thr_act_text_reg/26/06.txt

1 line
755 B
Plaintext
Raw Normal View History

\v 8 \v 6 परमेश्वोर हमार पुर्खानसे करो भव प्रतिज्ञा मे मए आशा करोके कारनसे आज मए जा मुद्दा मे ठाडो हौ \v 7 हमार बाह्र कुल जा आशा प्राप्त करनताँहि रात दिन एकै मनसे आराधना करत हँए, और जाहे आशाके ताहिँ हे राजा यहूदी मोके दोष लगाई हँए \परमेश्वर मरेभएनके जिन्दा करात हए कहि बात काहे तुम कोइ ना पतियात हौ ।