From 69958dcdb27742878893820bd4565087e5ee6345 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 26 Jul 2023 08:36:28 +0545 Subject: [PATCH] Wed Jul 26 2023 08:36:26 GMT+0545 (Nepal Time) --- 24/10.txt | 2 +- 24/14.txt | 2 +- 24/17.txt | 2 +- manifest.json | 2 ++ 4 files changed, 5 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/24/10.txt b/24/10.txt index 91d9e3a..aa9cc4d 100644 --- a/24/10.txt +++ b/24/10.txt @@ -1 +1 @@ -\v 10 10 हाकिम बाके मस्कन इशारा करके पिच्छु पावल जवाफ दै, “बहुत वर्ष पिच्छु तुम यहूदी जातिके न्यायाधीश होन बारी बात पता हुइके मए अपन पक्षमे खुशीसे कहात हौं | \v 11 11 तुम पता लगाए सक्तहौ कि मए यरुशलेममे आराधना करन जाएके बाह्र दिनसे जद्धा भओ नैयाँ | \v 12 12 जे न त मोके कोई आदमी संग बहस करत् पाईं, न मन्दिरमे औ न सभाघरमे और सहेरमे जनतनके उक्सात पाइँ, \v 13 13 न त मोके हबाए दोष लगान बारी बातके जे प्रमाण दै पाई हँए | \ No newline at end of file +\v 10 10 हाकिम बाके मस्कन इशारा करके पिच्छु पावल जवाफ दै, “बहुत वर्ष पिच्छु तुम यहूदी जातिके न्यायाधीश होन बारी बात पता हुइके मए अपन पक्षमे खुशीसे कहात हौं | \v 11 11 तुम पता लगाए सक्तहौ कि मए यरुशलेममे आराधना करन जाएके बाह्र दिनसे जद्धा भओ नैयाँ | \v 12 जे न त मोके कोई आदमी संग बहस करत् पाईं, न मन्दिरमे औ न सभाघरमे और सहेरमे जनतनके उक्सात पाइँ, \v 13 न त मोके हबाए दोष लगान बारी बातके जे प्रमाण दै पाई हँए । \ No newline at end of file diff --git a/24/14.txt b/24/14.txt index b87d432..653e4e6 100644 --- a/24/14.txt +++ b/24/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 14 पर जा मए तुमरे अग्गु स्वीकार करत् हौं, कि जौन डगरके जे एक पन्थ कहात हँए, बहे अनुसार व्यवस्थामे भव बात और अगमवक्ता कि किताबमे लिखो सब बातमे विश्वास करके मिर पुर्खानको परमेश्वरको आराधना मए करत् हौं | \v 15 15 धर्मी और अधर्मी दोनए मरके पुंनरुत्थान हुइहँए कहिके जे अपनए स्वीकार करो जैसो मए परमेश्वरमे आशा धरत् हौं | \v 16 16 जहेमारे परमेश्वर घेन और आदमी घेन मए सबदिन शुध्द विचार करन कोशीस करत हौं | \ No newline at end of file +\v 14 पर जा मए तुमरे अग्गु स्वीकार करत् हौं, कि जौन डगरके जे एक पन्थ कहात हँए, बहे अनुसार व्यवस्थामे भव बात और अगमवक्ता कि किताबमे लिखो सब बातमे विश्वास करके मिर पुर्खानको परमेश्वरको आराधना मए करत् हौं । \v 15 धर्मी और अधर्मी दोनए मरके पुंनरुत्थान हुइहँए कहिके जे अपनए स्वीकार करो जैसो मए परमेश्वरमे आशा धरत् हौं । \v 16 जहेमारे परमेश्वर घेन और आदमी घेन मए सबदिन शुध्द विचार करन कोशीस करत हौं । \ No newline at end of file diff --git a/24/17.txt b/24/17.txt index 65c2b75..454c101 100644 --- a/24/17.txt +++ b/24/17.txt @@ -1 +1 @@ -\v 17 17 अब कुछ वर्ष पिच्छु अपन जातिनके ताहिं दान और भेटी देन मए आओ रहौं | \v 18 18 जे मोके मन्दिरमे पाएके शुध्द होनबारो बिधि मए पुरा करडरो रहौं | हुवाँ कोइ भीड न रहए, होहल्ला फिर न रहए । पर हुवाँ एशियाको कोइ यहूदी रहए, \v 19 बे हियाँ तुमरे अग्गु हाजिर होन पडन रहए । मेरे बिरुध्दमे अगर कोइ बात हए कहेसे तव बे दोष लगाए सक्त रहयँ । \ No newline at end of file +\v 17 अब कुछ वर्ष पिच्छु अपन जातिनके ताहिं दान और भेटी देन मए आओ रहौं । \v 18 जे मोके मन्दिरमे पाएके शुध्द होनबारो बिधि मए पुरा करडरो रहौं | हुवाँ कोइ भीड न रहए, होहल्ला फिर न रहए । पर हुवाँ एशियाको कोइ यहूदी रहए, \v 19 बे हियाँ तुमरे अग्गु हाजिर होन पडन रहए । मेरे बिरुध्दमे अगर कोइ बात हए कहेसे तव बे दोष लगाए सक्त रहयँ । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index f00e059..fdd1f11 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -195,6 +195,8 @@ "22-title", "23-title", "24-title", + "24-14", + "24-17", "24-20", "24-22", "24-24",