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\v 46 \v 47 46 पर पावल और बारनाबास साहस करके कहिँ, “परमेश्वरको वचन सबसे पहिले तुमके सुनान जरुरि रहए | तुम जाके इन्कार करके अपनएके अनन्त जीवनको योग्य नठाहिराएके हम अब अन्यजातिनके ठिन जएहंए | 47 काहेकी प्रभु हमके अइसो आज्ञा दै हए, पृथ्बीक औरो छोरतक मुक्ति पुगान मए तुमके अन्यजातिनके ताहिँ ज्योति होन जिम्मा दव हंव |” |