thr_act_text_reg/26/15.txt

1 line
1.2 KiB
Plaintext

\v 15 और मए कहो, हे प्रभु तुम कौन हौ ? प्रभु मोसे कहि मै येशू हौं, जौनके तए सतात हौ । \v 16 तव उठ और अपन टाँगमे ठाड् जा, कहिके मोए मे तुम देखे और मए तुमै देखओ जा बातके ताहिँ सेवक और साक्षी नियुत्ति कारन उदेश्यसे मए तुमर ठीन देखा पाणो हौं । \v 17 मए तोके तिर अपन जाति और अन्यजातिसे छुटकारा देमंगो , जौनके ठीन मए तोके पठमंगो । \v 18 कि तुम बिन कि आँखी खोल दओ और बे अन्धकरसे ज्योति घेन, और सैतान को शक्तिसे परमेश्वर घेन घुमएँ अइसीयए करके बे पाप क्षमा पमंगे और मिर उपर विश्वाससे पवित्र भव ठाउँ बे फिर पमंगे ।