thr_act_text_reg/12/16.txt

1 line
618 B
Plaintext

\v 16 |” 16 पर पत्रुस त ढकढकात् रहो | फाटक खोलके बाके देखके बे अचम्मो मानीं | \v 17 17 बा "चुप लाग" कहिके हातसे इशरा करी, और प्रभु बाके कैसे जेलसे बाहेर निकारी सो बिनके बताई | जे बातको समाचार याकूब औ और भैयनके देबओ कहिके बा बिदा हुइके दुस्रो ठाउँमे गै भव |