thr_act_text_reg/07/01.txt

1 line
712 B
Plaintext

\c 7 \v 1 तव प्रधान पुजारी पुछीँ, “का जे बात ठीक हएँ?” \v 2 बे कहिँ, “ददाभैया और दौवा सुनओ । महिमाको परमेश्‍वार हमर पिता अब्राहाम बे हारानमे बैठनसे अग्गु मेसोपोटामियामे रहात दर्शन दै रहए, \v 3 और बिनसे कहि रहए, 'तुम अपन देश और अपनो घरकुरियासे निकरके, जौन देश मए तुमके दिखएहौ, हुवाँए जाओ ।