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\v 19 "जहेमारे मिर फैसला जा हए, की परमेश्‍वार के घेन लौटनबारे अन्याजातिनके हम दु:ख ना देमए, \v 20 पर बिनके जा बातलिख देमए, की बे मुर्तिपुजाके अशुध्द्तासे अलग रहए, व्यविचारसे अमेठ के मारो भव पशुको बुट्टी और रगतसे अलग रहए । \v 21 काहेकि पुस्तौसे सहरै पिच्छु मोशाको व्यवस्थाके प्रचार होत आओ हए, काहेकि जा सब सभाघरमे और सबए शबाथमे पढत हए ।'