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\v 15 भैया तुम, सबदिनको जीवनसे एक उदाहरण लेओ, एक चोटी पक्का हुइके पिछु आदमीनको इच्छा पत्र कोइ रद्द न कर पए हए, नत् बामे थाप पए हए। \v 16 "प्रतिज्ञा अब्राहाम और उनको सन्तानके दै हए। धर्मशास्त्र "सन्तानसे" न कहत हए, जत् बहुत आदमिनके संकेत् करत हए। पर धर्मशास्त्र "तुमर सन्तानसे" कहत हए, जा एक आदमीको इकल्लो संकेत देत हए, जो ख्रीष्ट हए। "