From eb76cd5efdcbad3266e1eff35cf6bfa84cd00786 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 1 Feb 2023 09:16:57 +0545 Subject: [PATCH] Wed Feb 01 2023 09:16:57 GMT+0545 (Nepal Time) --- 04/23.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/04/23.txt b/04/23.txt index 332636e..4da0f0b 100644 --- a/04/23.txt +++ b/04/23.txt @@ -1 +1 @@ -\v 23 बिनके छुटकरा करके पच्छु,पत्रुश आिर यूहन्‍न पाएके बे अपन संगी ठिन आए, और मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु कहिभइ बात सब उनके बतए दैं | \v 24 जब बे जा सुनी, तव बे एकसंग परमेश्वरघेन अपन सोर निकारके कहिँ, “हे प्रभु, जौन स्वर्ग, पृथ्बी, समुन्द्र और बिनमे भए गजब चिज बनाइँ, \v 25 जौन पवित्र आत्मासे अपन सेवक हमर पुर्खा दाउदके मुहूसे कहि, 'अन्यजाति काहे दिक्काने, और आदमी व्यर्थकी बात काहे कल्पना करीं? \ No newline at end of file +\v 23 बिनके छुटकरा करके पच्छु,पत्रुश आ‍ेेर यूहन्‍न पाएके बे अपन संगी ठिन आए, और मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु कहिभइ बात सब उनके बतए दैं | \v 24 जब बे जा सुनी, तव बे एकसंग परमेश्वरघेन अपन सोर निकारके कहिँ, “हे प्रभु, जौन स्वर्ग, पृथ्बी, समुन्द्र और बिनमे भए गजब चिज बनाइँ, \v 25 जौन पवित्र आत्मासे अपन सेवक हमर पुर्खा दाउदके मुहूसे कहि, 'अन्यजाति काहे दिक्काने, और आदमी व्यर्थकी बात काहे कल्पना करीं? \ No newline at end of file