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\v 7 | मोके अइसो कहान बारो एक आवाज मए सुनो, 'पत्रुस उठ, और मारके खा |' \v 8 "तव मए कहो, 'नाए प्रभु, कोइ अपवित्र अथबा अशुध्द चीज मेरे मुहुमे कबहु नाए डारो हौ |” " \v 9 "तव बहे ‍अवाज दुस्रो चोटी मोसे कहि, 'जो परमेश्वर शुध्द करी हए बाके तुम अपवित्र मत कहओ |' " \v 10 तीन चोटी उइसी भव, और बे सब फिर स्वर्गमे चलेगए |