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\v 31 तव अइसी सारा यहूदिया, गालील और सामरिया भर मण्डलीमे शान्ति भव और मण्डली पक्की भई । प्रभुको भयमे नेगत और पवित्र आत्माको सान्त्वना पाएके मण्डलीमे बृध्दि होतगव | \v 32 पत्रुस यितए उतए सब ठाउँमे यात्रा करत् लुड्डामे भए सन्तनके ठिन फिर आएपुगो |