Wed May 10 2023 16:36:22 GMT+0545 (Nepal Time)
This commit is contained in:
parent
cc08576413
commit
a068f394f5
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\c 23 \v 1 \v 2 1 "पावल महासभा घेन एक नजर लगाएके देखि, और कहि, भैया रेओ, आज के दिन तक परमेश्वरको नजरमे मए शुध्द विचारसे जीवन बितात हौं |"" " 2 जा बातमे प्रधान पूजारी हनानिया बाके जौने ठाणो बारेनके मुँहमे मारन हुकुम दै | \v 3 3 "तव पावल उनसे कहि, ""हे चुना से लिपो भित | तुमके फिर परमेश्वर प्रहार करैगो | तुम व्यवस्था अनुसार मिर नेओ करन वैठके का व्यवस्थाके उल्टा मोके मारन हुकुम देत हओ?"
|
||||
\c 23 \v 1 1 "पावल महासभा घेन एक नजर लगाएके देखि, और कहि, भैया रेओ, आज के दिन तक परमेश्वरको नजरमे मए शुध्द विचारसे जीवन बितात हौं |"" " \v 2 2 जा बातमे प्रधान पूजारी हनानिया बाके जौने ठाणो बारेनके मुँहमे मारन हुकुम दै | \v 3 3 "तव पावल उनसे कहि, ""हे चुना से लिपो भित | तुमके फिर परमेश्वर प्रहार करैगो | तुम व्यवस्था अनुसार मिर नेओ करन वैठके का व्यवस्थाके उल्टा मोके मारन हुकुम देत हओ?"
|
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 4 \v 5 4 तव किनारे ठाणे भए कहिं, का तए परमेश्वरको प्रधान पुजारीके अपमान करत हय? 5 "तव पावल कहि, भैयाओ, बे प्रधान पूजारी हए कहिके मोके पता न रहए | काहेकि लिखो हए, तए अपन जनताके शासकको खराबी मत मसकिए, |"
|
||||
\v 4 4 तव किनारे ठाणे भए कहिं, का तए परमेश्वरको प्रधान पुजारीके अपमान करत हय? \v 5 5 "तव पावल कहि, भैयाओ, बे प्रधान पूजारी हए कहिके मोके पता न रहए | काहेकि लिखो हए, तए अपन जनताके शासकको खराबी मत मसकिए, |"
|
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 6 \v 7 \v 8 6 "पर बा महासभामे एक दल सदुकी और दुसरो दल फरिसी हयँ कहिके पता पाएके पावल जोणसे कहि, भैयाओ, मए ता फरिसीकी लौडा फरिसी हौं | मरे आदमिनको आशा और पुनरुत्थानको कारनसे मिर मुद्दा चल रहो हए |" 7 बा अइसो कहि तव फरीसी और सदुकीके बिचमे मतभेद हुइगओ, और भीडमे दुई भाग हुइगओ | 8 काहेकि सदुकी कहात हएँ की पुनरुत्थान, स्वर्गदूत आत्मा कहान बाले कछु फिर न हएँ | पर फरिसी जे सबय मानत हँए |
|
||||
\v 6 6 "पर बा महासभामे एक दल सदुकी और दुसरो दल फरिसी हयँ कहिके पता पाएके पावल जोणसे कहि, भैयाओ, मए ता फरिसीकी लौडा फरिसी हौं | मरे आदमिनको आशा और पुनरुत्थानको कारनसे मिर मुद्दा चल रहो हए |" \v 7 7 बा अइसो कहि तव फरीसी और सदुकीके बिचमे मतभेद हुइगओ, और भीडमे दुई भाग हुइगओ | \v 8 8 काहेकि सदुकी कहात हएँ की पुनरुत्थान, स्वर्गदूत आत्मा कहान बाले कछु फिर न हएँ | पर फरिसी जे सबय मानत हँए |
|
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 9 \v 10 9 "हुवाँ गजब हल्ला होन लागो, और फरिसी दलके कुछ शास्त्री ठाडके अइसे कहात बिबाद करन लगे, "" जा आदमीमे हम कछु खराब न पाए हएँ | अगर आत्मा या स्वर्गदूत जाके अइसो कहि तव का ? " 10 हुवाँ बडो मतभेद भव पिच्छु उनके हातसे पावलके नोचाखोचीं करहएँ कहिके डरसे सेनपति सिपैयनसे तरे जाएके बिनके उनके बीचसे जबरजत्ति से लाएके ब्यारेक भितर लैजाओ कहिके आज्ञा दै |
|
||||
\v 9 9 "हुवाँ गजब हल्ला होन लागो, और फरिसी दलके कुछ शास्त्री ठाडके अइसे कहात बिबाद करन लगे, "" जा आदमीमे हम कछु खराब न पाए हएँ | अगर आत्मा या स्वर्गदूत जाके अइसो कहि तव का ? " \v 10 10 हुवाँ बडो मतभेद भव पिच्छु उनके हातसे पावलके नोचाखोचीं करहएँ कहिके डरसे सेनपति सिपैयनसे तरे जाएके बिनके उनके बीचसे जबरजत्ति से लाएके ब्यारेक भितर लैजाओ कहिके आज्ञा दै |
|
Loading…
Reference in New Issue