thr_act_text_reg/17/26.txt

1 line
553 B
Plaintext
Raw Normal View History

\v 26 बा एक जनीसे जम्मए पृथ्बीमे बास करन बारो आदमीनके हरेक जाति बनाई हए । बिनको बैठन बारो समय और सिमाना फिर तोक दैहए, \v 27 बे परमेश्वरके ढुणए, साइत बे टपटोरके पए हँए कि कहिके आसरामे अइसो करी । तहुं फिर हम कोइसे दुर ना हए ।