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\c 5 \v 1 \v 2 \v 3 1 पर भैया हो, समय और बेराके बारेमे तुमके कुछु लिखनके जरुरत नैयाँ| 2 काहेकी तुम अपनए अच्छेसे जन्त हौ, प्रभुको दिन त रातमे चोर आत कता अबैगो| 3 "जब आदमी ""शान्ति और सुरक्षा"" कहमंगे, तव गर्भवती बैयर बेथा लागो कता अचानक बिनके उपर विनाश आए लगेहए, और बे कोइ रितिसे नाएबाँचपएहँए|"

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\v 4 \v 5 \v 6 \v 7 4 पर भैया हो, तुम अन्धकारमे नैयाँ, अथवा बो दिन तुमके चोर जैसो चकित नाए पणपए हए| 5 कहेकी तुम सब ज्योतिके सन्तान और दिनके सन्तान हौ| हम रातके और अन्धकारके सन्तान नैयाँ| 6 जहेमारे और कता हम नाए सोमए, पर जागे वैठए, और सचेत होमए| 7 काहेकी सोनबारे रातमे सोतहँए, और दारु पिके नशाहोनबारे रातए मे नशाहोतहँए|

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\v 8 \v 9 \v 10 \v 11 | 8 पर हमचाहिँ दिनके हँए बहेमारे हम सचेत होमए, और विश्वास और प्रेमको छातीको पाता और मुक्तिको आशाको टोप लगऔ| 9 काहेकी परमेश्वर हमके क्रोधके ताहिँ नैयाँ पर हमर प्रभु येशू ख्रीष्टसे मुक्ति प्राप्त करनके अग्गुसे नियुक्त करी हए| 10 बो हमर ताहिँ मरो, ताकि हम जागा वैठए और सोत होमए, हम सब बोके साथमे जिसकए| 11 जहेमारे एक दुसरेके उत्साह देओ, और एक दुसरेके बलियो बनान काम करए, जैसी तुम कर्त फिर हौ|

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05/12.txt Normal file
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\v 12 \v 13 \v 14 12 पर भैया हो, हम तुमके आग्रहपुर्वक बिन्ती कर्त हँए, कि तुमरे बीचमे परिश्रम करन बारे, जो प्रभुमे अगुवा हँए और तुमके चेताउनी देतहँए, बिनके आदर करऔ| 13 और बिनके कामके खातिर बिनके प्रेम साथ बहुत बणो आदर करऔ| 14 भैया हो, हम तुमके अर्ती देतहँए कि अल्छिनके चेताउनी देओ| हरेस खानबारेनके हिम्मत देओ| कमजोरनके मद्दत करऔ| बे सबके सहनशीलता दिखओ|