From 3b19de32c7bae2fccdf863ecd1f794fc31362022 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 10 May 2023 17:26:26 +0545 Subject: [PATCH] Wed May 10 2023 17:26:26 GMT+0545 (Nepal Time) --- 19/35.txt | 2 +- 19/38.txt | 2 +- 2 files changed, 2 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/19/35.txt b/19/35.txt index 7eced96..e70413e 100644 --- a/19/35.txt +++ b/19/35.txt @@ -1 +1 @@ -\v 35 नगरको हाकिम आदमिनके शान्त करके कहि, "एफिससके आदमी रेओ, एफिसीको सहेर त महान आर्तेमिसको मन्दिर और बादरसे गिरो भव बाकी मूर्तिको लखबरिया हए कहिके कौनक पता ना हए ? \v 36 तुम जानत हौ जा बातके कोई मनाहिं ना करपाबैगो, तभई मारे तुम चुप रहाव और बिना सोचविचारके काम ना करव | \v 37 काहेकी तुम लाएभए जे आदमी मन्दिर ना लुटी हैँ और हमरी देविक अपमान फिर ना करी हैँ | \ No newline at end of file +\v 35 नगरको हाकिम आदमिनके शान्त करके कहि, "एफिससके आदमी रेओ, एफिसीको सहेर त महान आर्तेमिसको मन्दिर और बादरसे गिरो भव बाकी मूर्तिको लखबरिया हए कहिके कौनक पता ना हए ? \v 36 तुम जानत हौ जा बातके कोई मनाहिं ना करपाबैगो, तभई मारे तुम चुप रहाव और बिना सोचविचारके काम ना करव । \v 37 काहेकी तुम लाएभए जे आदमी मन्दिर ना लुटी हैँ और हमरी देविक अपमान फिर ना करी हैँ । \ No newline at end of file diff --git a/19/38.txt b/19/38.txt index 013dba9..eded2a1 100644 --- a/19/38.txt +++ b/19/38.txt @@ -1 +1 @@ -\v 38 38 जहे मारे अगर देमेत्रियस और उनके सँग भए कारिगरके कोइके बिरुद्धमे कुछ उजुर है कहेसे अदालत खुली हैँ और न्यायधिस फिर हैँ, बे एक दुसरेके बिरूद्धमे मुद्दा लडै | \v 39 39 पर जासे अलावा और विषय ऊठान चाहत हव कहेसे जक फैसला लगातार सभामे होबैगो | \v 40 40 काहेकि आजको जा हुलदंगाकी दोष हमर उपर लगन खतरा है | काहेकी जा बिना कारणको दंगाफसादको कोइ सफाई हम ना दै पए हैँ | \v 41 41 इतका कहिके बे सभाके समापन करीं | \ No newline at end of file +\v 38 जहे मारे अगर देमेत्रियस और उनके सँग भए कारिगरके कोइके बिरुद्धमे कुछ उजुर है कहेसे अदालत खुली हैँ और न्यायधिस फिर हैँ, बे एक दुसरेके बिरूद्धमे मुद्दा लडै । \v 39 पर जासे अलावा और विषय ऊठान चाहत हव कहेसे जक फैसला लगातार सभामे होबैगो । \v 40 काहेकि आजको जा हुलदंगाकी दोष हमर उपर लगन खतरा है । काहेकी जा बिना कारणको दंगाफसादको कोइ सफाई हम ना दै पए हैँ । \v 41 41 इतका कहिके बे सभाके समापन करीं | \ No newline at end of file