From 0ffe32291f8899af80bacf7c6abb0c616a1b1690 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Tue, 25 Jul 2023 17:59:39 +0545 Subject: [PATCH] Tue Jul 25 2023 17:59:39 GMT+0545 (Nepal Time) --- 07/47.txt | 2 +- 07/51.txt | 2 +- 07/54.txt | 2 +- manifest.json | 2 ++ 4 files changed, 5 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/07/47.txt b/07/47.txt index b6a638e..8d8fd73 100644 --- a/07/47.txt +++ b/07/47.txt @@ -1 +1 @@ -\v 47 तव बाके ताहिँ भवन त सोलोमन बनाई | \v 48 "पर हातसे बनाओ भवनमे परमेश्वर बास ना करत् हए, जैसी अगमवक्ता कहिँ हँए, " \v 49 'मिर सिंहासन स्वर्ग हए, और पृथ्बी मिर टाँगको पावदान, तुम मिर ताहिँ कैसो भवन बनएहौ? परमप्रभु कहातहए, मिर बिश्रामको ठाउँ कौन हए? \v 50 50 का जा सब चीज मेरे हातसे बनाओ ना हए क?' \ No newline at end of file +\v 47 तव बाके ताहिँ भवन त सोलोमन बनाई । \v 48 "पर हातसे बनाओ भवनमे परमेश्वर बास ना करत् हए, जैसी अगमवक्ता कहिँ हँए, " \v 49 'मिर सिंहासन स्वर्ग हए, और पृथ्बी मिर टाँगको पावदान, तुम मिर ताहिँ कैसो भवन बनएहौ? परमप्रभु कहातहए, मिर बिश्रामको ठाउँ कौन हए? \v 50 50 का जा सब चीज मेरे हातसे बनाओ ना हए क?' \ No newline at end of file diff --git a/07/51.txt b/07/51.txt index 3232c1a..fa2ce0f 100644 --- a/07/51.txt +++ b/07/51.txt @@ -1 +1 @@ -\v 51 ' "ए हठी आदमी तुम, कठोर ह्रदयके और बहिरा कान भए, तुम हर समय पवित्र आत्माको बिरोध करत् हौ| तुमरे पुर्खा जैसी करी तुम फिर उइसी करत् हौ | " \v 52 अगमवक्ता मैसे कौनके तुमरे पुर्खा ना सताइँ? बे धर्मि आदमीक आगमन अग्गुसे घोषणा करन् बारेनके सबको हत्या करीँ | बाके तुम विश्वासघात करे, और बाके हत्या करे | बिनके सबके मारे, जौन बे धार्मिक आदमीनक आनबारो समाचार अग्गुसे सुनाइ रहएँ | अब तुम त बाके विश्वासघातक और ज्यानमारा भए हौ | \v 53 स्वर्गदुतसे सुम्पो भव व्यवस्था तुम पाएहौ, पर बाको पालन ना करे |” \ No newline at end of file +\v 51 ' "ए हठी आदमी तुम, कठोर ह्रदयके और बहिरा कान भए, तुम हर समय पवित्र आत्माको बिरोध करत् हौ| तुमरे पुर्खा जैसी करी तुम फिर उइसी करत् हौ । " \v 52 अगमवक्ता मैसे कौनके तुमरे पुर्खा ना सताइँ? बे धर्मि आदमीक आगमन अग्गुसे घोषणा करन् बारेनके सबको हत्या करीँ । बाके तुम विश्वासघात करे, और बाके हत्या करे । बिनके सबके मारे, जौन बे धार्मिक आदमीनक आनबारो समाचार अग्गुसे सुनाइ रहएँ । अब तुम त बाके विश्वासघातक और ज्यानमारा भए हौ । \v 53 स्वर्गदुतसे सुम्पो भव व्यवस्था तुम पाएहौ, पर बाको पालन ना करे ।” \ No newline at end of file diff --git a/07/54.txt b/07/54.txt index dca2044..26bf8ee 100644 --- a/07/54.txt +++ b/07/54.txt @@ -1 +1 @@ -\v 54 |” जब बे जा बात सुनी तव बे दिक्कए गए और दिक्कएके चुर हुइके किटकिटन लागे | \v 55 पर बा त पवित्र आत्मासे भरपुर हुइके स्वर्गघेन एकटक लगएके देखी, और परमेश्वरको महिमा और येशूके परमेश्वरको दहिनाघेन ठड़ो देखी | \v 56 बा कहि, “देखाओ, स्वर्ग उघ्रो मए देखोहौ, और आदमीको पुत्रके परमेश्वरको दहिनाघेन ठड़ो मए देखतहौ |” \ No newline at end of file +\v 54 |” जब बे जा बात सुनी तव बे दिक्कए गए और दिक्कएके चुर हुइके किटकिटन लागे । \v 55 पर बा त पवित्र आत्मासे भरपुर हुइके स्वर्गघेन एकटक लगएके देखी, और परमेश्वरको महिमा और येशूके परमेश्वरको दहिनाघेन ठड़ो देखी । \v 56 बा कहि, “देखाओ, स्वर्ग उघ्रो मए देखोहौ, और आदमीको पुत्रके परमेश्वरको दहिनाघेन ठड़ो मए देखतहौ ।” \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 532a3ad..9215dce 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -140,6 +140,8 @@ "07-41", "07-43", "07-44", + "07-47", + "07-51", "08-title", "09-title", "10-title",