thr_act_text_reg/15/15.txt

1 line
881 B
Plaintext
Raw Normal View History

\v 15 जहे बातसे अगमवक्ताक् वचन फिर मिलत हए, जैसो लिखो हए, \v 16 जे बात पिच्छु मै फिर लौटङ्गो, और दाउदको उजणो घर फिर बनामंगो, बाको रहोबचो मै फिर बनए हौँ, और बाके फिर ठणबामंगो, \v 17 और बाँकि आदमी प्रभुके ढुँणसकए, और सबए अन्याजाति फिर, जौन मिर नाउँ से बुलाए भए हँए, \v 18 जा बात परमप्रभु कहत हए, जौन पुरानो समयसे जे बात बताइ हए, जौन सृष्टिको सुरुवातसे पता रहंए ।'