1 line
680 B
Plaintext
1 line
680 B
Plaintext
\v 9 तव मिर सँग जित्तो जनी रहँए, बे ज्योति त देखि , पर बे बात न सुनी । \v 10 मए कहो, 'हे प्रभु, अब मए का कराऔं?' तव प्रभु मोसे कहि, 'उठ, दमस्कसमे जा, और तोके तुको भव काम बताए हौं ।' \v 11 बा ज्योतिको तेज से मए कुछ न देखो, तव मिर संग होनबारे हातसे पकणके डुरियाएके मोके दमस्कसमे लियाइँ । |