thr_act_text_reg/04/19.txt

1 line
504 B
Plaintext

\v 19 पर पत्रुस और यूहन्‍ना बिनके उत्तर दैँ, “परमेश्‍वारकी बात सुनान से तुमर बात सुनान परमेश्‍वारकी नजरमे ठीक हए कि ना तुम अपनए बिचार करओ । \v 20 काहेकी हम देखे और सुनी बात हम ना कहिके रहि ना पएँ हएँ ।”