ, देखओ, “मए मिर भोज तयार करो हौं, मिर मोटो पशु मारोहौं, और सब चीज तयार हएँ। विहा-पाटीमे आबओ ।”
\v 5 तव बे मतलबै न करके एक अपनो खेतघेन, दुसरो व्यापारघेन लागो ।
\v 6 बाँकी त बिनके नोकरके पकडीं और खराब व्यहार करीं और बिनके मारीँ ।
\v 7 तव राजा दिक्काय गव, और अपन फौज पठाएके बे हत्यारेनके नाश करीँ, और बिनके सहेर जराएदैं ।
\v 8 “तव बे अपन नोकरसे कहिँ, विहा-पाटी तयार हए, तव जौनके निऊतो दए बे न आय ।"
\v 9 जहेमारे तुम अब डगरमे जाओ, और जित्तोनके पाबओ बिनके विहा-पाटीमे निउतो देओ।'
\v 10 तव बे नोकर डगरमे गए पाएभए सबके अच्छे और खराब दोनोनके जम्मा करीँ, और विहा-घर पहुनासे भरिगओ।
\v 11 “तव जब राजा पहुननके देखन करके भितरसे आओ, तव विहाको कुर्ता नलागय एक आदमीके देखी ।"
\v 13 “तव राजा नोकरसे कहिँ, 'हात-टाँग बाँधके बाके बाहिर अन्धकारमे फेंकदेओ, जहाँ आदमी रुइँ हँए और दाँत किटकिटए हँए ।'
\v 14 काहेकी बुलाए भए बहुत हँए, पर चुने भए कमए हँए ।”
\p
\v 15 तव फरिसी गए बाकी बातमे बाके कैसे फसामए करके सल्लाह करन् लागे ।
\v 16 अपन चेला हेरोदी दलके आदमीन संग बाके ठिन पठाई । बे कहिँ, “गुरुजी, हम जानत् हए, तुम सत्य हौ, और परमेश्वरको डगर सच्चो करके तुम सिखात हऔ, और तुम कुइसे न डारत हौ, काहेकी तुम आदमीके मुहुँ देखके काम न करत् हऔ ।
\v 17 जहेमारे हमके बताओ, कैसरके कर तिरन ठीक हए कि न हय?”
\v 23 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी! काहेकी तुम पुदिना और सोंप और जीराको दशांश देत् हौ, पर व्यवस्थाक गहिरो बिषयके बारेमे, औ न्याय, दया और विश्वासके वास्ता न करेहौ। तुमके दशांश देनबारो काम करन् रहए, और बे गहकिले बिषयको खिलवाड न करन रहए।"
\v 24 अन्धरा अगुवाओ, तुम भुसनाके छानत् हौ, पर ऊँटके त घिंचडारत् हौ।
\p
\v 25 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम पाखण्डी! काहेकी तुम कटोरा और थरियाके बाहिर इकल्लो मजातहौ, पर भितर घेन त बे लोभ और लालचसे भरे होतहएँ।"
\v 26 अन्धरा फरिसी तुम, पहिले कटोरा और थरियाके भितर सफा करओ, तव बिनके बाहिर घेन फिर सफा होबए।
\p
\v 27 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी! काहेकी तुम चुना लगाए भए सरकेगड्डा (चिहान) कता हौ, जो बाहिर सुन्दर दिखात हए, पर भितर घेन मरे आदमीनके हड्डा और सब अशुध्दसे भरेहोतहँए।"
\v 28 अइसी तुम फिर बाहिर आदमीनके अग्गु धर्मी दिखात् हौ, पर भितर कपट और दुष्टतासे भरेहौ।
\p
\v 29 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, ढोंगी! काहेकी तुम अगमवक्तानके सरकोगड्डा बनातहौ, और धर्मीनके सरके समारत हौ,"
\v 30 और कहत् हौ, हम अपन पुर्खानके समयमे होते तव हम अगमवक्तानको रगत बहानमे उनके संग सहभागी न होते।”
\v 31 अइसी तुम अगमवक्तानके हत्या करन् बारेनके सन्तान हौ करके प्रमाण तुम अपनाए देतहौ।
\v 24 आदमीको पुत्रके त बाके बारेम धर्मशास्त्रमे लिखो अनुसार हुइहए। पर धिक्कार बा आदमीके जौनसे आदमीक पुत्र पकणो जएहए। बा आदमीके त न जल्मनो बाके ताँही अच्छो हुईतो।”
\v 35 पत्रुस बासे कहि, “मोए तुमरे संग मरन पणेहए तहुँ फिर मए तुमके इन्कार नकरंगो।” और सब चेला अइसिय कहिँ।
\p
\v 36 तव येशू गेतसममी कहन बारो ठाउँमे बिनके संग गव, और चेलनसे कहि, “तुम हियाँ बैठओ, मए त थुर दुर जाएके प्रार्थना करेहौं।”
\v 37 और अपने संग पत्रुस और जब्दियाक दुई लौणनके लैके बा शोकित और व्याकुल होन लागो।
\v 38 तव बा बिनसे कहि, “मिर प्राण गहिरो शोकमे मए अध्मरा कता हुइगव हौं। तुम हियाँ बैठीओ, और मिर संग जगे रहिओ।”
\v 39 और बा थुर दुर जाएके लम्पसार पणके प्रार्थना करी, “हे मिर पिता, हुइसक्तहए तव, जा कटोरा मोसे हटए देओ। तहुँ फिर मए इच्छा करेअनुसार न, पर तुमरी इच्छा करे अनुसार होबाए।”
\v 40 तव बा चेला ठिन आओ बिनके सोत पाई, और पत्रुससे कहि, “का तुम मिरसंग एक घण्टा फिर जगे बैठ न पाए?
\v 41 जगे रहओ, प्रार्थना करओ और परीक्षामे मतपणाओ। आत्मा त नेहत्य तयार हए, पर शरीर दुर्बल हए।”
\p
\v 42 फिर दुस्रो चोटी बा प्रार्थना करन् गव, “हे मिर पिता, यदि मए न पिनसे न हुइहए कहेसे तुमरी इच्छा पुरा होबए।”
\p
\v 43 बा फिर आएके उनके सोत पाई, काहेकी बे बहुत निधाने रहएँ।
\v 44 जहेमारे बा फिर बिनके छोडके गव, और जाएके बेही बात दोहोरयाएके तिस्रो चोटी प्रार्थना करी।
\v 45 तव बा चेलाके ठिन आएके बिनसे कहि, “तुम हबाएतक सोए रहेहौ और अराम कर रहेहौ? देखओ, समय नजिक अइगव हए। आदमीको पुत्र पापीनके हातमे पणन लागो हए।
\v 46 उठ, जाओ, देखओ, पकणन देनबारो ढिंगै हए।”
\p
\v 47 बा मसक्तय बहे मैसे एक जनी यहूदा आओ। बाके संग मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु पठाई भै एक बणी भीड तलवार और लठु लैके आए।
\v 53 तुम का बिचार करत हौ, का मए अपन पिताके बिन्ती कर न पएहौं, और बा तुरन्त स्वर्गदूतके बाह्र पल्टनसे जद्धा मिर ताहीं पठाए का न देहए?”
\v 54 पर जा बात अइसी होनाएके हए करके धर्मशास्त्रमे लिखि बात कैसे पुरी हुइहए?”
\p
\v 55 बा समय येशू भीणसे कहि, “डाँकुके पकणान कता मोके पकणान तरवार और लठु लैके तुम काहे आए? मए सब दिन मन्दिरमे शिक्षा देत बैठो रहौं, तव तुम मोके न पकणे।
\v 56 पर अगमवक्ताक धर्मशास्त्र पुरा होन ताहीं जा सब होन आओ हए।” तव सब चेला बाके छोडके भाजे।
\p
\v 57 येशूके पकणके बाके प्रधान पुजारी कैयाफाके ठिन लैगए। हुवाँ शास्त्री और धर्मगुरु इक्ठ्ठा भए रहएँ।
\v 58 तव पत्रुस दुरसे प्रधान पुजारीक भवनके आँगन तक बाके पिछुपिछु गव, और अन्तमे का हुईहए, सो देखनके ताहीं भितर घुसके चौकीदार संग बैठो।
\p
\v 59 अब मुखिया पुजारी और जम्मए महासभाके येशूके दण्ड देनके बाके बिरुध्दमे झुठी गवाही ढुणन लागे।
\v 60 बहुत झुठी गवाही देनबारे आए, और बे कोइ प्रमाण न पाईं। आखिरमे दुई जनी अग्गु आए,
\v 61 और कहिँ, “जा आदमी 'मए परमेश्वरके मन्दिरके उजाडके तीन दिनमे जा बनाए देहौं करके कही हए।”
\p
\v 62 तव प्रधान पुजारी उठके कही, “का तए कुछ जवाफ ना देहए? जा आदमी तेरे बिरुध्दमे दओ गवाही का हए?”
\v 63 तव येशू चुप रहो। प्रधान पुजारी बासे कही, “जीवित परमेश्वरको नाउँमे कसम खाएके कहो, हमके बता, का तए परमेश्वरको पुत्र ख्रीष्ट हए?”
\p
\v 64 येशू बिनसे कही, “तुम्ही कहेरहेहौ। तहुँ फिर मए तुमसे कहत् हौं, अब पर तुम आदमीको पुत्रके सर्वशक्तिमानके दाहिना हातघेन बैठो देखेहौ।”
\p
\v 65 व प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारी और कही, “जा त ईश्वर-निन्दा करके बोलि। हमके अब और साक्षीको का जरुरत पणिहए? तुम हबाए जा बोलि ईश्वर-निन्दा सुनलएहौ।
\v 66 तुमर का बिचार हए?” बे जवाफ दैं, “जा प्राणदण्डको योग्य हए।”
\v 40 और कहिँ, “ए मन्दिर उजाणनबारो और तीन दिनमे निर्माण करनबारो, अपनाएके बचा, और परमेश्वरको पुत्र हए तव, क्रुससे उतरके तरे आएजा।”
\p
\v 41 मुखिया पुजारी फिर शास्त्री और धर्म-गुरु संगए मिल्के बाको गिल्ला करत् कहिँ,
\v 42 “जा औरनके त बचाई, अपनाएके त बचाए न पाई। जा इस्राएलको राजा हए । हबए क्रुससे तरे उतरके आएजा, तव हम विश्वास करेहएँ।"
\v 43 जा परमेश्वरमे भरोसा करत् रहए। परमेश्वर बाके चाहत रहए तव बहे बाके बचाबय, काहेकी जा त 'मए परमेश्वरको पुत्र हौं,' करके कहत रहए।”
\v 44 और बाके संग क्रुसमे टँगे बे डाँकु फिर बहे किसिमसे बाको अपमान करीँ।
\p
\v 45 अब दुपहर से लैके तीन बजे तक सारे देशमे अन्धकार हुइगव।
\v 46 तीन बजे घेन येशू अइसे करके बणो जोणसे चिल्लाई, “इलोई, इलोई, लामा सबखथनी?” जौनको अर्थ हय, “हे मिर परमेश्वर, हे मिर परमेश्वर, तुम मोके काहे त्यागे दय हौ?”