From 37c5919fa33f599bda11163c5519ed60e3234a4f Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 5 Apr 2023 13:24:20 +0545 Subject: [PATCH] Wed Apr 05 2023 13:24:20 GMT+0545 (Nepal Time) --- 03/21.txt | 2 +- 03/24.txt | 2 +- 04/01.txt | 2 +- 3 files changed, 3 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/03/21.txt b/03/21.txt index 0032eda..8c39e87 100644 --- a/03/21.txt +++ b/03/21.txt @@ -1 +1 @@ -\v 21 परमेश्वर प्राचीनकालसे अपन पवित्र अगमवक्ताक मुहुसे कहिभई सब चिजको पुनस्थार्पना (फिरसे बनानो) ना होन बेरा तक ख्रीष्ट स्वर्गमे जरुर रहान पडैगो | \v 22 मोसा कहि रहए, 'परमप्रभु परमेश्वर मोके खडा करी जैसे, बा तुमरे ददाभैयाके बीचमे एक जनै अगमवक्ता तुमरे ताहिँ खड़ा करैगो | बा तुमसे जो-जो कहिहए बे सब बात तुमके सुनन पडैगो | \v 23 अइसो हुइहए, कि बा अगमवक्ताके ना सुनन बारे जित्तो सबै प्राणी आदमीनके बीचसे नास हुइहएँ | \ No newline at end of file +\v 21 परमेश्वर प्राचीनकालसे अपन पवित्र अगमवक्ताक मुहुसे कहिभई सब चिजको पुनस्थार्पना (फिरसे बनानो) ना होन बेरा तक ख्रीष्ट स्वर्गमे जरुर रहान पडैगो । \v 22 मोसा कहि रहए, 'परमप्रभु परमेश्वर मोके खडा करी जैसे, बा तुमरे ददाभैयाके बीचमे एक जनै अगमवक्ता तुमरे ताहिँ खड़ा करैगो बा तुमसे जो-जो कहिहए बे सब बात तुमके सुनन पडैगो । \v 23 अइसो हुइहए, कि बा अगमवक्ताके ना सुनन बारे जित्तो सबै प्राणी आदमीनके बीचसे नास हुइहएँ । \ No newline at end of file diff --git a/03/24.txt b/03/24.txt index 32e5377..a458f80 100644 --- a/03/24.txt +++ b/03/24.txt @@ -1 +1 @@ -\v 24 "शमूएलसे लैके बासे पिच्छुके सब अगमवक्ता जित्तो मास्की हएँ, बे सब जेही दिनके घोषणा ( पक्की बात बतानो ) करी हएँ | " \v 25 तुम बेहि अगमवक्ताक और बहे करारके सन्तान हौ, जौन बाचा परमेश्वर तुमरे पुर्खा अब्राहामसे अइसे कहिके बाँधीरहए, 'तुमरे सन्तानमे पृथ्बीके सबै परिवार आशिष पएँहएँ |' \v 26 तुम सब अपने दुष्टतासे घुमाएके तुमके आशिष देहौं कहिके परमेश्वर अपन सेवकन के ठडबाई और सबसे अग्गु तुमरे ठिन पठाई |” \ No newline at end of file +\v 24 "शमूएलसे लैके बासे पिच्छुके सब अगमवक्ता जित्तो मास्की हएँ, बे सब जेही दिनके घोषणा ( पक्की बात बतानो ) करी हएँ । " \v 25 तुम बेहि अगमवक्ताक और बहे करारके सन्तान हौ, जौन बाचा परमेश्वर तुमरे पुर्खा अब्राहामसे अइसे कहिके बाँधीरहए, 'तुमरे सन्तानमे पृथ्बीके सबै परिवार आशिष पएँहएँ ।' \v 26 तुम सब अपने दुष्टतासे घुमाएके तुमके आशिष देहौं कहिके परमेश्वर अपन सेवकन के ठडबाई और सबसे अग्गु तुमरे ठिन पठाई ।” \ No newline at end of file diff --git a/04/01.txt b/04/01.txt index 3ca7c31..eea2f2e 100644 --- a/04/01.txt +++ b/04/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 4 \v 1 जब पत्रुस और यूहन्‍ना आदमीनसे मस्कतए रहएँ, पुजारी, मन्दिरके कप्तान और सदुकी बिनके ठिन आए | \v 2 बे दिक्काने रहएँ, काहेकी येशूमे पूनरुत्थान होतहए कहि बात बे आदमीनके सिखात रहएँ और घोषणा ( पक्की बात ) करत् रहएँ | \v 3 तव बे उनके पकड़ीं, और कल तक जेलमे रखाँई, काहेकी बा बेरा संझा हुइगओ रहए | \v 4 पर वचन सुनन बारे मैसे गजबै विश्वास करीं, और विश्वास करन् बारे आदमीनको संख्या लगभग पाँच हजार हुइगओ | \ No newline at end of file +\c 4 \v 1 जब पत्रुस और यूहन्‍ना आदमीनसे मस्कतए रहएँ, पुजारी, मन्दिरके कप्तान और सदुकी बिनके ठिन आए । \v 2 बे दिक्काने रहएँ, काहेकी येशूमे पूनरुत्थान होतहए कहि बात बे आदमीनके सिखात रहएँ और घोषणा ( पक्की बात ) करत् रहएँ । \v 3 तव बे उनके पकड़ीं, और कल तक जेलमे रखाँई, काहेकी बा बेरा संझा हुइगओ रहए । \v 4 पर वचन सुनन बारे मैसे गजबै विश्वास करीं, और विश्वास करन् बारे आदमीनको संख्या लगभग पाँच हजार हुइगओ । \ No newline at end of file