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\v 4 "तव बे कल्दीनके देशसे निकरके हारानमे आएके बैठे, और बिनको दौवको मृत्यु के पिच्छु परमेश्वार बिनके हुवाँसे जा मुलुकमे सरि, जहाँ हबए तुम बैठे हौ । " \v 5 बिनके बा ठाउँमे जायजात त दुराए रहो, पाँव धरनके ठाउँतक न दै । पर बिनको सन्तान न होन से फिर बा जाएजात परमेश्वार बिनको सन्तान-दरसन्तानके निजी सम्पत्तिके रुपमे देनके प्रतिज्ञा करी । |