diff --git a/04/15.txt b/04/15.txt index 8300370..5238c4a 100644 --- a/04/15.txt +++ b/04/15.txt @@ -1 +1 @@ -\v 15 पर बिनके बडी कचेहरी ( महासभा ) से बाहिर जानके आज्ञा दैके बे अइसे करके अपनए अपना मे सल्लहा करीं, \v 16 "जे आदमीनके अब हमका करएँ? काहेकी नेहत्व जिनसे एक अचम्मो काम भौ हए कहिके यरुशलेमके सब बसिन्दानके पता हुइगओ हए, और हम जाके इन्कार नाकर पएँहएँ |" \v 17 पर जा बात जनतनमे ना फैलए कहिके 'फिर जा नाउँमे कोइ आदमीसे तुम कछु मतकहिओ' कहिके हम इनके चेताउनी देनपडैगो |” \v 18 "तव उनके बुलाएके ""अबसे येशूके नाउँमे मतमस्कियोऔर कोइ शिक्षा मतदिओ"" कहिके बिनके आज्ञा दै | " \ No newline at end of file +\v 15 पर बिनके बडी कचेहरी ( महासभा ) से बाहिर जानके आज्ञा दैके बे अइसे करके अपनए अपना मे सल्लहा करीं, \v 16 "जे आदमीनके अब हमका करएँ? काहेकी नेहत्व जिनसे एक अचम्मो काम भौ हए कहिके यरुशलेमके सब बसिन्दानके पता हुइगओ हए, और हम जाके इन्कार नाकर पएँहएँ ।" \v 17 पर जा बात जनतनमे ना फैलए कहिके 'फिर जा नाउँमे कोइ आदमीसे तुम कछु मतकहिओ' कहिके हम इनके चेताउनी देनपडैगो ।” \v 18 "तव उनके बुलाएके ""अबसे येशूके नाउँमे मतमस्कियोऔर कोइ शिक्षा मतदिओ"" कहिके बिनके आज्ञा दै ।" \ No newline at end of file diff --git a/04/19.txt b/04/19.txt index be91bf4..8bb0eb1 100644 --- a/04/19.txt +++ b/04/19.txt @@ -1 +1 @@ -\v 19 पर पत्रुस और यूहन्‍ना बिनके उत्तर दैँ, “परमेश्वरकी बात सुनान से तुमर बात सुनान परमेश्वरकी नजरमे ठीक हए कि ना तुम अपनए बिचार करओ | \v 20 काहेकी हम देखे और सुनी बात हम ना कहिके रहि ना पएँ हएँ |” \ No newline at end of file +\v 19 पर पत्रुस और यूहन्‍ना बिनके उत्तर दैँ, “परमेश्वरकी बात सुनान से तुमर बात सुनान परमेश्वरकी नजरमे ठीक हए कि ना तुम अपनए बिचार करओ । \v 20 काहेकी हम देखे और सुनी बात हम ना कहिके रहि ना पएँ हएँ ।” \ No newline at end of file diff --git a/04/21.txt b/04/21.txt index 3174990..8d9e469 100644 --- a/04/21.txt +++ b/04/21.txt @@ -1 +1 @@ -\v 21 बिनके साजय देनके कोइ उपाय ना हुइके बिनके और जद्धा धमकाएके छोड्दै, काहेकी जो घटना घटो रहए बहेके ताहिँ सब आदमी परमेश्वरको प्रशंसा करत् रहएँ | \v 22 काहेकी जौन आदमी अचम्मोक कामसे अच्छो भौ रहाए, बाकी उमर चालिस वर्षसे जधा रहाए | \ No newline at end of file +\v 21 बिनके साजय देनके कोइ उपाय ना हुइके बिनके और जद्धा धमकाएके छोड्दै, काहेकी जो घटना घटो रहए बहेके ताहिँ सब आदमी परमेश्वरको प्रशंसा करत् रहएँ । \v 22 काहेकी जौन आदमी अचम्मोक कामसे अच्छो भौ रहाए, बाकी उमर चालिस वर्षसे जधा रहाए । \ No newline at end of file