thr_act_text_reg/26/09.txt

1 line
1015 B
Plaintext
Raw Permalink Normal View History

\v 9 "नसरतके येशूको नाउँको बिरुद्दमे गजब कारबाही करन पडत हए कहिके मए अपनै के फिर विश्‍वास रहए।" \v 10 मए येरुशलेममे अइसीयए करो, और मुखिया पुजारीसे हुकुम पाएके गजब सन्तके मए जेल खानामे डारो इकल्लो ना पर बिनके मारतए बिनके बिरुध्दमे मए मिर बिचर फिर दओ। \v 11 तव सब सभाघरमे बिनके घरिघरि सजाय दैके बिनके विश्‍वास छोडानके कोशिस करत रहौ | उनके बिरुध्दमे क्रोधसे जलन हुइके बाहिरके सहेरमे फिर मए उनके सताओ।