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\v 9 एक रात दर्शनमे प्रभु पावलसे कहि, “मत डराए, पर मस्कतए जा, और चुप मत लगाए, \v 10 काहेकी मए तिर संग हौँ । और कोइ फिर तोके पकडके कछु हानि ना कर पए हए, काहेकी जा सहेरमे मिर बहुत आदमी हँए ।” \v 11 औ परमेश्वरको वचन सिखातए पावल एक वर्ष छए महिनातक बिनके संग बैठो ।