From 35c55ad1cef39c8d1078d51faba41ce445db96c9 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Thu, 20 Jul 2023 08:53:21 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 20 2023 08:53:20 GMT+0545 (Nepal Time) --- 16/37.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/16/37.txt b/16/37.txt index b4b6a0f..46d49a0 100644 --- a/16/37.txt +++ b/16/37.txt @@ -1 +1 @@ -\v 37 \v 39 |" " 37 "पर पावल बिनसे कहि, हम रोमी नागरिकके दोषी न ठहराएके बे आदमिनके अग्गु पीटीं और झेंलमे फिर डारीं, और अब हमके चुप्पएसे निकारन सोचत हओ ? जा न हुइहए | बे अपनाए आमै और हमके निकार के लैजामए |"" " \v 38 38 बे सिपाही हाकिमन के जे बात सुनाइँ। बे ता रोम के बासिन्दा हएँ कहिके सुनके बे डराइ गए| 39 बे आएके उनसे क्षमा मागीं, और उनके बाहिर लैगए, और सहेर छोडके जानके बिन्ती करीं | \ No newline at end of file +\v 37 |" " 37 "पर पावल बिनसे कहि, हम रोमी नागरिकके दोषी न ठहराएके बे आदमिनके अग्गु पीटीं और झेंलमे फिर डारीं, और अब हमके चुप्पएसे निकारन सोचत हओ ? जा न हुइहए | बे अपनाए आमै और हमके निकार के लैजामए |"" " \v 38 38 बे सिपाही हाकिमन के जे बात सुनाइँ। बे ता रोम के बासिन्दा हएँ कहिके सुनके बे डराइ गए| \v 39 39 बे आएके उनसे क्षमा मागीं, और उनके बाहिर लैगए, और सहेर छोडके जानके बिन्ती करीं | \ No newline at end of file