diff --git a/11/17.txt b/11/17.txt index 592ac80..3485a24 100644 --- a/11/17.txt +++ b/11/17.txt @@ -1 +1 @@ -\v 17 ' प्रभु येशू ख्रीष्ट उपर विश्वास करत् परमेश्र हमके जो बरदान दै हए, बिनके फिर बहे बरदान दै के पच्छु परमेश्वरके रोक्न बारो मए कौन हौ त?” \v 18 जा बात सुनके पिच्छु बे चुप हुइगए, और अइसो कहात बे परमेश्‍वर महिमा करीँ, “अब त परमेश्वर अन्यजातिनके फिर जीवनके तहीँ पश्चात्ताप दै हए |” \ No newline at end of file +\v 17 ' प्रभु येशू ख्रीष्ट उपर विश्वास करत् परमेश्‍वर हमके जो बरदान दै हए, बिनके फिर बहे बरदान दै के पच्छु परमेश्वरके रोक्न बारो मए कौन हौ त?” \v 18 जा बात सुनके पिच्छु बे चुप हुइगए, और अइसो कहात बे परमेश्‍वर महिमा करीँ, “अब त परमेश्वर अन्यजातिनके फिर जीवनके तहीँ पश्चात्ताप दै हए |” \ No newline at end of file diff --git a/12/07.txt b/12/07.txt new file mode 100644 index 0000000..cc19b3c --- /dev/null +++ b/12/07.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 7 7 "ईकबरि प्रभुको एक स्वर्गदुत हुँना दिखाईदै, और कोठरीमे ज्योति चम्कि | स्वर्गदुत पत्रुसके कोखमे मारी और "हल्दी उठ" करके बाके जगाई | तव साकर बाके हातसे खुलके गिरिगओ| " \v 8 8 स्वर्गदुत बासे कहि, “कुर्ता लगा, और जुत्ता लगा|” तव बा उइसी करी | बा बासे कहि, “कम्मर ओढके मिर पिच्छु पिच्छु लाग |” \ No newline at end of file