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\c 4 \v 1 अन्तमे भैयाओ, प्रभु येशूमे हम तुमके आग्रहपुर्वक बिन्ती करतहँए और अर्ती देतहँए, कि तुम कैसे जिनो और परमेश्वरके खुशी बनान पणत् हए करके तुमसे सिखौ और उइसी करत फिर हौ, बामे तुम और जद्धा बढत् जाओ । \v 2 काहेकी तुमके पता हए हम प्रभु येशूसे कौन-कौन आदेश तुमके दओ । |