\v 10 तुम तिथि, महिननके, ॠतु और वर्ष मान्त हौ। \v 11 मय तुमर ताहीं चिन्ता करत हऔं। मोके त अइसो लागत हए, कि तुमरे ताहिं करो मेरो परिश्रम व्यर्थ भव।