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\v 12 तव बे जनता, धर्म-गुरु और शास्त्रीके भडकाएके, और बिनके हुलदाङ्गा करी और पकडके महासभामे लाइँ । \v 13 बे अइसे कहिके झुठी साछीके अग्गु लाइँ, “जा आदमी पवित्रस्थान और व्यवस्थाके बिरुध्दमे बात करन् और मस्कन छोडीनैयाँ । \v 14 काहेकी जाके अइसे काहत हम सुने, 'नासरतको येशू जा ठाउँके नाश करैगो, और मोसा हमके दईभई रितिरिबज फिर बदल दिबैय हए ।” \v 15 महासभामे बैठे बे सब बिनके निहारके देखिँ, और बिनको मुहू स्वर्गदुतको मुहू जैसो देखीँ । |