From b525a8a02249971fb92da6137152396ea1cd15b0 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 19 Apr 2023 17:36:20 +0545 Subject: [PATCH] Wed Apr 19 2023 17:36:11 GMT+0545 (Nepal Time) --- 25/25.txt | 1 + 26/01.txt | 1 + 2 files changed, 2 insertions(+) create mode 100644 25/25.txt create mode 100644 26/01.txt diff --git a/25/25.txt b/25/25.txt new file mode 100644 index 0000000..bec823e --- /dev/null +++ b/25/25.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 25 \v 26 \v 27 25 पर ज्यान सजाए पानके ताहीं जा कछु न करिहय कहिके मय न पाओ| और जा अपनए फिर सम्राट ( राजा ) के ठिन बिन्ति करी रहए जहेमारे मए जाके पठानके पक्का करो| 26 जाके बारेमे मोके और मिर सम्राट ( राजा ) के लिखन बारो खाश बात कछु न हय जहेमारे मए जाके तुमर जौने, और खास करके, हे राजा अग्रिपास, तुमरे अग्गु लाओ हौं, और हम जाको जाँच करके पिछु सायद मए कछु लिखन बारी बात पाएहौं| 27 काहेकी कैदीको बिरुध्दमे कोइ दोष न बताएके बाके पठान मोके कोइ खास बात न लगतहय।” \ No newline at end of file diff --git a/26/01.txt b/26/01.txt new file mode 100644 index 0000000..c658354 --- /dev/null +++ b/26/01.txt @@ -0,0 +1 @@ +\c 26 \v 1 \v 2 \v 3 1 "अग्रिपस पावलसे कही, "" तोके अपन पक्षमे मसकन अनुमति हए|"" तव अपन हात फैलाईके पावल अपन बचाओ मे मसकन लागो :" 2 "हे राजा अग्रिपस, यहूदी मोके लगए भए सब दोषके बारेमे आज तुमर अग्गु मए अपन बचाओ के बारेमे मसकन पएक मए अपनैक भाग्यमानी मानत हौं |" 3 यहूदिक सब रितिरिवाज और विवादकी बातमे तुम खास करके परिचित भौके मारे, मिर बयान ध्यानदैक सुनदेबौ कहिके मए विन्ती करत हौं | \ No newline at end of file