\v 10 10 हम ख्रीष्टके खातिर मूर्ख हँए, पर तुम त ख्रीष्टमे बुध्दिमान हौ । हम दुर्बल हँए, पर तुम बलियो हौ । तुमर आदर हँए, पर हमर अनादर । \v 11 11 जहे घरी हम भुखे और प्यासे हँए, नाङबा हँए, कुटाई खातहँए और बिना घरके हँए ।