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\c 6 \v 1 परमेश्वरको सहकर्मी भवक मारे हम तुमके बिन्ती करत हँए, कि बाको अनुग्रह व्यर्थ होन मत देओ, \v 2 काहेकी बो कहात हए, “ग्रहण योग्य( ठिक) समयमे मए तुमर पुकरा सुनहौ, और मुक्तिको दिनमे मए तुमके सहायता करेहौ ।” देखौ ग्रहण योग्य(तहिक) समय हबए हए, मुक्तिको दिन हबए हए । \v 3 हमर सेवामे दोष नापामए कहिके हम कोइके डगरमे रोकावटको कारण नाए बने हए,