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\v 30 30 जब नैया चलान बारे जहाजसे भाजन ढुडत रहए, और अग्गुसे लंगार गिर्नके बहानासे नैया समुन्द्रमे डरीरहए | \v 31 31 तव पावल कप्तान और सिपाहीसे कहि, “जे आदमी जहाजमे बैठहँए नाए कहेसे तुम वाँचनाए पाएहौ |” \v 32 32 तव सिपाही जहाजकी रस्सी काटदै, जहाजके जान दैं |