\v 3 काहेकी परमेश्वरको इच्छा जो तुमके पवित्रकरण फिर हए, सो जा हए कि तुम व्यभिचारसे अलग वैठौ। \v 4 पवित्रता और आदरसाथ अपन ताहिँ पत्नी लिओ, सो तुम प्रत्येक जानओ, \v 5 पर परमेश्वरके नाए चिन्नबारो अविश्वासी जैसे कामुकताको कुवासनामे मत बैठीओ \v 6 जा बारेमे कोइ अपराध करके अपन भैयाके खराबी मतकरीओ, काहेकी अइसो सब बातमे बदला लेनबारो प्रभु हए।