thr_act_text_reg/10/27.txt

1 line
934 B
Plaintext

\v 27 ।” तव बिनके संग बात करत् घर भितर गए, और हुवाँ बहुत आदमी जम्मा भव पाइँ । \v 28 तव पत्रुस बिनसे कहि, “और जातिसे संगत करनो अथवा बिनसे भेटघाट करनो एक यहूदीके ताहिँ कितो सही ना हए कहिके बात तुमके पतए हए, ताहु फिर परमेश्‍वार मोके कोइ आदमीसे अपवित्र औ अशुध्द मतमनिए कहिके दिखाई हए । \v 29 जहेमारे बुलातए खिन्क कोइ आफत्त नामानके मए तुमर ठिन आओ | तुम मोके काहे बुलए? अब बताओ ।”