diff --git a/05/24.txt b/05/24.txt new file mode 100644 index 0000000..ced72d3 --- /dev/null +++ b/05/24.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 24 " जब मन्दिरके कप्तान और मुखिया पुजारी जा खबर सुनी तव जा सबको नतिजा का हुइहए कहिके बे प्रेरितनके बारेमे दुईधारमेँ पडिगए | \v 25 तव कोइ एक जनै आएके बिनसे कहि, “देखाओ, तुम जौन आदमीनके जेलमे धरेरहौ बे मन्दिरमे ठाडके आदमीनके शिक्षा देतहएँ |” \ No newline at end of file diff --git a/05/26.txt b/05/26.txt new file mode 100644 index 0000000..6dfd6dd --- /dev/null +++ b/05/26.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 26 \v 27 \v 28 |” 26 तव हाकिमके संगमे कप्तान जाएके बिनके जबरजत्ति ना लाइँ, काहेकी आदमी बिनके पत्थरसे मरेहएँ कहिके बे डरैगए, और प्रधान पुजारी बिनसे पुछी, 27 बे उनके लायके महासभाके अग्गु ठडबाइं, और प्रधान पुजारी बिनसे पुछी, 28 "हम तुमके जा नाउँमे कोइ शिक्षा मतदिओ कहिके कडा आज्ञा दए रहएँ, पर तुम अपन शिक्षासे सबय यरुशलेम भार सिखए, और बा आदमीको रगतको दोष हमरे उपर लान चहाँत् हौ |” \ No newline at end of file